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पौड़ी को कुपोषण मुक्त बनाने की कवायद, कैंप लगाकर बच्चों का किया परीक्षण - पौड़ी कुपोषण न्यूज

जिला चिकित्सालय के डॉक्टर्स की ओर से कैंप लगाकर बच्चों में कुपोषण का परीक्षण किया जा रहा है. कैंप में परीक्षण में जो भी बच्चा कुपोषण से ग्रस्त पाया जाएगा , उसका उपचार कर उसे सामान्य अवस्था मे लाया जाएगा.

बच्चों में किया जा रहा कुपोषण का परीक्षण
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Published : Sep 24, 2019, 7:45 PM IST

पौड़ी: बाल विकास विभाग और स्वास्थ विभाग की ओर से सितंबर को पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है. जिसमें जनपद के नवजात बच्चों और नौनिहालों को कुपोषण से मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है. ऐसे में शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में कैंप लगाकर बच्चों में कुपोषण का परीक्षण किया जा रहा है.

बच्चों में किया जा रहा कुपोषण का परीक्षण

मंगलवार को जिला चिकित्सालय में इस जांच शिविर का आयोजन किया गया था. जिसमें जो भी बच्चा कुपोषण से ग्रस्त पाया जाएगा, उसे तबतक निगरानी में रखा जाएगा जबतक वह सामान्य अवस्था में न आ जाए.

यह भी पढ़ें-अल्मोड़ाः चुनाव में अहम रहेगा सियासी घमासान, जिला पंचायत की 45 सीटों पर होगा दंगल

वहीं, बच्चों साथ आई महिलाओ में भी एनिमिया और आयरन की कमी को दूर करने के लिए उन्हें पौष्टिक आहार सेवन की सलाह दी गई. साथ ही उन्हें पुष्टाहार भी बांटे गए. बता दें कि बाल विकास विभाग द्वारा संचालित ये कैंप जनपद के अन्य कई दूरस्थ क्षेत्रो में लगाये गए हैं. जिससे ग्रामीणों को शहर के चक्कर न काटने पड़े.

वहीं, पूरे माह चलने वाले इस अभियान में कुपोषण को दूर करने के साथ ही स्वास्थ्य विभाग की टीम की ओर से नुक्कड़ नाटकों का आयोजन भी किया जा रहा है. ताकि लोगों को जागरुक किया जा सके.

यह भी पढ़ें-हरिद्वारः सिडकुल की SUEZ फैक्ट्री में फटा सिलेंडर, दो की मौत

इस मौके पर बाल विकास प्रेरक विश्वमोहनी ने बताया कि महिलाओं को बच्चों को पौष्टिक आहार देने के साथ-साथ स्वास्थ्य रहने की अन्य जानकारियां दी गई है. इस कार्यक्रम के तहत जनपद में जितने भी कुपोषित पाए जाएंगे, उन सभी का तबतक पूरा ध्यान रखा जाएगा, जबतक वह सामान्य स्थिति में नहीं आ जाते.

पौड़ी: बाल विकास विभाग और स्वास्थ विभाग की ओर से सितंबर को पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है. जिसमें जनपद के नवजात बच्चों और नौनिहालों को कुपोषण से मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है. ऐसे में शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में कैंप लगाकर बच्चों में कुपोषण का परीक्षण किया जा रहा है.

बच्चों में किया जा रहा कुपोषण का परीक्षण

मंगलवार को जिला चिकित्सालय में इस जांच शिविर का आयोजन किया गया था. जिसमें जो भी बच्चा कुपोषण से ग्रस्त पाया जाएगा, उसे तबतक निगरानी में रखा जाएगा जबतक वह सामान्य अवस्था में न आ जाए.

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वहीं, बच्चों साथ आई महिलाओ में भी एनिमिया और आयरन की कमी को दूर करने के लिए उन्हें पौष्टिक आहार सेवन की सलाह दी गई. साथ ही उन्हें पुष्टाहार भी बांटे गए. बता दें कि बाल विकास विभाग द्वारा संचालित ये कैंप जनपद के अन्य कई दूरस्थ क्षेत्रो में लगाये गए हैं. जिससे ग्रामीणों को शहर के चक्कर न काटने पड़े.

वहीं, पूरे माह चलने वाले इस अभियान में कुपोषण को दूर करने के साथ ही स्वास्थ्य विभाग की टीम की ओर से नुक्कड़ नाटकों का आयोजन भी किया जा रहा है. ताकि लोगों को जागरुक किया जा सके.

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इस मौके पर बाल विकास प्रेरक विश्वमोहनी ने बताया कि महिलाओं को बच्चों को पौष्टिक आहार देने के साथ-साथ स्वास्थ्य रहने की अन्य जानकारियां दी गई है. इस कार्यक्रम के तहत जनपद में जितने भी कुपोषित पाए जाएंगे, उन सभी का तबतक पूरा ध्यान रखा जाएगा, जबतक वह सामान्य स्थिति में नहीं आ जाते.

Intro: बाल विकास विभाग और स्वास्थ विभाग पौड़ी की ओर से सितंबर माह को पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है। जनपद के नवजात बच्चे और नौनिहालो को कुपोषण से मुख्त करने और इस रोग को जड़ से खत्म करने के लिए शहरों और ग्रामीण छेत्रों में जिला चिकित्सालय के डॉक्टर्स की ओर से कैंप लगाकर बच्चो में कुपोषण का परीक्षण किया जा रहा है जो भी बच्चा इस परीक्षण में कुपोषित से ग्रस्त वर्ग में आ रहा है उसका उपचार कर उसे सामान्य अवस्था मे लाया जाएगा।


Body:जनपद पौड़ी में नवजात बच्चों का कुपोषण रोग का परीक्षण किया जा रहा है। जिसमे बच्चों साथ आई महिलाओ में भी अमिनिया और आयरन की कमी को दूर करने के लिए इन्हें भी बच्चो के साथ भरपूर पौष्टिक आहारो के सेवन की सलाह देकर पौष्टिक आहार बांटे गए। बाल विकास विभाग द्वारा संचालित ये कैंप जनपद के अन्य कई दूरस्थ क्षेत्रो में लगाये गए हैं जिससे ग्रामीणों को शहर के चक्कर न काटने पड़े। वही पूरे माह चलने वाले इस अभियान में कुपोषण को दूर करने के साथ ही स्वास्थ विभाग की टीम की ओर से नुक्कड़ नाटक की मदद से भी जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। वही प्रेरक विश्वमोहनी ने कहा कि पूरा सितंबर माह पोषक माह के रूप में मनाया जा रहा है जिसमें की नौनिहालों का परीक्षण कर उनमें कुपोषण के लक्षणों को देखते हुए उनके सामान्य होने तक उनका ध्यान रखा जाएगा। इसके साथ ही बच्चों को पौष्टिक आहार देने के साथ-साथ स्वास्थ्य रहने की अन्य जानकारियां भी दी गई उनका उद्देश्य है कि जनपद में जितने भी कुपोषित नौनिहाल है तब तक वह सामान्य अवस्था में नहीं आ जाते तब तक उनका पूरा ध्यान रखा जाएगा।
बाईट-विश्वमोहनी(प्रेरक बाल विकास पौड़ी)Conclusion:
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