श्रीनगर: मां धारी देवी की डोली यात्रा पंच प्रयागों के स्नान के बाद श्रीनगर पहुंची. डोली पहुंचने के बाद लाखों भक्तों ने मां भगवती के दर्शन किए. 13 फरवरी से शुरू हुई डोली यात्रा ईष्टदेव सेवा समिति देहरादून के तत्वाधान में देव संस्कृति के प्रचार- प्रसार के लिए श्रीनगर पहुंची थी.
पौड़ी तिराहे से अदिति वेडिंग प्वांइट तक लोग डोली यात्रा में शामिल हुए. डोली यात्रा के साथ चल रहे आचार्य सुरेन्द्र प्रसाद सुन्द्रियाल ने बताया कि मां धारी देवी डोली यात्रा 21 दिवसीय है, जो 13 जनवरी को देहरादून से शुरू हुई थी और हरिद्वार, रुड़की, मुजफ्फरनगर, दिल्ली होते हुए बसंत पंचमी को स्नान करने प्रयागराज पहुंची. यात्रा का समापन 2 फरवरी को धारीदेवी मन्दिर में हवन, यज्ञ और भण्डारे के साथ होगा.
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उन्होने बताया कि इस डोली यात्रा का मुख्य उद्देश्य उत्तराखण्ड की सुख समृद्वि और देव संस्कृति का प्रचार- प्रसार करना है. यात्रा का हर जगह भक्तों ने स्वागत किया. उन्होंने 2 फरवरी को सभी भक्तजनों से धारी देवी मन्दिर में अधिक से अधिक संख्या में आकर प्रसाद ग्रहण करने की बात भी कही. इस अवसर पर गिरीश पैन्युली, खिलेन्द्र चौधरी, हिमांशु अग्रवाल, मधुसूदन जुयाल, राजदीप भट्ट, वासुदेव कण्डारी, केके गुप्ता, राजीव विश्नोई, ओमप्रकाश गोदियाल, मनोज उनियाल, वरुण कपून, अनुग्रह मिश्रा, हरिसिंह बिष्ट, नीरज रावत, मुन्नी पाण्डेय, प्रमिला भण्डारी, अंजना डोभाल आदि उपस्थित रहे.