श्रीनगरः पौड़ी जिले में लंपी वायरस कहर बरपा रहा है. अभी तक जिले में 40 मवेशियों की मौत हो चुकी है. ये आंकड़े अप्रैल से अब तक के हैं. हालांकि, पशुपालन विभाग का दावा है कि विभागीय चिकित्सकों की टीम मवेशियों के टीकाकरण में जुटी है. इसके अलावा पशुपालकों को जागरूक करने और इससे बचाव को लेकर शिविर भी आयोजित किए जा रहे हैं.
बता दें कि पौड़ी जिले में अप्रैल से पशुओं में लंपी वायरस फैलने के मामले सामने आने लगे थे. तब से लेकर अब तक पौड़ी, खिर्सू , कल्जीखाल, पोखड़ा, दुगड्डा, पाबौ आदि विकास खंडों के कई गांवों में लंपी वायरस से अब तक 40 पशुओं की मौत हो चुकी है. लंपी एक वायरस है, जो पशुओं में फैलती है.
पशुपालन विभाग पौड़ी के मुताबिक, मौजूदा समय में पौड़ी, खिर्सू, दुगड्डा, पाबौ क्षेत्रों में काफी संख्या में पशु लंपी से संक्रमित हैं, लेकिन पशुपालन विभाग का कोई भी पशु चिकित्सक तैनात न होने से पशुपालक काफी परेशान हैं. एक फार्मासिस्ट के भरोसे सब चल रहा है.
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मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डीएस बिष्ट का कहना है कि पशुपालन और डेयरी विभाग तक लंपी वायरस से 40 पशुओं के संयुक्त निरीक्षण और सर्वे में मृत्यु हुई है. जिले में लंपी बीमारी को काफी हद तक नियंत्रित कर ली गई है. चिकित्सकों की टीम गांवों में पशुओं के टीकाकरण के अलावा आमजन को जागरूक और सावधानी बरतने के लिए शिविर भी आयोजित कर रही है.
वहीं, अब तक डेढ़ लाख पशुओं को वैक्सीन दी जा चुकी है, लेकिन अब भी तेजी से लंपी वायरस पशुओं में देखा जा रहा है. जिसकी रोकथाम प्रभावी ढंग से की जा रही है. उधर, मवेशियों की मौत के बाद कई लोगों की आजीविका छीन गई है. क्योंकि, कई परिवार का जीवन यापन इन मवेशियों के दूध आदि से हो रहा था.