श्रीनगर: तहसील प्रशासन की ओर से खनन पट्टे में की गई कार्रवाई से नाराज खनन आवंटी राजेंद्र बिष्ट भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं. राजेंद्र बिष्ट का आरोप है कि एसडीएम की मनमानी कारवाई से उनको आर्थिक नुकसान हो रहा है. खनन आवंटी के समर्थन में ट्रक यूनियन के सदस्यों ने भी धरना दिया. वहीं दूसरी ओर एसडीएम ने इसे खनन व्यवसायी की दादागिरी बताया है.
खनन कारोबारी राजेंद्र बिष्ट तयशुदा कार्यक्रम के तहत तहसील कार्यालय में धरने पर बैठ गए. उन्होंने श्रीकोट में अलकनंदा नदी किनारे 10 से 12 गुना की उच्चतम बोली में खनन पट्टे ले रखे हैं. विगत 14 और 15 अक्टूबर को एसडीएम उनके खनन पट्टे में आए और ट्रकों का चालान कर दिया. उनके मजदूरों को भगा दिया. ट्रक यूनियन के सदस्यों ने कहा कि कार्रवाई के नाम पर प्रशासन ने कई दिन तक उनके ट्रकों को खड़ा रखा. इससे उनकी किश्त भरनी मुश्किल हो गई. लगातार कई दिनों तक माल से भरे होने की वजह से ट्रकों को नुकसान पहुंचा है.
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उपजिलाधिकारी श्रीनगर अजयवीर सिंह ने कहा कि उनके स्तर पर कोई मामला लंबित नहीं है. नियम तोड़ने पर ट्रकों के चालान किए गए. पट्टे में कमियों की रिपोर्ट डीएम को भेज दी गई है. खनन व्यवसायी दादागिरी कर रहा है. नदी के जलस्तर की वजह से मजदूरों को नदी से हटाया गया है.