श्रीनगर: लैब टेक्नीशियन अपनी मांगों को लेकर कोई कार्रवाई न होने से नाराज हैं. उन्होंने कहा कि जल्द उनकी मांगों पर गौर नहीं हुआ तो वे भूख हड़ताल करने को बाध्य होंगे.
मेडिकल लैब टेक्नीशियन एसोसिएशन के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राकेश रावत, प्रमोद रावत, नीरू रावत और विनोद चमोली का कहना है कि कोरोना संक्रमण को लेकर लैब टेक्नीशियन दिन-रात अपनी सेवाएं दे रहें है. लेकिन उसके बावजूद भी सरकार वेतन कटौती कर कर्मचारियों का मनोबल गिरा रही है. उन्होंने वेतन कटौती के आदेश को तत्काल प्रभाव से निरस्त करने की मांग की है.
उन्होंने कहा कि प्रदेश में मात्र 150 नियमित एलटी व कुछ एलटी संविदा में कार्यरत हैं, जो कि दिन-रात जान जोखिम में डालकर कोविड सैंपलिंग, ब्लड बैंक, राष्ट्रीय कार्यक्रम, डेंगू, मलेरिया, टीवी और एचआईवी लैब में कार्य कर रहे हैं. लेकिन लैब टेक्नीशियनों को कोई भी भत्ता नहीं दिया जा रहा है.
पढ़ेंः कांग्रेस पार्षद की शिकायत पर विधायक ठुकराल के भाई पर मुकदमा दर्ज
उन्होंने लैब टेक्नीशियन की सेवाओं को दृष्टिगत करते हुए भारत सरकार के अनुरूप लैब टेक संवर्ग को भी जोखित भत्ता दिए जाने की मांग की है. पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राकेश रावत ने लैब सेम के संवर्गीय ढांचे एवं सेवा नियमावली को लंबित प्रक्रियां को पूरा किए जाने व नए पदों पर नियुक्ति प्रक्रियां शुरू किए जाने की मांग की.
साथ ही उन्होंने प्रत्येक एलटी को दस वर्ष की सेवाएं पूर्ण करने पर तत्काल प्रभाव से एमएसीपी लागू किए जाने की मांग की है. इस संदर्भ में पूर्व में चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के सचिव को ज्ञापन प्रेषित किया गया है. उन्होंने कहा कि यदि 5 जुलाई तक मांगों पर सकारात्मक कार्रवाई नहीं होती है तो वे भूख हड़ताल के लिए बाध्य होंगे.