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एक दिन के लिए न्यूजीलैंड की राजदूत बनी कक्षा 12वीं की कुमकुम, साझा किए अपने अनुभव

पौड़ी में सरस्वती विद्या मंदिर में 12वीं की छात्रा कुमकुम पंत का एक दिन के लिए न्यूजीलैंड की राजदूत के लिए चयन हुआ था. कुमकुम ने ईटीवी भारत के साथ अपने अनुभव साझा किए.

कुमकुम
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Published : Oct 14, 2019, 11:26 PM IST

पौड़ी: सरस्वती विद्या मंदिर में 12वीं की छात्रा कुमकुम पंत को एक दिन के लिए न्यूजीलैंड की राजदूत बनने का मौका मिला है. पूरे प्रदेश में से केवल 2 बालिकाओं का चयन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उच्च पदों के लिए हुआ. अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कुमकुम को ये मौका मिला. कुमकुम ने अपने अनुभव ईटीवी भारत के साथ साझा किए.

एक दिन के लिए न्यूजीलैंड की राजदूत बनी कक्षा 12वीं की कुमकुम

कुमकुम ने बताया कि उसने उत्तराखंड में बालिकाओं की समस्या, कृषि, पलायन, शिक्षा और स्वास्थ्य समेत विभिन्न समस्याओं को प्रमुखता से उठाया और इनके निवारण के लिए सुझाव भी दिए.

कुमकुम पंत भुवनेश्वरी महिला आश्रम और प्राण इंडिया जैसे भारत के महिला संरक्षण कार्यक्रम का हिस्सा भी रही हैं. इस वक्त कुमकुम बाल विधानसभा में गृहमंत्री के पद पर हैं. कुमकुम ने बताया कि न्यूजीलैंड के दूतावास में बालिकाओं का संरक्षण किस प्रकार किया जा सकता है और क्या-क्या कमियां इसमें रह जाती हैं, इस बारे में न्यूजीलैंड के प्रतिनिधिमंडल के साथ अपनी जानकारियां साझा की और सुझाव भी दिए.

पढ़ेंः इंडिया कल्ट लाइफ स्टाइल फैशन वीक का समापन, भारतीय फुटबॉलर प्रथमेश मौलिंगकर ने किया रैंप वॉक

कुमकुम ने बताया कि उच्च शिक्षा में सेवाएं देकर वह देश का नाम रोशन करना चाहती हैं. न्यूजीलैंड दूतावास में राजदूत बनने से कुमकुम की मां पूनम पंत भी काफी खुश हैं. अपनी बेटी पर गर्व करते हुए पूनम कहती है कि आज समाज में लड़कों के मुकाबले बालिकाओं को बहुत कम मौके मिलते हैं. लेकिन देखा जाए तो आज बालिकाएं किसी भी क्षेत्र में कम नहीं हैं. पूनम ने कहा कि आज समाज को जरुरत है कि लड़की और लड़के में कोई फर्क न किया जाए.

पौड़ी: सरस्वती विद्या मंदिर में 12वीं की छात्रा कुमकुम पंत को एक दिन के लिए न्यूजीलैंड की राजदूत बनने का मौका मिला है. पूरे प्रदेश में से केवल 2 बालिकाओं का चयन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उच्च पदों के लिए हुआ. अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कुमकुम को ये मौका मिला. कुमकुम ने अपने अनुभव ईटीवी भारत के साथ साझा किए.

एक दिन के लिए न्यूजीलैंड की राजदूत बनी कक्षा 12वीं की कुमकुम

कुमकुम ने बताया कि उसने उत्तराखंड में बालिकाओं की समस्या, कृषि, पलायन, शिक्षा और स्वास्थ्य समेत विभिन्न समस्याओं को प्रमुखता से उठाया और इनके निवारण के लिए सुझाव भी दिए.

कुमकुम पंत भुवनेश्वरी महिला आश्रम और प्राण इंडिया जैसे भारत के महिला संरक्षण कार्यक्रम का हिस्सा भी रही हैं. इस वक्त कुमकुम बाल विधानसभा में गृहमंत्री के पद पर हैं. कुमकुम ने बताया कि न्यूजीलैंड के दूतावास में बालिकाओं का संरक्षण किस प्रकार किया जा सकता है और क्या-क्या कमियां इसमें रह जाती हैं, इस बारे में न्यूजीलैंड के प्रतिनिधिमंडल के साथ अपनी जानकारियां साझा की और सुझाव भी दिए.

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कुमकुम ने बताया कि उच्च शिक्षा में सेवाएं देकर वह देश का नाम रोशन करना चाहती हैं. न्यूजीलैंड दूतावास में राजदूत बनने से कुमकुम की मां पूनम पंत भी काफी खुश हैं. अपनी बेटी पर गर्व करते हुए पूनम कहती है कि आज समाज में लड़कों के मुकाबले बालिकाओं को बहुत कम मौके मिलते हैं. लेकिन देखा जाए तो आज बालिकाएं किसी भी क्षेत्र में कम नहीं हैं. पूनम ने कहा कि आज समाज को जरुरत है कि लड़की और लड़के में कोई फर्क न किया जाए.

Intro:पौड़ी के एक विद्यालय सरस्वती विद्या मंदिर की 12वी की छात्रा कुमकुम पंत का चयन 1 दिन के लिए न्यूजीलैंड की राजदूत बनी। अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कुमकुम को यह मौका मिला। जिसके बाद आज कुमकुम ने अपने अनुभव को साझा करते हुए बताया कि अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के उपलक्ष में किया गया था जिसमें पूरे प्रदेश में से केवल 2 बालिकाओं का चयन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उच्च पदों पर आसीन पदों पर एक दिवसीय कार्यक्रम के तहत पदभार ग्रहण करने का था। 1 दिन के और वह में कुमकुम ने बताया कि उन्होंने उत्तराखंड में बालिकाओं की समस्याओं और प्रदेश में कृषि पलायन शिक्षा स्वास्थ्य आदि समस्याओं को प्रमुखता से उठाते हुए इनके निवारण के लिए सुझाव भी दिए।


Body:कुमकुम पंत ने बताया कि भुवनेश्वरी महिला आश्रम और प्राण इंडिया जैसे भारत के महिला संरक्षण कार्यक्रम का हिस्सा भी रही है। वर्तमान में कुमकुम बाल विधानसभा में ग्रह मंत्री के पद पर भी है, उन्होंने बताया की उन्होंने न्यूजीलैंड के दूतावास में बालिकाओं का संरक्षण किस प्रकार किया जा सकता है और क्या-क्या कमियां इसमें रह जाती हैं इस बारे में न्यूजीलैंड के प्रतिनिधिमंडल के साथ अपनी जानकारियां साझा की और कुछ सुझाव भी उनको दिए। किस प्रकार उसने अपनी 1 दिन की कार्यकाल में क्या-क्या किया। भविष्य में उच्च शिक्षा में सेवाएं देकर देश का नाम रोशन करना चाहती है,न्यूजीलैंड के दूतावास में राजदूत बनने से कुमकुम की मां पूनम पंत बहुत खुश है पूनम पंत ने बताया कि आज समाज में बालकों के मुकाबले बालिकाओं को बहुत कम मौके मिलते हैं लेकिन देखा जाए तो आज बालिकाएं बालक उसे किसी भी क्षेत्र में कम नहीं है इसलिए वह सभी से आग्रह करती है कि अपने बालक और बालिका में बिल्कुल भी फर्क ना रखें और जिस तरह से अपने बालक को हर क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए मौका दिया जाता है उसी तरह अपनी बालिकाओं को भी मौका देना चाहिए ताकि वह अपने घर अपने देश का नाम रोशन कर सकें।
बाइट- कुमकुम पंत,छात्रा
बाइट-3 पूनम पंत,कुमकुम की माँ




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