कोटद्वार: अनलॉक के बाद कोटद्वार नगर निगम ऑडिटोरियम में पहली बोर्ड बैठक आयोजित हुई. बैठक की शुरुआत में ही भाजपा और कांग्रेस के पार्षद के बीच तीखी नोकझोंक शुरू हो गई. संपत्ति कर पर आक्रोशित पार्षदों ने महापौर हेमलता नेगी और नगर आयुक्त पीएल शाह की एक न सुनी.
बदरीनाथ मार्ग स्थित ऑडिटोरियम में आयोजित बोर्ड बैठक में भाजपा और कांग्रेस के पार्षदों के बीच संपत्ति कर को लेकर तीखी नोकझोंक हुई. जहां कांग्रेस पार्षद इसे सरकार का आदेश बता रहे थे तो भाजपा के पार्षदों ने महापौर, नगर आयुक्त और कांग्रेसी पार्षदों पर मिलीभगत कर संपत्ति कर को जबरदस्ती जनता पर थोपने का आरोप लगाया, इस दौरान निगम सभागार में जमकर हंगामा हुआ.
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आक्रोशित पार्षदों को समझाने के लिए महापौर और नगर आयुक्त ने भी माइक का सहारा लिया, लेकिन उन्होंने किसी भी एक न सुनीं. बता दें कि बीती 25 फरवरी को नगर निगम की बोर्ड बैठक आयोजित हुई थी, उसके 9 महीने के बाद आज ऑडिटोरियम में बोर्ड बैठक का आयोजन किया गया था.
कोटद्वार नगर निगम मेयर हेमलता नेगी का कहना है कि निगम का कार्य शहर में साफ-सफाई, प्रकाश व्यवस्था और कर वसूली है. मैं जनता के बीच काफी लंबे समय से जुड़ी हूं. मैं जानती हूं कि नगर जो ग्रामीण क्षेत्र की जनता जो नगर निगम में जुड़ी वह है. वह ये टैक्स नहीं दे सकते. इसलिए मैंने मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी. मैंने उनसे आग्रह किया कि अभी नगर निगम में जो ग्राम पंचायतें जुड़ी हैं, उनसे टैक्स ना वसूला जाए और नगर निगम में जितनी भी ग्राम पंचायत जुड़ी है उनसे आगामी दस साल तक टैक्स ना वसूला जाय.