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कोटद्वार नगर निगम में लाखों रुपए का गबन, आयुक्त की तहरीर पर मुकदमा दर्ज - कोटद्वार नगर निगम में लाखों रुपए का गबन

कोटद्वार नगर आयुक्त किशन सिंह नेगी ने नगर निगम कर्मचारी पंकज रावत और फर्म मालिक सुनीता देवी के खिलाफ तहरीर दी है. उनका आरोप है कि बिना कार्य किए ही फर्म चेक के माध्यम से 23,89,584 रुपए सुनीता देवी के खाते में डाल दिए गए हैं.

Kotdwar Municipal Corporation
कोटद्वार नगर निगम
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Published : Oct 14, 2022, 6:06 PM IST

कोटद्वारः पौड़ी जिले के कोटद्वार नगर निगम में गबन का मामला सामने आया है. यहां निगम कर्मचारियों की मिलीभगत से लाखों रुपए का हेर फेर हुआ है. ‌मामले में नगर आयुक्त किशन सिंह नेगी ने कोटद्वार कोतवाली में निगम के कर्मचारी पंकज रावत और फर्म मालिक सुनीता देवी के खिलाफ तहरीर दी है. जिसमें उन्होंने बताया है कि कोटद्वार में कोई भी बिना विकास कार्य किए ही फर्म को भुगतान कर दिया गया है.

दरअसल, कोटद्वार नगर निगम के नगर आयुक्त किशन सिंह नेगी (Kotdwar Municipal Commissioner Kishan Singh Negi) ने नगर निगम के लेखाकार विभाग के कर्मचारी पंकज रावत (वरिष्ठ सहायक) और ठेकेदार सुनीता देवी के खिलाफ नामजद तहरीर दी है. जिसमें उन्होंने बताया है कि आदर्श नगर कॉलोनी में सीसी मार्ग आदि का निर्माण किया जाना था, लेकिन बिना काम किए ही चार बैंकों के चेक के माध्यम से 23,89,584 रुपए सुनीता देवी के खाते में डाल दिए गए हैं. जबकि, एमबी बुक में सहायक अभियंता और ठेकेदार के हस्ताक्षर भी नहीं दर्शाए गए हैं. उनका कहना है कि मामले में जब अपर अभियंता से जानकारी मांगी गई तो बिल में उनके नकली हस्ताक्षर मिले हैं.

कोटद्वार नगर निगम में गबन का मामला.

कोटद्वार नगर निगम पार्षद सूरज प्रसाद कांति (Councilor Suraj Prasad Kanti) ने बताया कि साल 2020-21 में नगर लेखाकार विभाग की ओर से 25 लाख रुपए का गबन का मामला भी सामने आया था. जिसमें तत्कालीन नगर आयुक्त की ओर से कोटद्वार कोतवाली में तहरीर दी गई थी. जिसमें पुलिस की जांच में दिल्ली के चार लोगों के बैंक खातों में चेक के जरिए पैसा का आहरण दर्शाया गया था. मामले में कोटद्वार पुलिस ने तीन लोगों की गिरफ्तारी भी की थी. इसके बाद बोर्ड बैठक में लाखों रुपए गबन का मामला उठाया गया.
ये भी पढ़ेंः कोटद्वार नगर निगम सामने आया बड़ा घोटाला, नियमों को ताक पर रखकर की गई टेंडर प्रक्रिया

उन्होंने कहा कि लेखा विभाग में जिन कर्मचारियों पर रुपए गबन का अभियोग पंजीकृत हुआ है, उनको तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया जाए. कोटद्वार नगर निगम (Kotdwar Municipal Corporation) को बने महज चार साल हुए हैं, लेकिन अभी तक करोड़ों रुपए का घोटाला हो चुका है. जिसकी जांच एसआईटी से होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए. वहीं, बताया जा रहा है कि ठेकेदार नगर निगम में पंजीकृत भी नहीं है.

कोटद्वार पुलिस क्षेत्राधिकारी गणेश कोहली (Kotdwar CO Ganesh Kohli) का कहना है कि नगर आयुक्त ने एक तहरीर दी है, जिसमें लिखा गया है की बैलेंस शीट जांच में एक फर्म के मालिक सुनीता देवी को 23,89,584 रुपए का आहरण किया गया है. ऐसे में हेर फेर के मामले में नगर निगम एक कर्मचारी और ठेकेदार सुनीता देवी के खिलाफ नामजद तहरीर दी गई है. फिलहाल, तहरीर के आधार पर मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है. जांच की कार्रवाई के लिए टीम गठित कर ली गई है.

कोटद्वारः पौड़ी जिले के कोटद्वार नगर निगम में गबन का मामला सामने आया है. यहां निगम कर्मचारियों की मिलीभगत से लाखों रुपए का हेर फेर हुआ है. ‌मामले में नगर आयुक्त किशन सिंह नेगी ने कोटद्वार कोतवाली में निगम के कर्मचारी पंकज रावत और फर्म मालिक सुनीता देवी के खिलाफ तहरीर दी है. जिसमें उन्होंने बताया है कि कोटद्वार में कोई भी बिना विकास कार्य किए ही फर्म को भुगतान कर दिया गया है.

दरअसल, कोटद्वार नगर निगम के नगर आयुक्त किशन सिंह नेगी (Kotdwar Municipal Commissioner Kishan Singh Negi) ने नगर निगम के लेखाकार विभाग के कर्मचारी पंकज रावत (वरिष्ठ सहायक) और ठेकेदार सुनीता देवी के खिलाफ नामजद तहरीर दी है. जिसमें उन्होंने बताया है कि आदर्श नगर कॉलोनी में सीसी मार्ग आदि का निर्माण किया जाना था, लेकिन बिना काम किए ही चार बैंकों के चेक के माध्यम से 23,89,584 रुपए सुनीता देवी के खाते में डाल दिए गए हैं. जबकि, एमबी बुक में सहायक अभियंता और ठेकेदार के हस्ताक्षर भी नहीं दर्शाए गए हैं. उनका कहना है कि मामले में जब अपर अभियंता से जानकारी मांगी गई तो बिल में उनके नकली हस्ताक्षर मिले हैं.

कोटद्वार नगर निगम में गबन का मामला.

कोटद्वार नगर निगम पार्षद सूरज प्रसाद कांति (Councilor Suraj Prasad Kanti) ने बताया कि साल 2020-21 में नगर लेखाकार विभाग की ओर से 25 लाख रुपए का गबन का मामला भी सामने आया था. जिसमें तत्कालीन नगर आयुक्त की ओर से कोटद्वार कोतवाली में तहरीर दी गई थी. जिसमें पुलिस की जांच में दिल्ली के चार लोगों के बैंक खातों में चेक के जरिए पैसा का आहरण दर्शाया गया था. मामले में कोटद्वार पुलिस ने तीन लोगों की गिरफ्तारी भी की थी. इसके बाद बोर्ड बैठक में लाखों रुपए गबन का मामला उठाया गया.
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उन्होंने कहा कि लेखा विभाग में जिन कर्मचारियों पर रुपए गबन का अभियोग पंजीकृत हुआ है, उनको तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया जाए. कोटद्वार नगर निगम (Kotdwar Municipal Corporation) को बने महज चार साल हुए हैं, लेकिन अभी तक करोड़ों रुपए का घोटाला हो चुका है. जिसकी जांच एसआईटी से होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए. वहीं, बताया जा रहा है कि ठेकेदार नगर निगम में पंजीकृत भी नहीं है.

कोटद्वार पुलिस क्षेत्राधिकारी गणेश कोहली (Kotdwar CO Ganesh Kohli) का कहना है कि नगर आयुक्त ने एक तहरीर दी है, जिसमें लिखा गया है की बैलेंस शीट जांच में एक फर्म के मालिक सुनीता देवी को 23,89,584 रुपए का आहरण किया गया है. ऐसे में हेर फेर के मामले में नगर निगम एक कर्मचारी और ठेकेदार सुनीता देवी के खिलाफ नामजद तहरीर दी गई है. फिलहाल, तहरीर के आधार पर मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है. जांच की कार्रवाई के लिए टीम गठित कर ली गई है.

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