कोटद्वारः लॉकडाउन का सबसे ज्यादा असर असंगठित क्षेत्र के लोगों, दिहाड़ी मजदूरों पर पड़ा है. उनके सामने रोजी-रोटी का संकट गहरा गया है. विभिन्न फैक्ट्रियों में काम कर रहे मजदूरों और श्रमिकों को वेतन नहीं मिल रहा है. ऐसा ही मामला कोटद्वार के जसोधरपुर इंडस्ट्रीज एरिया का है. यहां फैक्ट्री मालिक और ठेकेदारों की मनमानी थमने का नाम नहीं ले रही है. मजदूरों को लॉकडाउन से पहले की मजदूरी भी नहीं दी गई है. इससे मजदूरों को घर चलाना मुश्किल हो गया है.
दरअसल, मामला जसोधरपुर इंडस्ट्रीज एरिया स्थित उत्तरांचल आयरन फैक्ट्री का है. यहां पर फरवरी महीने से अभी तक मजदूरों को वेतन नहीं दिया गया है. इस फैक्ट्री में कार्यरत अधिकांश मजदूर झारखंड, बिहार और उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं. ऐसे में इन मजदूरों के आगे अब खाने-पीने की दिक्कतें आने लगी हैं. फैक्ट्री प्रबंधक सिडकुल क्षेत्र में मजदूरों की सुध नहीं ले रहे हैं.
हालांकि, राज्य सरकार की ओर से दैनिक वेतन भोगियों और मजदूरों को सहायता पहुंचाने के लिए राशन की व्यवस्था की जा रही, लेकिन इन श्रमिकों को मदद नहीं मिल पा रही है. मजदूरों का कहना है कि अब दुकानदार भी राशन नहीं दे रहे हैं. वो पुराना हिसाब मांग रहे हैं. उनके पास पैसा नहीं है तो कैसे चुकाएंगे.
मजदूर विजय यादव और संजय ने बताया कि उत्तरांचल आयरन स्टील फैक्ट्री में काम करते हैं. फरवरी महीने से फैक्ट्री मालिक ने उन्हें मजदूरी नहीं दी है. इससे पहले उन्होंने फैक्ट्री मालिक और ठेकेदार से बात की थी. इस दौरान उन्हें 14 अप्रैल का समय दिया था, लेकिन आज जब उनसे पैसे के लिए बात की गई तो उन्होंने 22 अप्रैल को देने की बात की है. ऐसे में घर कैसे चलेगा.