पौड़ी: योजना रंग लाई तो आने वाले दिनों में गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की निगरानी एक एप के जरिये की जा सकेगी. जिसमें गर्भवती महिलाओं से जुड़ी सभी तकनीकी जानकारियां एप में अपलोड की जाएंगी. इस एप के माध्यम से विशेषज्ञ डॉक्टर समय-समय पर उसकी जांच कर हाई रिस्क प्रेग्नेंसी मामलों की निगरानी कर सकेंगे. एप को डीटोज कंपनी ने विकसित किया है.
साल 2011 की जनगणना के तहत प्रदेश में अल्मोड़ा जिले के बाद पौड़ी में ऋणात्मक लिंगानुपात रिकॉर्ड किया गया. वहीं नीति आयोग के अनुसार 2020 में उत्तराखंड का लिंगानुपात 840 दर्ज किया गया. यही आंकड़े शिशु लिंगानुपात के भी दर्ज किये गये हैं. स्वास्थ्य विभाग की मानें तो लिंगानुपात में यह भारी अंतर मातृ-शिशु मृत्यु दर के चलते भी रिकार्ड हुई हैं. डीएम पौड़ी डॉ. आशीष चौहान की योजना रंग लाई तो जिले में हाईरिस्क प्रेग्नेंसी के मामलों में कमी देखने को मिलेगी.
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इसके लिए डीएम ने स्वास्थ्य समेत अन्य रेखीय विभागों को इस पर गंभीरता से कार्य करने को कहा है. डीएम ने जिले में हाई रिस्क प्रेग्नेंसी मामलों में कमी लाने के लिए एक एप का प्रयोग करने को कहा है. एप को 'काव्या' नाम दिया गया है. इस एप को डीटोज कंपनी द्वारा विकसित कराया गया है. आशीष चौहान की निगरानी में स्वास्थ्य समेत संबंधित विभागों को काव्या एवं क्यूएमएस (क्वालिटी मैनेजमेंट सिस्टम) का प्रशिक्षण एक कार्यशाला के माध्यम से दिया जा रहा है. जिसमें विभागों को गर्भवती महिलाओं की समस्त जानकारी इस एप में अपलोड करने तथा विशेषज्ञ डाक्टरों द्वारा समय-समय पर उसकी जांच करने की तकनीकी जानकारियां दी जा रही हैं.
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डीएम ने कहा कि 'काव्या' में पहले सभी डॉक्टरों, मेडिकल स्टाफ, आशाओं व एएनएम का मोबाइल नम्बर सहित अन्य जानकारी अपलोड की जाएगी. इसके बाद एप में संबंधित अफसर गर्भवती महिलाओं की जानकारियां जोड़ेंगे. साथ ही 108 आपातकालीन वाहनों के दूरभाष नंबर भी काव्या एप पर अपलोड किये जाएंगे. डीएम ने बताया कि जिले के जो गांव सड़क मार्ग से दूर हैं, उन क्षेत्रों की गर्भवती महिलाओं को एक सप्ताह पूर्व अस्पताल में भर्ती किया जाएगा. जिसकी सम्पूर्ण व्यवस्था स्वास्थ्य विभाग द्वारा की जाएगी. डीएम ने एप को लेकर सभी संबंधित विभागों और अफसरों को गंभीरता से कार्य करने के सख्त निर्देश दिये हैं. कहा कि इस मामले में हीलाहवाली कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी.