पौड़ीः कोरोना महामारी के चलते प्रसिद्ध कंडोलिया मंदिर में वार्षिक पूजन और भंडारे का आयोजन नहीं किया जाएगा. हालांकि, सूक्ष्म रूप से पूजन का कार्यक्रम ही कराया जाएगा. जिसमें मंदिर समिति से जुड़े लोग ही शामिल हो सकते हैं. हर साल जून महीने में वार्षिक पूजन और विशाल भंडारे का आयोजन किया जाता है. कंडोलिया को भूम्याल देवता भी कहा जाता है. स्थानीय लोग इन्हें न्याय के देवता के रूप में पूजते हैं. जिसकी काफी मान्यता भी है.
मान्यता है कि जो भी व्यक्ति कष्ट में होता है या उसे न्याय नहीं मिलता है तो उसे भगवान कंडोलिया न्याय दिलाते हैं. जानकारी के मुताबिक, साल 1987 से इस मंदिर में भंडारे का आयोजन किया जा रहा है. पहले एक दिन का भंडारा करवाया जाता था, लेकिन बदलते समय के साथ भंडारे के दिनों में बदलाव किया गया है. अब यह भंडारा 3 दिनों तक आयोजित किया जाता है. पहले 2 दिन पूजा अर्चना की जाती है, उसके बाद तीसरे दिन हवन कर प्रसाद के रूप में श्रद्धालुओं को भोजन वितरित किया जाता है.
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इस वार्षिक पूजन को संपन्न करने के लिए पौड़ी के लोगों की ओर से सहयोग किया जाता है. मंदिर समिति के सदस्य अद्वैत बहुगुणा ने बताया कि यह पौड़ी का एकमात्र मंदिर है. जहां पर हर साल वार्षिक पूजन के साथ-साथ भंडारे का आयोजन भी किया जाता है. बीते साल यानि 2019 में 50 हजार से ज्यादा लोगों ने भगवान के दर्शन किए थे, लेकिन इस बार कोरोना महामारी के चलते वार्षिक पूजन और भंडारे का आयोजन संभव नहीं हो पा रहा है.