श्रीनगर: आम मरीजों को सस्ती दवाएं मिल सकें, इसके लिए देश भर में प्रधानमंत्री जन औषधी केंद्र खोल गए हैं. जन औषधी केंद्र पर बाजार के मुकाबले मरीजों को 60 से 70 प्रतिशत तक कम कीमत पर दवाएं मिल जाती हैं. इसी उद्देश्य के साथ श्रीनगर संयुक्त चिकित्सालय (उप जिला अस्पातल) में भी जन औषधी केंद्र खोला गया था, जिसका मरीजों को फायदा भी मिला. लेकिन कोरोना काल में ये जन औषधी केंद्र बंद हो गया और पिछले दो सालों इस ताला लटका हुआ है.
श्रीनगर समेत आसपास के जिलों की बड़ी आबादी यहां के मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल और श्रीनगर संयुक्त चिकित्सालय के ऊपर निर्भर है. श्रीनगर क्षेत्र के अलावा टिहरी, रुद्रप्रयाग और चमोली जिले से भी बड़ी संख्या में इलाज कराने के लिए मरीज श्रीनगर आते हैं. ऐसे में श्रीनगर संयुक्त चिकित्सालय में खुला जन औषधी केंद्र इन मरीजों के लिए वरदान साबित हो रहा था. श्रीनगर संयुक्त चिकित्सालय में खुले जन औषधी केंद्र में मरीजों को आसानी से सस्ती दवाएं मिल जाती थी, लेकिन पिछले दो सालों से ये जन औषधी केंद्र बंद पड़ा हुआ है. ऐसे में मरीजों को मजबूरी में बाहर से ब्रांडेड कंपनियों की दवाईयां महंगे दामों पर खरीदनी पड़ रही है.
इस बारे में जब सयुक्त अस्पताल के सीएमएस डॉ गोविंद पुजारी ने बात की गई तो उन्होंने कहा कि जल्द नए सिरे से प्रधानमंत्री जन औषधी केंद्र हॉस्पिटल में खोला जाएगा. इसके लिए हॉस्पिटल सीमित की सहमति मिल गई है. प्रधानमंत्री जन औषधी केंद्र के लिए बजट भी तैयार किया जा रहा है. बता दें कि जिस स्थान पर जन औषधी केंद्र खुला हुआ था, वो जगह अब गाड़ियों की पार्किंग में इस्तेमाल की जा रही है.
सस्ते दर पर मिलती है दवा: गरीबों के लिए जन औषधी केंद्र किसी संजीवनी से कम नहीं है. इस बात का अदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बाजार में जो दवाई का पत्ता 150 रुपए में मिलता है, वो जन औषधी केंद्र में 15 से 20 रूपए में मिल जाता है. लेकिन श्रीनगर की जनता इस सुविधा का लाभ नहीं ले पा रही है.