श्रीनगर/बागेश्वरः श्रीनगर वासियों को आने वाले दिनों में पेयजल संकट से जूझना पड़ सकता है. क्योंकि, आगामी 18 सितंबर से जल संस्थान के संविदा कर्मियों ने सभी पंपिंग लाइनों को बंद करने की चेतावनी दी है. उनका कहना है कि पिछले 8 महीने से उन्हें वेतन नहीं मिला है. जिस वजह से वो हड़ताल करने को मजबूर हो गए हैं. इतना ही नहीं आज से उन्होंने सांकेतिक धरना शुरू कर दिया है.
वेतन न मिलने से गुस्साए जल संस्थान के संविदा कर्मियों ने आज श्रीनगर पंपिंग हाउस में एकत्रित होकर सांकेतिक रूप से प्रदर्शन किया. इस दौरान सभी कर्मियों ने जल संस्थान के अधिकारियों और विभाग के खिलाफ नारेबाजी की. उनका कहना है कि कर्मियों के साथ ठेकेदार की ओर से शोषण किया जा रहा है. सरकार ठेकेदार को 15 हजार रुपए वेतन दे रही है. जबकि, ठेकेदार उसमें से भी 5 हजार रुपए काट कर उन्हें 10 हजार रुपये ही वेतन के रूप में दे रहा है.
कर्मियों ने कहा कि वेतन में कटौती करने के बाद भी उन्हें 8 महीने से वेतन नहीं दिया जा रहा है. जिससे उनके सामने परिवार पालने तक का संकट पैदा हो गया है. वहीं, श्रीनगर जल संस्थान के संविदा कर्मी संगठन के अध्यक्ष चंद्र मोहन खत्री ने बताया कि 8 महीने से ठेकेदार ने संविदा कर्मियों को सैलरी नहीं दी है. इस संबंध में उनकी ओर से अधिकारियों समेत जिला प्रशासन को भी अवगत करा दिया गया है, लेकिन ठेकेदार की ओर से अभी तक वेतन नहीं दिया गया है.
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उन्होंने कहा कि अब मामला सिर से ऊपर जा चुका है. इस संबंध में 18 सितंबर से श्रीनगर से संचालित होने वाले सभी पंपों को बंद कर दिया जाएगा. वहीं, कर्मियों को अपना समर्थन दे रहा सीटू के जिला महामंत्री देव आनंद नौटियाल ने कहा कि कर्मियों के साथ ठेकेदार की ओर से शोषण किया जा रहा है. उन्हें 15 हजार के बदले मात्र 10 हजार रुपए वेतन दिया जा रहा है. जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. सीटू भी इस संबंध में कर्मियों के साथ खड़ा है.
बागेश्वर में जल संस्थान के संविदा कर्मियों ने तानी मुट्ठीः बागेश्वर में जल संस्थान संविदा कर्मचारियों में पूर्व हुए समझौते पर अमल न होने पर नाराजगी है. अब कर्मचारियों ने मामले को लेकर जल संस्थान कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है. इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि 17 अक्टूबर 2021 को भीमताल में महाप्रबंधक के साथ उनका समझौता हुआ था, लेकिन अफसोस 2 साल बीतने के बाद भी समझौते पर आज तक अमल नहीं हो पाया.
उनका कहना है कि उन्हें न तो समय पर वेतन मिल पा रहा है और न ही महंगाई भत्ता मिल रहा है. अधिकारी उन्हें घुट्टी पिलाने का काम कर रहे हैं, लेकिन उनकी समस्या का समाधान कोई नहीं कर रहा है. उन्होंने कहा कि यह रवैया वो कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे. जल्द उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो वो उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे.