श्रीनगर: मेडिकल कॉलेज श्रीनगर में एनेस्थीसिया और उत्तराखंड सोसायटी ऑफ एनेस्थीसियोलाजिस्ट (उक्सा) के तत्वावधान में आईएसए सेंट्रल जोन और उतराखंड स्टेट के दो दिवसीय सम्मेलन की शुरुआत हो गई है. पारंपरिक वाद्य यंत्रों की धुनों के साथ एचएनबी उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा विवि की कुलपति प्रो.हेम चंद्रा समेत विभिन्न लोगों ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया. कान्फ्रेंस में देश के विभिन्न राज्यों से 250 विषय विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया है.
एचएनबी उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा विवि की कुलपति प्रोफेसर हेम चंद्रा ने कहा कि नेशनल और स्टेट स्तर की कान्फ्रेंस हमारे मेडिकल फैकल्टी के लिए ग्रोथ फैक्टर होते हैं. इनमें जो आधुनिक तरीके से नये-नये शोध और उन्नति होती है. इससे देशभर के विशेषज्ञ अपने-अपने विषय पर किए गये शोध कार्यों से नया अपडेट देते हैं. जिसका फायदा चिकित्सा विज्ञान को मिलता है.
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सीएमएस रावत ने कहा कि पहली बार एनेस्थीसिया विभाग द्वारा जोनल कान्फ्रेंस आयोजित की गई है. यह कान्फ्रेंस एकेडमिक ज्ञान और कौशल को बढ़ाने के लिए मील का पत्थर साबित होगी. यहीं नहीं रेजीडेंट चिकित्सकों के साथ-साथ मरीजों को फायदा मिलेगा. वहीं, उत्तराखंड सोसायटी ऑफ एनेस्थीसियोलाजिस्ट की अध्यक्ष डॉ. पारुल जिंदल ने कहा कि एनेस्थीसिया में किस तरह की सावधानियां और जागरूकता होनी चाहिए. इस संदर्भ में जानकारी दी जा रही है. चार प्रदेशों से विशेषज्ञ यहां पहुंचे हैं. जिसमें 250 लोगों ने रजिस्ट्रेशन किया है, जबकि 300 लोग ऑनलाइन कॉन्फ्रेंस से जुड़े हैं.
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एचएनबी उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा विवि के कुलपति प्रो. हेम चंद्रा ने कहा कि चिकित्सा क्षेत्र में लगातार प्रगति हो रही है. प्रदेश में चार मेडिकल कॉलेज खुले हैं, जबकि तीन जल्द खुलने वाले हैं. तीन मेडिकल कॉलेजों में पीजी का कोर्स शुरू किया गया है. 700 एमबीबीएस की सीटें है, जबकि एनएमसी की स्वीकृति के बाद पीजी डिप्लोमा और डिग्री कोर्स शुरू कर दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि अल्मोड़ा और श्रीनगर की फैकल्टी को 50 प्रतिशत सैलरी इनसेंटिव के रूप में बढ़ाकर दी जा रही है.
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