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आंगनबाड़ी केंद्रों का किया गया निरीक्षण, जारी किये गये दिशा निर्देश

आंगनबाड़ी केंद्रों में पढ़ने वाले 3 साल से 6 साल तक के बच्चों को सप्ताह में 2 दिन 100-100 एमएल दूध दिया जाना होता है जोकि उनके शरीर के लिए काफी फायदेमंद होता है.  इसके अलावा प्रदेश सरकार की ओर से चलाई जा रही ये योजना धरातल पर कितनी सफल  है इसके लिए स्वास्थ्य प्रेरकों ने आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण किया.

आंगनबाड़ी केंद्रों का किया गया निरीक्षण
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Published : Aug 9, 2019, 7:31 PM IST

पौड़ी: प्रशासन ने जनपद में संचालित किये जा रहे सभी आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए दिशा निर्देश जारी किये हैं. जिसमें कहा गया है कि आंगनबाड़ी केंद्रों में कुपोषित व अतिकुपोषित बच्चों का विशेष ध्यान रखा जाए. इसी कड़ी में शुक्रवार को स्वास्थ्य प्रेरक की ओर से आंगनबाड़ी केंद्रों में निरीक्षण किया गया. जिसमें देखा गया कि सभी आंगनबाड़ी केंद्र नियमों के तहत काम कर रहे हैं या नहींं.

आंगनबाड़ी केंद्रों का किया गया निरीक्षण.

आंगनबाड़ी केंद्रों में पढ़ने वाले 3 साल से 6 साल तक के बच्चों को सप्ताह में 2 दिन 100-100 एमएल दूध दिया जाना होता है जोकि उनके शरीर के लिए काफी फायदेमंद होता है. इसके अलावा प्रदेश सरकार की ओर से चलाई जा रही ये योजना धरातल पर कितनी सफल है इसके लिए स्वास्थ्य प्रेरकों ने आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण किया. स्वास्थ्य प्रेरक विश्वमोहिनी ने बताया कि अधिकतर आंगनबाड़ी केंद्र मानकों का पालन कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रो में बच्चों के लिए बनने वाले भोजन की साफ-सफाई और शौचालय की क्या व्यवस्था है इसका भी निरीक्षण किया जा रहा है.

पढ़ें-कांजी हाउस मामलाः सीएम त्रिवेंद्र ने ETV भारत की खबर पर लगाई मुहर, माना महीने भर में 102 गोवंश की हुई मौत

स्वास्थ्य प्रेरक विश्वमोहिनी ने कहा कि बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा के लिए उन्हें आंगनबाड़ी केंद्रों में भेजा जाता है. जहां प्रारंभिक शिक्षा के साथ-साथ उनके स्वास्थ्य और शिक्षा पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से जो सुविधा बच्चों को दी जा रही है वह उन्हें मिलनी चाहिए . इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जो अति कुपोषित बच्चे हैं उन्हें मानकों के अनुरूप भोजन दिया जाना चाहिए. जिससे वह सामान्य बच्चों की तरह हो सके.

पौड़ी: प्रशासन ने जनपद में संचालित किये जा रहे सभी आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए दिशा निर्देश जारी किये हैं. जिसमें कहा गया है कि आंगनबाड़ी केंद्रों में कुपोषित व अतिकुपोषित बच्चों का विशेष ध्यान रखा जाए. इसी कड़ी में शुक्रवार को स्वास्थ्य प्रेरक की ओर से आंगनबाड़ी केंद्रों में निरीक्षण किया गया. जिसमें देखा गया कि सभी आंगनबाड़ी केंद्र नियमों के तहत काम कर रहे हैं या नहींं.

आंगनबाड़ी केंद्रों का किया गया निरीक्षण.

आंगनबाड़ी केंद्रों में पढ़ने वाले 3 साल से 6 साल तक के बच्चों को सप्ताह में 2 दिन 100-100 एमएल दूध दिया जाना होता है जोकि उनके शरीर के लिए काफी फायदेमंद होता है. इसके अलावा प्रदेश सरकार की ओर से चलाई जा रही ये योजना धरातल पर कितनी सफल है इसके लिए स्वास्थ्य प्रेरकों ने आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण किया. स्वास्थ्य प्रेरक विश्वमोहिनी ने बताया कि अधिकतर आंगनबाड़ी केंद्र मानकों का पालन कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रो में बच्चों के लिए बनने वाले भोजन की साफ-सफाई और शौचालय की क्या व्यवस्था है इसका भी निरीक्षण किया जा रहा है.

पढ़ें-कांजी हाउस मामलाः सीएम त्रिवेंद्र ने ETV भारत की खबर पर लगाई मुहर, माना महीने भर में 102 गोवंश की हुई मौत

स्वास्थ्य प्रेरक विश्वमोहिनी ने कहा कि बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा के लिए उन्हें आंगनबाड़ी केंद्रों में भेजा जाता है. जहां प्रारंभिक शिक्षा के साथ-साथ उनके स्वास्थ्य और शिक्षा पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से जो सुविधा बच्चों को दी जा रही है वह उन्हें मिलनी चाहिए . इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जो अति कुपोषित बच्चे हैं उन्हें मानकों के अनुरूप भोजन दिया जाना चाहिए. जिससे वह सामान्य बच्चों की तरह हो सके.

Intro:जनपद पौड़ी में संचालित की जा रही सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में के कुपोषित व अतिकुपोषित बच्चों का विशेष ध्यान रखा जाए इसके लिए जिला प्रशासन की ओर से दिए गए निर्देशों के बाद आज स्वास्थ्य प्रेरक की ओर से आंगनबाड़ी केंद्रों में निरीक्षण किया गया। आंगनबाड़ी केंद्रों में सप्ताह में 2 दिन अटल अमृत योजना के तहत 3 साल से 6 साल तक के बच्चों को 100-100 एमएल दूध पिलाया जा रहा है इसके साथ ही अतिकुपोषित बच्चों के लिए विशेष भोजन की व्यवस्था की गई है।


Body:आंगनबाड़ियों में पढ़ने वाले 3 साल से 6 साल तक के बच्चों को सप्ताह में 2 दिन 100-100 एमएल दूध दिया जाना है जो कि उनके शरीर के लिए काफी फायदेमंद है। प्रदेश सरकार की ओर से चलाई जा रही इस योजना को धरातल तक कितना सफल बनाया जा रहा है और जो व्यवस्था आंगनबाड़ी में पढ़ने वाले बच्चों के लिए भोजन संबंधित है उसका पालन किया जा रहा है कि नहीं इसका भी निरीक्षण किया गया। स्वास्थ्य प्रेरक विश्वमोहिनी ने बताया कि आज अधिकतर आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण किया गया कहा कि जो भी मानक आंगनबाड़ी बच्चों के लिए रखे गए हैं उनका पालन किया जा रहा है इसके साथ ही बच्चों के लिए बनने वाले भोजन साफ-सफाई और शौचालय की क्या व्यवस्था है इसका भी निरीक्षण किया गया।


Conclusion:उन्होंने कहा कि बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा के लिए उन्हें आंगनबाड़ी केंद्रों में भेजा जाता है और प्रारंभिक शिक्षा के साथ-साथ उनके स्वास्थ्य और शिक्षा पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से जो सुविधा बच्चों को दी जा रही है वह उनको मिलनी चाहिए इसके साथ ही जो अति कुपोषित बच्चे हैं मानकों के अनुरूप भोजन उन्हें प्राप्त होना चाहिए ताकि वह सामान्य बच्चों की तरह हो सके।
बाईट-विश्वमोहिनी (स्वास्थ्य प्रेरक )
बाईट-कलावती रावत(आंगनबाड़ी कार्यकत्री)
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