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चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले सड़कों पर उतरे होटल कारोबारी, सीमित संख्या और पंजीकरण व्यवस्था से हैं खफा

एक तरफ सरकार चारधाम यात्रा की तैयारियों में जुटी हुई है तो वहीं दूसरी तरफ होटल कारोबारी चारधाम यात्रा शुरू होने से ठीक पहले सरकार से नाराज होकर सड़कों पर उतर आए हैं. होटल कारोबारियों की मांग है कि चारोंधाम में श्रद्धालुओं की सीमित संख्या और पंजीकरण व्यवस्था को खत्म किया जाए.

चारधाम यात्रा
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Published : Mar 21, 2023, 4:37 PM IST

Updated : Mar 21, 2023, 4:49 PM IST

श्रीनगर: उत्तराखंड चारधाम यात्रा सिर पर है. सरकार और प्रशासन यात्रा की तैयारियों में जुटे हुए हैं. इधर यात्रा शुरू होने से पहले होटल कारोबारी नाराज हो गए हैं. उन्होंने सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. होटल कारोबारी चारोंधाम में श्रद्धालुओं की सीमित संख्या और पंजीकरण व्यवस्था से खासे नाराज हैं.

होटल एसोसिएशन के श्रीनगर अध्यक्ष नरेश नौटियाल ने कहा कि अगर सरकार चारधाम यात्रा में पंजीकरण व्यवस्था बंद नहीं करती है तो पूरे गढ़वाल मंडल में कारोबारी उग्र आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे. पहले दो साल कोरोना ने होटल कारोबारियों की कमर तोड़ रखी थी. अब इस साल यात्रा शुरू होने पर होटल कारोबारियों को उम्मीद थी कि उनकी अच्छी कमाई होगी और वो अपने पुराने घाटे से उबर पाएंगे, लेकिन सरकार ने तीर्थयात्रियों की संख्या सीमित कर दी है.
पढ़ें- उत्तराखंड में ग्लेशियर झीलों से खतरा नहीं! ये लेक मचाते हैं तबाही

नौटियाल ने कहा कि एक तरफ सरकार ने तीर्थयात्रियों की संख्या सीमित कर दी तो वहीं पंजीकरण कराना भी अनिवार्य कर दिया. इससे होटल संचालकों को बड़ा नुकसान हो रहा है. इसकी भरपाई कौन करेगा? होटल कारोबारी विनीत पोस्ती ने कहा कि यदि तीर्थयात्री सीमित संख्य में चारधाम में आएंगे तो वो श्रीनगर जैसे छोटे स्टेशनों पर नहीं रुकेंगे, जिससे पूरा बाजार प्रभावित होगा. इससे सभी की रोजी रोटी पर प्रभाव पड़ेगा. कारोबारियों को बड़ी मात्रा में नुकसान उठाना पड़ेगा.
पढ़ें- Kedarnath Yatra 2023: ग्लेशियर टूटने से केदारनाथ मार्ग हुआ ध्वस्त, पैदल आवाजाही हुई बंद

बता दें कि सरकार की तरफ से साफ किया गया है कि चारधाम यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं को अपना रजिस्ट्रेशन करना जरूरी है. यदि किसी श्रद्धालु का रजिस्ट्रेशन नहीं हो तो उसे चारधाम में नहीं जाने दिया जाएगा. इसके अलावा सरकार ने पिछली बार के हालत को देखते हुए चारधाम में श्रद्धालुओं की संख्या को सीमित किया है.

श्रीनगर: उत्तराखंड चारधाम यात्रा सिर पर है. सरकार और प्रशासन यात्रा की तैयारियों में जुटे हुए हैं. इधर यात्रा शुरू होने से पहले होटल कारोबारी नाराज हो गए हैं. उन्होंने सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. होटल कारोबारी चारोंधाम में श्रद्धालुओं की सीमित संख्या और पंजीकरण व्यवस्था से खासे नाराज हैं.

होटल एसोसिएशन के श्रीनगर अध्यक्ष नरेश नौटियाल ने कहा कि अगर सरकार चारधाम यात्रा में पंजीकरण व्यवस्था बंद नहीं करती है तो पूरे गढ़वाल मंडल में कारोबारी उग्र आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे. पहले दो साल कोरोना ने होटल कारोबारियों की कमर तोड़ रखी थी. अब इस साल यात्रा शुरू होने पर होटल कारोबारियों को उम्मीद थी कि उनकी अच्छी कमाई होगी और वो अपने पुराने घाटे से उबर पाएंगे, लेकिन सरकार ने तीर्थयात्रियों की संख्या सीमित कर दी है.
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नौटियाल ने कहा कि एक तरफ सरकार ने तीर्थयात्रियों की संख्या सीमित कर दी तो वहीं पंजीकरण कराना भी अनिवार्य कर दिया. इससे होटल संचालकों को बड़ा नुकसान हो रहा है. इसकी भरपाई कौन करेगा? होटल कारोबारी विनीत पोस्ती ने कहा कि यदि तीर्थयात्री सीमित संख्य में चारधाम में आएंगे तो वो श्रीनगर जैसे छोटे स्टेशनों पर नहीं रुकेंगे, जिससे पूरा बाजार प्रभावित होगा. इससे सभी की रोजी रोटी पर प्रभाव पड़ेगा. कारोबारियों को बड़ी मात्रा में नुकसान उठाना पड़ेगा.
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बता दें कि सरकार की तरफ से साफ किया गया है कि चारधाम यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं को अपना रजिस्ट्रेशन करना जरूरी है. यदि किसी श्रद्धालु का रजिस्ट्रेशन नहीं हो तो उसे चारधाम में नहीं जाने दिया जाएगा. इसके अलावा सरकार ने पिछली बार के हालत को देखते हुए चारधाम में श्रद्धालुओं की संख्या को सीमित किया है.

Last Updated : Mar 21, 2023, 4:49 PM IST
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