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HNBGU के चौरास स्टेडियम का होगा पुनर्निर्माण, मिट्टी भरान के लिए रेलवे आया आगे

2013 की आपदा में टूटे हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विवि के चौरास स्टेडियम में मिट्टी भरान के लिए रेलवे सामने आया है. रेलवे अपने संसाधनों से टूटे हुए स्टेडियम में मिट्टी का भरान करेगा.

chauras stadium
चौरास स्टेडियम
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Published : Aug 22, 2020, 11:55 AM IST

श्रीनगर: 2013 की आपदा में टूटे हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विवि के चौरास स्टेडियम में मिट्टी भरान के लिए रेल विभाग सामने आया है. रेलवे अपने संसाधनों से टूटे हुए स्टेडियम में मिट्टी का भरान करेगा. इसके बाद विवि इस स्टेडियम को फिर से छात्रों के खेल कूद के लिए तैयार कर सकेगा. इससे स्टेडियम के साथ-साथ चौरास को जाने वाली सड़क भी बन सकेगी.

चौरास स्टेडियम का होगा पुनर्निर्माण

बता दें कि, 2013 की भीषण आपदा में चौरास स्टेडियम सहित, चौरास को जाने वाला रास्ता अलकनंदा की बाढ़ में बह गया था. जिससे 2013 के बाद विवि की आउटडोर खेल गतिविधियों पर इसका प्रभाव पड़ा. तब से अब तक कई राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताएं नहीं हो पाईं.

रेलवे के अधिकारी, गढ़वाल विवि प्रबंधन और देवप्रयाग विधायक विनोद कंडारी इस संबंध में बैठक भी कर चुके हैं. इस स्टेडियम में मिट्टी भरने के लिए रेलवे तैयार हो चुका है. रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि अगर राज्य सरकार विवि के स्टेडियम में गिराई जाने वाली मिट्टी पर रॉयल्टी न लगाए तो रेलवे टूटे पड़े स्टेडियम में 1 लाख मीट्रिक टन मिट्टी डाल देगा. इसमें रेलवे का भी 6 करोड़ का खर्च आएगा. लेकिन रेलवे जन आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए यह कदम उठाएगा. इस कार्य में इस्तेमाल होने वाली मिट्टी की रॉयल्टी लगभग डेढ़ करोड़ रुपये है.

पढ़ें: नीट-जेईई परीक्षाएं हुईं तो आत्महत्या कर सकते हैं छात्र ः स्वामी

गढ़वाल विवि के कुलसचिव प्रो. एसएन पंवार ने कहा कि वह राज्य सरकार से इस मामले में बात करेंगे. राज्य सरकार स्टेडियम में पड़ने वाली मिट्टी पर रॉयल्टी न ले, क्योंकि इससे चौरास को जाने वाली सड़क का भी निर्माण हो सकेगा. बरसों से टूटे पड़े स्टेडियम को भी आसानी से बनाया जा सकेगा.

श्रीनगर: 2013 की आपदा में टूटे हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विवि के चौरास स्टेडियम में मिट्टी भरान के लिए रेल विभाग सामने आया है. रेलवे अपने संसाधनों से टूटे हुए स्टेडियम में मिट्टी का भरान करेगा. इसके बाद विवि इस स्टेडियम को फिर से छात्रों के खेल कूद के लिए तैयार कर सकेगा. इससे स्टेडियम के साथ-साथ चौरास को जाने वाली सड़क भी बन सकेगी.

चौरास स्टेडियम का होगा पुनर्निर्माण

बता दें कि, 2013 की भीषण आपदा में चौरास स्टेडियम सहित, चौरास को जाने वाला रास्ता अलकनंदा की बाढ़ में बह गया था. जिससे 2013 के बाद विवि की आउटडोर खेल गतिविधियों पर इसका प्रभाव पड़ा. तब से अब तक कई राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताएं नहीं हो पाईं.

रेलवे के अधिकारी, गढ़वाल विवि प्रबंधन और देवप्रयाग विधायक विनोद कंडारी इस संबंध में बैठक भी कर चुके हैं. इस स्टेडियम में मिट्टी भरने के लिए रेलवे तैयार हो चुका है. रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि अगर राज्य सरकार विवि के स्टेडियम में गिराई जाने वाली मिट्टी पर रॉयल्टी न लगाए तो रेलवे टूटे पड़े स्टेडियम में 1 लाख मीट्रिक टन मिट्टी डाल देगा. इसमें रेलवे का भी 6 करोड़ का खर्च आएगा. लेकिन रेलवे जन आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए यह कदम उठाएगा. इस कार्य में इस्तेमाल होने वाली मिट्टी की रॉयल्टी लगभग डेढ़ करोड़ रुपये है.

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गढ़वाल विवि के कुलसचिव प्रो. एसएन पंवार ने कहा कि वह राज्य सरकार से इस मामले में बात करेंगे. राज्य सरकार स्टेडियम में पड़ने वाली मिट्टी पर रॉयल्टी न ले, क्योंकि इससे चौरास को जाने वाली सड़क का भी निर्माण हो सकेगा. बरसों से टूटे पड़े स्टेडियम को भी आसानी से बनाया जा सकेगा.

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