श्रीनगर: हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के कर्मचारी अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर सोमवार को प्रशासनिक भवन के सामने धरने पर बैठे. कर्मचारियों का कहना है कि वे अपना पांच सूत्रीय मांगों को लेकर कई बार विवि प्रशासन को लिखित और मौखिक रूप में अवगत करा चुके हैं, लेकिन उनका मांगों पर ध्यान ही नहीं दिया जा रहा है. ऐसे में उन्हें मजबूरी में धरने पर बैठना पड़ा है.
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धरने पर बैठे कर्मचारियों ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि जल्द ही उनकी मांगों पर कोई निर्णय नहीं लिया गया तो वे आंदोलन शुरू करेंगे. गढ़वाल विवि के पूर्व कर्मचारी परिषद अध्यक्ष भारत सिंह रावत ने बताया कि अगस्त माह में उन्होनें एलडीसी कर्मचारियों को गढ़वाल विवि के केन्द्रीय विश्वविद्यालय बनने के बाद से यूडीसी पद पर पदोन्नति दिये जाने की मांग की थी. साथ ही शैक्षिक योग्यता और वरिष्ठता क्रम के आधार पर कर्मचारियों को पदोन्नति एवं राज्य के शासनादेशों का वित्तीय लाभ दिये जाने की मांग रखी थी. जिस पर विवि प्रशासन ने एक माह का समय मांगा था, लेकिन एक माह बीत जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई.
कर्मचारियों की मांग
- एक जनवरी 1994 से नियमित हुए सभी नैत्यिक लिपिक कर्मचारियों के पदों को केन्द्रीय विवि बनने की तिथि 15 जनवरी 2009 से यूडीसी के पदों में परिवर्तित करने.
- एसीपी शासनादेश सभी कर्मचारियों पर लागू करने.
- कर्मचारियों की वरिष्ठता क्रम के आधार पर पदोन्नति.
- एलडीसी, एमटीएस कर्मचारियों की तत्काल डीपीसी करने.
- नियत वेतन पर कार्यरत कर्मचारियों के पदोन्नति के पश्चात रिक्त हुए पदों सापेक्ष तत्काल नियमित नियुक्ति प्रदान करने.