श्रीनगर: हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस समारोह का आयोजन किया गया. समारोह में पत्रकारिता और जनसंचार विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो.ए.आर डंगवाल ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया. इस दौरान छात्र-छात्राओं से अपनी मातृ भाषा-बोली को संरक्षित रखने का आह्वान किया.
भाषा और सांस्कृतिक विविधता को विश्व पटल तक पहुंचाने के लिए अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस समारोह का आयोजन किया गया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने यूनेस्को द्वारा अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस को मनाए जाने के इतिहास पर विस्तृत व्याख्यान दिया. वक्ताओं ने कहा कि ढाका विश्वाविद्यालय में छात्रों के आंदोलन से मातृभाषा के प्रति जो प्रेमभाव का नजरिया बना, उसे यूनेस्को की घोषणा के बाद विश्व और अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के रूप में मनाया जा रहा है.
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बता दें कि, 21 फरवरी 1999 को यूनेस्को ने अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया था. तब से हर वर्ष 21 फरवरी को मातृभाषा दिवस मनाया जाता रहा है. कार्यक्रम के मुख्य वक्ता मंजुला राणा ने कहा कि संस्कृति के संवर्धन के लिए मातृभाषा ही सबसे बड़ा उपकरण है.