पौड़ी/श्रीनगर/बागेश्वर: आज (24 मार्च) वर्ल्ड टीबी दिवस है. टीबी के खात्मे के लिए सरकार जागरुकता अभियान भी समय-समय पर चलाती रहती है. इसी के तहत पौड़ी जिले में स्वास्थ्य विभाग ने विश्व टीबी दिवस के मौके पर कार्यशालाओं का आयोजन कर स्वास्थ कर्मियों को निर्देश दिया कि टीबी रोग के प्रति जन जन को जागरूक किया जाए. खासतौर पर दूरस्थ क्षेत्रों में विशेष ध्यान दिया जाए, जहां स्वच्छता की कमी रोगों को बढ़ा रही हो. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने जिले की जानकारी देते हुए बताया कि पौड़ी जिले में 1124 टीबी के सक्रिया मरीज हैं. जिनका उपचार स्वास्थ विभाग की निगरानी में किया जा रहा है.
इन्हीं मरीजों में 10 मरीज ऐसे भी हैं, जिन्हें एचआईवी के साथ ही टीबी रोग भी है. जिनका उपचार किया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग ने जानकरी देते हुए बताया कि 2 हफ्तों से मरीजों में बलगम और खांसी के लक्षण हो तो उन्हें जांच की सलाह दी जाती है. जिससे मरीज में टीबी के लक्षण हैं या नहीं का पता लग सके. स्वास्थ्य विभाग सीएमओ ने बताया कि नुक्कड़ नाटक के जरिए भी टीबी रोग के प्रति जागरूकता लाई जा रही है.
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इन बातों का रखें विशेष ध्यानः टीबी के बैक्टीरिया सांस द्वारा शरीर में प्रवेश करते हैं. रोगी के खांसने, बात करने, छींकने, थूकने से दूसरे लोगों में इसका संक्रमण फैल सकता है. ऐसे में टीबी के मरीज के मुंह पर कपड़ा या मास्क हमेशा लगा होना चाहिए. टीबी मरीजों के लिए शुद्ध और पौष्टिक खान-पान, अच्छी दिनचर्या और समय पर सही दवा जरूरी है.
बागेश्वर में 82 टीबी के मरीजों का चल रहा इलाज: बागेश्वर जिले में साल दर साल टीबी के मरीजों की संख्या कम होती जा रही है. इस साल जनवरी से अब तक 106 लोगों में टीबी की बीमारी के लक्षण पाए गए. जिनमें से 82 टीबी मरीजों का उपचार चल रहा है. चिकित्सकों का कहना है कि टीबी अब लाइलाज बीमारी नहीं है. डॉट्स पद्धति से इस बीमारी का संपूर्ण इलाज होता है. जिले में टीबी के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ रही है और मरीज स्वयं टीबी की जांच कराने आने लगे हैं. उसी के तहत आज क्षय रोग से मुक्त हुवे मरीजो को सम्मानित भी किया.