देहरादून: उत्तराखंड के चर्चित अंकिता हत्याकांड पर एक बार फिर कांग्रेस के दिग्गज नेता और सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए है. हरीश रावत ने तो यहां तक कहा है कि यदि सरकार में थोड़ी भी शर्म बची है, तो सरकार को अंकिता के माता-पिता और इस केस की पैरवी कर रहे पैरोकारों से सलाह लेकर इस केस को सीनियर क्रिमिनल लॉयर को सौंपना चाहिए.
बता दें कि बीते दिनों अंकिता भंडारी के माता-पिता ने पौड़ी जिलाधिकारी आशिष चौहान से मुलाकात की थी, तभी उन्होंने मांग की थी, उनकी बेटी अंकिता भंडारी का केस किसी अन्य वकील को दिया जाए. क्योंकि जो सरकारी वकील उनकी बेटी का केस लड़ रहा है, उससे वो संतुष्ट नहीं है. इतना ही नहीं अंकिता भंडारी के माता-पिता ने यहां तक कहा था कि यदि उनकी मांगों पर विचार नहीं किया गया तो वे आमरण अनशन करेंगे.
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#अंकिता_हत्याकांड या वनंतरा रिजॉर्ट कांड में सरकारी वकील पर अंकिता के माता-पिता द्वारा सरकारी वकील पर लगाए गए आक्षेप अत्यधिक गहरे हैं! अंकिता हत्याकांड में हर कदम-कदम पर अभियुक्तों को बचाने का उच्च स्तरीय प्रयास हुआ है। हत्या के कारक #VIP का अभी भी कोई..1/2 pic.twitter.com/z6vJGvB5hB
— Harish Rawat (@harishrawatcmuk) June 10, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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अंकिता भंडारी के माता-पिता की इसी मांग को लेकर हरीश रावत ने सरकार पर तंज कसा है. हरीश रावत ने कहा कि अंकिता केस में सरकारी वकील पर अंकिता के माता-पिता ने सरकारी वकील पर जो आक्षेप लगाए है, वो अत्यधिक गहरे हैं. ऐसे लगता है कि अंकिता हत्याकांड में हर कदम पर आरोपियों को बचाने के उच्च स्तरीय प्रयास किया जा रहा है.
हरीश रावत ने कहा कि अंकिता हत्याकांड के कारक वीआईपी का नाम भी अभीतक सामने नहीं है. VIP बारे में अभीतक कोई खुलासा नहीं किया गया है. हरीश रावत ने कहा कि अधिकांश उत्तराखंडी ये मान बैठे है कि इस कांड में शामिल लोगों को बचाया जाएगा. यदि सरकार थोड़ी बहुत भी शर्म बचाना चाहती है तो ये कैसे किसी सीनियर क्रिमिनल लॉयर को सौंपा जाए.
कांग्रेस महिला मोर्च ने भी खोला मोर्चा: वहीं, इस मामले को लेकर आज 10 जून को उत्तराखंड महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष ज्योति रौतेला ने भी पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान ज्योति रौतेला के साथ अंकिता भंडारी के परिजन भी मौजूद थे.
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ज्योति रौतेला ने अंकिता भंडारी हत्यकांड को लेकर सरकार पर जमकर निशाना साधा. ज्योति रौतेला का आरोप है कि अंकिता भंडारी केस को सरकार जबदस्ती लंबा खींच रही है. जब अंकिता भंडारी के माता-पिता को मनोनीत वकील भरोसा नहीं है तो सरकार उसे क्यों नहीं हटाती है. ज्योति रौतेला ने कहा कि सरकार ने पूर्व में कहा था कि अंकिता भंडारी हत्याकांड की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में होगी, लेकिन वो फास्ट ट्रैक कहा है, किसी को नहीं पता.
अंकिता हत्याकांड: पौड़ी जिले के श्रीकोट डोभ गांव की रहने वाली 19 साल की अंकिता भंडारी भोगपुर में स्थित वनंत्रा रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट थी, जो बीते साल 19 सितंबर को अचानक रिजॉर्ट से गायब हो गई थी, जिसकी लाश करीब पांच दिन बाद 22 सितंबर ऋषिकेश के पास चीला नहर में मिली थी. इस मामले में पुलिस ने वनंत्रा रिसॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य और रिसॉर्ट के दो अन्य कर्मचारी सौरभ भास्कर व अंकित गुप्ता को गिरफ्तार किया था.
आरोप है कि पुलकित आर्य अंकिता भंडारी पर गलत काम करने का दबाव बना रहा था, जिसके लिए अंकिता भंडारी ने साफ इंकार कर दिया था. इसीलिए वजह से अंकिता भंडारी ने नौकरी छोड़ने का मन भी बना लिया था. आरोप है कि पुलकित आर्य को डर था कि नौकरी छोड़ने के बाद अंकिता भंडारी उसके कारनामों का भाड़ाफोड़ कर देगी. इसीलिए 19 सितंबर की रात को पुलकित आर्य किसी बहाने से अंकिता भंडारी को रिसॉर्ट से ऋषिकेश के लिए लेकर निकाला. इसी बीच उसने बीच रास्ते में चीला नहर में अंकिता भंडारी को धक्का दे दिया है, जिससे उसकी मौत हो गई. घटना के बाद तीनों (पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर व अंकित गुप्ता) ने पुलिस और परिजनों को गुमराह करने का भी प्रयास किया. अभी तीनों जेल में बंद है.