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पिंजरे में कैद हुआ गुलदार, लोगों ने ली राहत की सांस

कोटद्वार के गोदी गांव में गुलदार पिंजरे में कैद हुआ है. गुलदार के पिंजरे में कैद होने के बाद वन विभाग और ग्रामीणों ने राहत की सांस ली.

कैद हुआ गुलदार
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Published : Apr 15, 2021, 12:31 PM IST

कोटद्वार: गोदी गांव में गुलदार पिंजरे में कैद हुआ है. गुलदार के पिंजरे में कैद होने के बाद वन विभाग और ग्रामीणों ने राहत की सांस ली. बता दें कि, 10 अप्रैल को दादी के साथ खेल रही मासूम को गुलदार ने अपना निवाला बनाया था. जिसके बाद से वन विभाग गुलदार को पिंजरे में कैद करने का प्रयास कर रहा था, वहीं बीते देर रात गुलदार पिंजरे में कैद हो गया.


बता दें कि, गोदी गांव में 10 अप्रैल देर शाम को दादी के साथ खेल रही माही (3) को गुलदार ने अपना निवाला बनाया था. जिसके बाद से ही गांव में दहशत का माहौल बना हुआ था. सूचना मिलते ही वन विभाग ने गांव और आसपास के क्षेत्रों में गश्त बढ़ा दी थी. वन विभाग ने तत्काल गांव के आसपास और गांव आने और जाने वाले रास्ते पर चार ट्रैपिंग कैमरे लगाए थे. साथ ही ग्रामीणों की मांग पर तीन पिंजरे गांव के आसपास लगाए थे. लेकिन दो दिन तक गुलदार पिंजरे के आसपास भी नहीं आया, ट्रैपिंग कैमरों की मदद से वन विभाग की एसओजी टीम ने गुलदार के मूमेंट का पता लगाया और पिंजरों के डायरेक्शन को चेंज किया. जैसे ही पिंजरों का डायरेक्शन चेंज किया गया, वैसे ही गुलदार पिंजरे में फंस गया.

पढ़ें: यमकेश्वर में भालू ने किया हमला, दो किशोरियों समेत महिला घायल

लैंसडौन वन प्रभाग के डीएफओ दीपक सिंह का कहना है कि यह वन विभाग के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है. गुलदार को बिना नुकसान पहुंचाए पिंजरे में कैद कर लिया है. इसमें ट्रैपिंग कैमरों का अहम रोल रहा है. जिसकी मदद से पिंजरे को बार-बार वैज्ञानिक तरीके से बदला जा रहा था और गुलदार पिंजरे में कैद हो गया. गुलदार को चिड़ियापुर रेस्क्यू सेंटर भेजा जा रहा है. जहां पर उसकी मेडिकल जांच होगी, उसके बाद उसे किसी चिड़ियाघर में रखने का विचार किया जाएगा. बुधवार को पिंजरे में कैद करने के लिए वन विभाग की 10 सदस्यीय टीम मौके पर मौजूद थी. पकड़े गये गुलदार की उम्र लगभग 12 वर्ष बताई जा रही है.

कोटद्वार: गोदी गांव में गुलदार पिंजरे में कैद हुआ है. गुलदार के पिंजरे में कैद होने के बाद वन विभाग और ग्रामीणों ने राहत की सांस ली. बता दें कि, 10 अप्रैल को दादी के साथ खेल रही मासूम को गुलदार ने अपना निवाला बनाया था. जिसके बाद से वन विभाग गुलदार को पिंजरे में कैद करने का प्रयास कर रहा था, वहीं बीते देर रात गुलदार पिंजरे में कैद हो गया.


बता दें कि, गोदी गांव में 10 अप्रैल देर शाम को दादी के साथ खेल रही माही (3) को गुलदार ने अपना निवाला बनाया था. जिसके बाद से ही गांव में दहशत का माहौल बना हुआ था. सूचना मिलते ही वन विभाग ने गांव और आसपास के क्षेत्रों में गश्त बढ़ा दी थी. वन विभाग ने तत्काल गांव के आसपास और गांव आने और जाने वाले रास्ते पर चार ट्रैपिंग कैमरे लगाए थे. साथ ही ग्रामीणों की मांग पर तीन पिंजरे गांव के आसपास लगाए थे. लेकिन दो दिन तक गुलदार पिंजरे के आसपास भी नहीं आया, ट्रैपिंग कैमरों की मदद से वन विभाग की एसओजी टीम ने गुलदार के मूमेंट का पता लगाया और पिंजरों के डायरेक्शन को चेंज किया. जैसे ही पिंजरों का डायरेक्शन चेंज किया गया, वैसे ही गुलदार पिंजरे में फंस गया.

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लैंसडौन वन प्रभाग के डीएफओ दीपक सिंह का कहना है कि यह वन विभाग के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है. गुलदार को बिना नुकसान पहुंचाए पिंजरे में कैद कर लिया है. इसमें ट्रैपिंग कैमरों का अहम रोल रहा है. जिसकी मदद से पिंजरे को बार-बार वैज्ञानिक तरीके से बदला जा रहा था और गुलदार पिंजरे में कैद हो गया. गुलदार को चिड़ियापुर रेस्क्यू सेंटर भेजा जा रहा है. जहां पर उसकी मेडिकल जांच होगी, उसके बाद उसे किसी चिड़ियाघर में रखने का विचार किया जाएगा. बुधवार को पिंजरे में कैद करने के लिए वन विभाग की 10 सदस्यीय टीम मौके पर मौजूद थी. पकड़े गये गुलदार की उम्र लगभग 12 वर्ष बताई जा रही है.

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