श्रीनगर: नरेंद्र नगर राजमहल से होते हुए आज गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा देवप्रयाग, कीर्तिनगर होते हुए श्रीनगर पहुंची. गुरुवार को गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा ने कमलेश्वर मन्दिर होते हुए बदरीनाथ धर्मशाला में रात्रि विश्राम किया. सुबह होते ही श्रीनगर और उसके आस पास के लोग गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा के दर्शन करने के लिए पहुंचे. इस दौरान श्रद्धालुओं ने कलश के सामने शीश झुकाकर आशीर्वाद मांगा. इस दौरान यात्रा के साथ डिमर पंडा समाज के पुजारी वर्ग के लोग मौजूद रहे.
कलश यात्रा के साथ आये हुए बदरीनाथ केन्द्रीय धार्मिक पंचायत के अध्यक्ष आशुतोष बहुगुणा ने बताया कि गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा के लिए तिल के तेल को सुहागिनों द्वारा तैयार किया जाता है. आज ये गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा धारी देवी, रुद्रप्रयाग होते हुए विभिन्न जगहों से गुजरेगी. देर शाम गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा डिमर लक्ष्मी नारायण मंदिर पहुंचेगी. जहां मन्दिर के गर्भ गृह में गाडू घड़ा तेल कलश को रखा जाएगा. इसकी विधि विधान से पूजा अर्चना की जाएगी. इस पर विशेष भोग लगाया जाएगा.
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24 अप्रैल तक यही क्रिया चलती रहेगी. 24 अप्रैल को सुबह यात्रा जोशीमठ के लिए प्रस्थान करेगी. यात्रा 24 अप्रैल को जोशीमठ में ही रुकेगी. 25 अप्रैल को यात्रा पांडुकेश्वर पहुंचेगी. 26 अप्रैल को यात्रा के साथ उद्धव जी की डोली, कुबेर की डोली, उत्सव विग्रह डोली के साथ यात्रा 27 अप्रैल को बदरीनाथ पहुंच जाएगी. जहां कपाट खुलते ही गाडू घड़ा तेल कलश को गर्भ गृह में रखा जाएगा. कलश में रखे तेल से भगवान बदरीनाथ का अभिषेक किया जाएगा. डिमरी समुदाय के पुजारी दिनेश डिमरी ने बताया 250 वर्षों से इसी तरह से यात्रा आयोजित की जा रही है. इस परिपाटी को टिहरी राज परिवार द्वारा आयोजित किया जाता है.