कोटद्वार: लालढांग-चिल्लरखाल मोटर मार्ग पर एनटीसीए और सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद वन मंत्री हरक सिंह रावत के ड्रीम प्रोजक्ट पर पानी फिरता दिख रहा है. 11 किलोमीटर सड़क के निर्माण पर राज्य सरकार साढ़े 4 करोड़ रुपये से अधिक का बजट खर्च कर चुकी है, जिसमें एक पुल का निर्माण और 3 पुल निर्माणधीन पड़े हुए हैं. इसमें सरकार ने न्यायालय में अपना पक्ष रखकर विभिन्न पहलुओं पर बात रखी है.
वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने बताया कि सरकार ने ठोस पहलुओं के साथ सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखा है और जल्द ही फैसला सरकार के पक्ष में आने की उम्मीद है. लालढांग-चिल्लरखाल मोटर मार्ग पर सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई भी इसी महीने के अंत में होगी.
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वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने बताया कि लालढांग-चिल्लरखाल मोटर मार्ग पर सरकार पूरी तरह पैरवी कर रही है. यह जनहित का मामला होने के कारण इस सड़क का निर्माण नियमों के अनुसार कराया जा रहा था. शुक्रवार को प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अपने पक्ष को मजबूती के साथ रखा. साथ ही बताया कि हमें न्याय मिलेगा और जल्द ही लालढांग-चिल्लरखाल मोटर मार्ग के निर्माण का रास्ता खुलेगा.