पौड़ीः लोक भाषा को संरक्षित करने की दिशा में पौड़ी जिले में कक्षा एक से पांचवीं तक के सरकारी स्कूलों में गढ़वाली पाठ्यक्रम पढ़ाया जा रहा है. ऐसे में स्कूलों में बच्चे अन्य विषयों के अलावा गढ़वाली भाषा भी सीख रहे हैं. इसी कड़ी में गढ़वाली पाठ्यक्रम के साथ अब सरकारी स्कूलों में गढ़वाली प्रार्थना और समूहगान भी शुरू किया गया है. इसकी शुरुआत राजकीय आदर्श इंटर कालेज धुमाकोट से की गई है.
पौड़ी जिले के राजकीय इंटर कालेज धुमाकोट समेत अन्य दो स्कूलों में लोक वाद्ययंत्रों के साथ गढ़वाली प्रार्थना और समूहगान की शुरुआत की जाएगी. इसके लिए डायट चड़ीगांव की ओर से वाद्ययंत्र उपलब्ध कराए जाएंगे. विद्यालय के प्रधानाचार्य दर्शन कुमार ने बताया कि फिलहाल वे अपने स्तर से जुटाए गए संसाधनों से वाद्ययंत्रों की व्यवस्था कर गढ़वाली भाषा में प्रार्थना और समूहगान प्रारंभ करवा दिया गया है.
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वहीं, इस वंदना और समूहगान की रचना के साथ ही संगीत निर्देशन हिंदी प्रवक्ता महेंद्र ध्यानी ने किया गया है. हारमोनियम पर गिरीश ध्यानी, ढोलक पर पूर्वांशी ध्यानी, हुड़की पर महेंद्र ध्यानी और थाली पर राहुल रावत संगीत कर रहे हैं. ऐसे में गढ़वाली पाठ्यक्रम के जरिए गढ़वाली भाषा को संरक्षित किया जा सकेगा और आने वाली पीढ़ी भी अपनी बोली भाषा से रूबरू हो सकेंगे.