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महिला सशक्तिकरण के मॉडल शोध कार्य में गढ़वाल विवि को मिला प्रथम स्थान - प्रधानमंत्री दस सूत्रीय कार्यक्रम के तहत आपदा प्रबंधन

प्रधानमंत्री दस सूत्रीय कार्यक्रम के तहत आपदा प्रबंधन में महिलाओं की भागीदारी पर संबंधित सर्वश्रेष्ठ कार्य अभ्यास हेतु मंगाए गए प्रत्यावेदनों में एचएनबी गढ़वाल विवि के पर्यावरणीय विज्ञान विभाग तथा राष्ट्रीय पर्यावरणीय एवं अभियांत्रिकी शोध संस्थान (नीरी) नागपुर की संयुक्त पहल पर हुए शोध कार्य को देश में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है.

महिला सशक्तिकरण
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Published : May 29, 2022, 4:58 PM IST

श्रीनगर: प्रधानमंत्री दस सूत्रीय कार्यक्रम के तहत आपदा प्रबंधन में महिलाओं की भागीदारी पर संबंधित सर्वश्रेष्ठ कार्य अभ्यास हेतु मंगाए गए प्रत्यावेदनों में एचएनबी गढ़वाल विवि के पर्यावरणीय विज्ञान विभाग तथा राष्ट्रीय पर्यावरणीय एवं अभियांत्रिकी शोध संस्थान (नीरी) नागपुर की संयुक्त पहल पर हुए शोध कार्य को देश में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है.

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान, गृह मंत्रालय भारत सरकार के द्वारा देश के केन्द्रीय व राज्य सरकारों के अधीन संचालित विश्वविद्यालयों, आईआईटी, एनआईटी तथा शोध संस्थानों से इस संदर्भ में प्रत्यावेदन मांगे गए थे. गढ़वाल विवि की ओर से जनवरी 2022 में विवि के कुलसचिव की ओर से राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन संस्थान में इसे जमा किया गया था.

गढ़वाल विवि से पर्यावरणीय विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो राकेश कुमार मैखुरी की अगुवाई और सीएसआईआर-नीरी की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. शालिनी ध्यानी के महत्वपूर्ण योगदान के फलस्वरूप विश्वविद्यालय को यह उपलब्धि प्राप्त हुई. जिसमें दोनों वैज्ञानिकों द्वारा आपदा प्रबन्धन में महिलाओं की भागीदारी के अन्तर्गत केन्द्रीय हिमालय में भूस्खलन तथा आपदा का सामना करने में चारा बैंक मॉडल की पहल द्वारा महिला सशक्तिकरण पर अपने बहुमूल्य सुझावों एवं शोध अनुभवों को प्रस्तुत किया गया.

पढ़ें: केदारनाथ में गंदगी देखकर दु:खी हुए पीएम मोदी, रुद्रप्रयाग के इन तीनों लोगों की तारीफ

महिला सशक्तिकरण के इस शोध कार्य मॉडल को आईसीएमओडी नेपाल और आईयूसीएन द्वारा भी सराहा गया है. केदारघाटी के मैखंडा कलस्टर में हुए इस शोध कार्य में कृषि भूमि तथा उसके आस-पास की बंजर भूमि पर 10 हेक्टेयर क्षेत्र में चरापत्ती के लिए स्थानीय परिस्थितियों में उपयुक्त 48 प्रजातियों के वृक्षों का रोपण किया गया था. जिसमे छंछरी, मोरू, खरसू, उतीश, तिमला आदि प्रमुख रूप से शामिल थे. वृक्षारोपण उनकी देखरेख व रखरखाव का सम्पूर्ण जिम्मा ग्रामीण महिलाओं को दिया गया था. जिसमें 80% महिलाएं आर्थिक व सामाजिक रूप से पिछड़े समुदाय से थीं.

श्रीनगर: प्रधानमंत्री दस सूत्रीय कार्यक्रम के तहत आपदा प्रबंधन में महिलाओं की भागीदारी पर संबंधित सर्वश्रेष्ठ कार्य अभ्यास हेतु मंगाए गए प्रत्यावेदनों में एचएनबी गढ़वाल विवि के पर्यावरणीय विज्ञान विभाग तथा राष्ट्रीय पर्यावरणीय एवं अभियांत्रिकी शोध संस्थान (नीरी) नागपुर की संयुक्त पहल पर हुए शोध कार्य को देश में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है.

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान, गृह मंत्रालय भारत सरकार के द्वारा देश के केन्द्रीय व राज्य सरकारों के अधीन संचालित विश्वविद्यालयों, आईआईटी, एनआईटी तथा शोध संस्थानों से इस संदर्भ में प्रत्यावेदन मांगे गए थे. गढ़वाल विवि की ओर से जनवरी 2022 में विवि के कुलसचिव की ओर से राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन संस्थान में इसे जमा किया गया था.

गढ़वाल विवि से पर्यावरणीय विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो राकेश कुमार मैखुरी की अगुवाई और सीएसआईआर-नीरी की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. शालिनी ध्यानी के महत्वपूर्ण योगदान के फलस्वरूप विश्वविद्यालय को यह उपलब्धि प्राप्त हुई. जिसमें दोनों वैज्ञानिकों द्वारा आपदा प्रबन्धन में महिलाओं की भागीदारी के अन्तर्गत केन्द्रीय हिमालय में भूस्खलन तथा आपदा का सामना करने में चारा बैंक मॉडल की पहल द्वारा महिला सशक्तिकरण पर अपने बहुमूल्य सुझावों एवं शोध अनुभवों को प्रस्तुत किया गया.

पढ़ें: केदारनाथ में गंदगी देखकर दु:खी हुए पीएम मोदी, रुद्रप्रयाग के इन तीनों लोगों की तारीफ

महिला सशक्तिकरण के इस शोध कार्य मॉडल को आईसीएमओडी नेपाल और आईयूसीएन द्वारा भी सराहा गया है. केदारघाटी के मैखंडा कलस्टर में हुए इस शोध कार्य में कृषि भूमि तथा उसके आस-पास की बंजर भूमि पर 10 हेक्टेयर क्षेत्र में चरापत्ती के लिए स्थानीय परिस्थितियों में उपयुक्त 48 प्रजातियों के वृक्षों का रोपण किया गया था. जिसमे छंछरी, मोरू, खरसू, उतीश, तिमला आदि प्रमुख रूप से शामिल थे. वृक्षारोपण उनकी देखरेख व रखरखाव का सम्पूर्ण जिम्मा ग्रामीण महिलाओं को दिया गया था. जिसमें 80% महिलाएं आर्थिक व सामाजिक रूप से पिछड़े समुदाय से थीं.

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