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गढ़वाल विवि ने हाईकोर्ट में दाखिल किया काउंटर एफिडेविट. तीन विभागों के इंटरव्यू किए रद्द

उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेश (orders of Uttarakhand High Court) पर हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय (Garhwal University canceled interviews) ने तीन विभागों के इंटरव्यू रद्द किए (canceled interviews of three departments) हैं.

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Published : Sep 15, 2022, 8:51 PM IST

श्रीनगर: हेमवती नन्दन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय (Garhwal University canceled interviews) ने भूगोल विभाग में संकाय सदस्य (faculty member) की नियुक्ति पर उत्तराखंड हाईकोर्ट में (orders of Uttarakhand High Court) काउंटर एफिडेविट दाखिल कर दिया है. उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेश को देखते हुए गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय ने भूगोल विज्ञान संकाय में होने साक्षात्कार स्थगित कर दिए हैं. इसके साथ ही भू-गर्भ विज्ञान और रिमोट साइंस के इंटरव्यू भी स्थगित कर दिए गए (canceled interviews of three departments) है.

गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के भूगोल विभाग में 10 से 15 सितंबर के बीच संकाय सदस्यों (शिक्षकों) की नियुक्ति हेतु साक्षात्कार होने थे, लेकिन एक अभ्यर्थी आवेदन पत्र निरस्त होने पर कोर्ट की शरण में चली गई थी, उसका कहना था कि ओबीसी प्रमाण पत्र निरस्त होने पर विश्वविद्यालय को उसे अनारक्षित श्रेणी में शामिल करना चाहिए था. मामले में नौ सितंबर को सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए इसका पालन करने के निर्देश दिए.

साथ ही यह कहा कि आगाामी साक्षात्कार कोर्ट के आगामी आदेशों के अधीन होंगे. लेकिन जब तक इस मामले में कोई फैसला नहीं होता, तब तक चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति नहीं की जाएगी. वहीं इस मामले में अगली सुनवाई 24 नंवबर तय है.
पढ़ें- यूपी STF के हत्थे चढ़ा UKSSSC पेपर लीक का मास्टरमाइंड मूसा, योगेश्वर राव भी अरेस्ट

उत्तराखंड हाईकोर्ट को आदेश के देखते हुए गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय ने भूगोल विज्ञान संकाय के इंटरव्यू तो पहले ही निरस्त कर दिए थे, वहीं आज भू गर्भ विज्ञान और रिमोट साइंस विभाग में होने वाली नियुक्तियों पर भी रोक लगा दी है. गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के उप कुलसचिव (नियुक्ति) डॉक्टर संजय ध्यानी ने बताया कि कोर्ट के आदेश का अनुपालन करते हुए भूगोल, रिमोट साइंस और भूगर्भ विज्ञान में होने वाले साक्षात्कार स्थगित कर दिए गए हैं.

उन्होंने बताया कि अभ्यर्थी को हर वर्ग के लिए अलग-अलग आवेदन करने थे. उक्त अभ्यर्थी ने सिर्फ ओबीसी वर्ग में आवेदन किया था. उसका प्रमाण पत्र मान्य न होने के कारण निरस्त किया गया. डॉ. ध्यानी ने बताया कि कोर्ट में तत्काल आवेदन और काउंटर एफिडेविट दाखिल कर दिया गया है.

श्रीनगर: हेमवती नन्दन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय (Garhwal University canceled interviews) ने भूगोल विभाग में संकाय सदस्य (faculty member) की नियुक्ति पर उत्तराखंड हाईकोर्ट में (orders of Uttarakhand High Court) काउंटर एफिडेविट दाखिल कर दिया है. उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेश को देखते हुए गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय ने भूगोल विज्ञान संकाय में होने साक्षात्कार स्थगित कर दिए हैं. इसके साथ ही भू-गर्भ विज्ञान और रिमोट साइंस के इंटरव्यू भी स्थगित कर दिए गए (canceled interviews of three departments) है.

गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के भूगोल विभाग में 10 से 15 सितंबर के बीच संकाय सदस्यों (शिक्षकों) की नियुक्ति हेतु साक्षात्कार होने थे, लेकिन एक अभ्यर्थी आवेदन पत्र निरस्त होने पर कोर्ट की शरण में चली गई थी, उसका कहना था कि ओबीसी प्रमाण पत्र निरस्त होने पर विश्वविद्यालय को उसे अनारक्षित श्रेणी में शामिल करना चाहिए था. मामले में नौ सितंबर को सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए इसका पालन करने के निर्देश दिए.

साथ ही यह कहा कि आगाामी साक्षात्कार कोर्ट के आगामी आदेशों के अधीन होंगे. लेकिन जब तक इस मामले में कोई फैसला नहीं होता, तब तक चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति नहीं की जाएगी. वहीं इस मामले में अगली सुनवाई 24 नंवबर तय है.
पढ़ें- यूपी STF के हत्थे चढ़ा UKSSSC पेपर लीक का मास्टरमाइंड मूसा, योगेश्वर राव भी अरेस्ट

उत्तराखंड हाईकोर्ट को आदेश के देखते हुए गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय ने भूगोल विज्ञान संकाय के इंटरव्यू तो पहले ही निरस्त कर दिए थे, वहीं आज भू गर्भ विज्ञान और रिमोट साइंस विभाग में होने वाली नियुक्तियों पर भी रोक लगा दी है. गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के उप कुलसचिव (नियुक्ति) डॉक्टर संजय ध्यानी ने बताया कि कोर्ट के आदेश का अनुपालन करते हुए भूगोल, रिमोट साइंस और भूगर्भ विज्ञान में होने वाले साक्षात्कार स्थगित कर दिए गए हैं.

उन्होंने बताया कि अभ्यर्थी को हर वर्ग के लिए अलग-अलग आवेदन करने थे. उक्त अभ्यर्थी ने सिर्फ ओबीसी वर्ग में आवेदन किया था. उसका प्रमाण पत्र मान्य न होने के कारण निरस्त किया गया. डॉ. ध्यानी ने बताया कि कोर्ट में तत्काल आवेदन और काउंटर एफिडेविट दाखिल कर दिया गया है.

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