पौड़ीः पूर्व मुख्यमंत्री और गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत ने डोभ श्रीकोट पहुंचकर अंकिता भंडारी के परिजनों से मुलाकात (Tirath Singh Rawat met Ankita Bhandari Family) की. इस दौरान उन्होंने अंकिता के माता पिता से मुलाकात कर दिवंगत बेटी की हत्या पर अफसोस जताया. उन्होंने कहा कि अंकिता हत्याकांड के आरोपियों को किसी भी सूरत में छोड़ा नहीं जाएगा. वहीं, इससे पूर्व बीजेपी महिला प्रदेश अध्यक्ष आशा नौटियाल और केदारनाथ विधायक शैलारानी रावत ने भी अंकिता के घर जाकर परिजनों का दुख बांटा.
गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत (Garhwal MP Tirath Singh Rawat) ने कहा कि देवभूमि के सौहार्द को दूषित करने वालों को सख्त सजा दिलाई जाएगी. प्रदेश के लॉ एंड ऑर्डर (law and order in Uttarakhand) को बिगाड़ने वालों को छोड़ा नहीं जा सकता. सरकार पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है. हत्यारों को फांसी की सजा दिलाए जाने के लिए मामले की फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई की जाएगी और परिवार की हरसंभव मदद की जाएगी.
सांसद तीरथ ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी इस हत्याकांड से बेहद आहत हैं. सरकार की ओर से इसमें त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपियों को जेल भेजा गया है. प्रदेश सरकार ने स्पष्ट किया है कि इस मामले में शामिल किसी को भी नहीं छोड़ा जाएगा, चाहे वो कितना भी बड़ा रसूखदार क्यों न हो. दोषियों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई की जाएगी, जो एक नजीर साबित होगी.
ये भी पढ़ेंः अधूरी रह गई अंकिता भंडारी की इच्छा, माता-पिता के लिए बनाना चाहती थी दो कमरों का घर
सांसद ने राजस्व पुलिस व्यवस्था को बताया नाकाफीः गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत ने प्रदेश की राजस्व पुलिस व्यवस्था को नाकाफी बताया है. उन्होंने कहा कि इस प्रकार के संवेदनशील मामलों की जांच तुरंत रेगुलर पुलिस को करनी चाहिए थी. राजस्व पुलिस आज भी पुराने तरीकों से ही कार्य करती है. यहां तक कि राजस्व पुलिस के पास संसाधन भी नहीं हैं. बता दें कि विधानसभा अध्यक्ष ऋतुभूषण खंडूड़ी भी राजस्व पुलिस व्यवस्था पर सवाल खड़े कर चुकी हैं. विधानसभा अध्यक्ष ने इसके लिए मुख्यमंत्री को बकायदा पत्र लिखकर भी इसमें सुधार लाने की बात कही थी.
बीजेपी नेत्रियों ने बांटा पीड़ित परिवार का दुखः बीजेपी महिला प्रदेश अध्यक्ष आशा नौटियाल और केदारनाथ विधायक शैलारानी रावत (Kedarnath MLA Shaila Rani Rawat) भी अंकिता भंडारी के गांव डोभ श्रीकोट पहुंचीं. जहां उन्होंने उनके माता पिता और परिजनों से मुलाकात कर सांत्वना दी. उन्होंने कहा कि इस दुख की घड़ी में वो पीड़ित परिवार के साथ हैं. वो भी एक मां हैं. ऐसे में वो बच्चों का दर्द भली भांति समझती हैं. उन्होंने कहा कि बेटियां हमारा गौरव और अभिमान हैं. उनके सम्मान को ठेस पहुंचाने वाले किसी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
आंगनबाड़ी वर्कर अंकिता के परिजनों की करेंगे वित्तीय मददः आंगनबाड़ी वर्करों ने अंकिता भंडारी के परिजनों को वित्तीय रूप से मदद करने का फैसला किया है, ताकि दोषियों को सजा दिलाने में मृतक अंकिता भंडारी के परिजनों को वित्तीय रूप से दिक्कत न आए. आंगनबाड़ी वर्कर के मानदेय में केंद्र और राज्य अंश अलग-अलग आने के चलते वो अपना मानदेय तकनीकी रूप से पीड़ित परिवार को नहीं दे पा रही हैं. लिहाजा, आंगनबाड़ी वर्करों ने अंकिता के परिजनों के लिए संगठन की तरफ से पैसा इकट्ठा करने का फैसला किया है.
ये भी पढ़ेंः वो बेस्ट स्टूडेंट थी, 12वीं में 88%, कुछ ऐसी थी अंकिता भंडारी की कहानी
बता दें कि पौड़ी जिले के नांदलस्यू पट्टी के श्रीकोट की रहने वाली अंकिता भंडारी (19) ऋषिकेश के बैराज चीला मार्ग पर गंगापुर भोगपुर में स्थित वनंत्रा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट की नौकरी करती थी. अंकिता इस रिजॉर्ट में 28 अगस्त से नौकरी कर रही थी. वो बीती 18 सितंबर को रहस्यमय तरीके से लापता हो गई थी. जिसके बाद रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य ने राजस्व पुलिस चौकी में उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई. 22 सितंबर तक अंकिता का कुछ पता नहीं चला. इसके बाद मामला लक्ष्मणझूला थाना पुलिस को ट्रांसफर कर दिया गया.
वहीं, जब पुलिस ने जांच की तो रिजॉर्ट (Vanantra Resort Rishikesh) के संचालक और उसके मैनेजरों की भूमिका सामने आई. रिजॉर्ट के कर्मचारियों से पूछताछ में पता चला कि 18 सितंबर को शाम करीब आठ बजे अंकिता रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, मैनेजर अंकित और भास्कर के साथ रिजॉर्ट से निकली थी, लेकिन जब वो वापस लौटे तो उनके साथ अंकिता (Receptionist Ankita Bhandari) नहीं थी. इस आधार पर पुलिस ने तीनों को हिरासत लिया और पूछताछ की.
आरोपियों ने पुलिस के सामने सारा सच उगल दिया. आरोपियों ने अंकिता भंडारी को नहर में धकेल (Ankita Bhandari Murder Case) दिया था. जिससे उसकी मौत हो गई. मामले में पुलिस ने पूर्व राज्यमंत्री विनोद आर्य (Pulkit Arya father Vinod Arya) के बेटे रिजॉर्ट संचालक पुलकित आर्य और उसके दो मैनेजरों को हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया. इसके बाद कोर्ट ने तीनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. वहीं, बीती 24 सितंबर को अंकिता का शव चीला बैराज से बरामद हुआ. जिसके बाद शव को एम्स ऋषिकेश ले जाया गया. जहां उसका पोस्टमार्टम किया गया.
वहीं, पोस्टमार्टम रिपोर्ट की जानकारी सार्वजनिक करने की मांग को लेकर मोर्चरी के बाहर कांग्रेसियों ने ग्रामीणों के साथ मिलकर जमकर हंगामा भी किया, लेकिन स्थिति की नजाकत को देखते हुए डॉक्टरों के पैनल ने हाथों-हाथ रिपोर्ट की जानकारी नहीं दी. पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में उसके शरीर पर चोट के निशान मिले. जिसके आधार पर कहा जा सकता है कि 28 अगस्त से रिजॉर्ट में ड्यूटी ज्वाइन करने के बाद से ही मालिक और उसके सहयोगी उसे प्रताड़ित कर रहे थे. वहीं, श्रीनगर में अंकिता का अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान काफी बवाल भी हुआ था.
ये भी पढ़ेंः अंकिता मर्डर केस के बाद सहमी गढ़वाल विवि की छात्राएं, UKD ने किया उत्तराखंड बंद का ऐलान