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कांग्रेस में शुरू हुआ गणेश 'राज', बनाये गये प्रदेश अध्यक्ष - ganesh godiyal latest news

2022 विधानसभा चुनाव से पहले गणेश गोदियाल को बड़ी जम्मेदारी दी गई है. गणेश गोदियाल को उत्तराखंड कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है.

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गणेश गोदियाल के हाथ कांग्रेस की कमान
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Published : Jul 22, 2021, 10:06 PM IST

Updated : Jul 22, 2021, 10:32 PM IST

श्रीनगर: बीते कुछ दिनों पहले हुए सियासी घटनाक्रम में भले ही श्रीनगर विधानसभा से आने वाले बीजेपी के दिग्ग्ज नेता धन सिंह रावत को मुख्य मंत्री की रेस में पिछड़ना पड़ा हो, मगर इस बार उनकी कमी पूर्व विधायक गणेश गोदियाल ने पूरी कर दी है. श्रीनगर विधासभा से आने वाले गणेश गोदियाल को कांग्रेस में अध्यक्ष पद की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है.

कांग्रेस में प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर गणेश गोदियाल का नाम फाइनल हो गया है. कांग्रेस आलाकमान प्रदेश में चुनाव से पहले अध्यक्ष पद पर किसी ऐसे मझे खिलाड़ी को बिठाना चाहता था जो राजनीति के चौसर की सभी चालो से वाकिफ हो, ऐसे में श्रीनगर विधानसभा सीट से पूर्व विधायक रहे गणेश गोदियाल का नाम इस रेस में आगे चल रहा था. गणेश गोदियाल हरीश रावत के करीबी माने जाते हैं. गणेश उत्तराखंड की राजनीति के गणित को भली भांति समझते हैं, इसके आलवा उनका हर मुद्दे पर मुखर होना, कार्यकर्ताओं के बीच पहुंच, सुगम उपलब्धता उन्हें इस दौड़ मै सबसे आगे ले गई. जिसका नतीजा ये रहा कि आज उन्हें कांग्रेस की कमान सौंपी गई.

पढ़ें-कांग्रेस: गोदियाल को संगठन की कमान, प्रीतम नेता प्रतिपक्ष, हरदा पर चुनाव प्र'भार'

गणेश गोदियाल की राजनीतिक पारी: कांग्रेस के तेज-तर्रार नेता गणेश गोदियाल के गांव का नाम बहेड़ि है, जो कि थलासैंण में आता है. उन्होंने अपनी 12वीं की पढ़ाई पैठाणी इंटर कॉलेज से की. गणेश गोदियाल ने अपना पहला चुनाव 2002 में थलीसैंण विधानसभा से लड़ा. जिसमें गोदियाल ने बीजेपी के रमेश पोखरियाल निशंक को हराया. इसके बाद साल 2007 में हुए विधानसभा चुनाव में थलीसैंण विधानसभा से ही उन्हें निशंक के हाथों मुंह की खानी पड़ी. इसके बाद साल 2012 में उन्होंने श्रीनगर विधानसभा से चुनाव लड़ा. जिसमें उन्होंने धन सिंह रावत को हराया. इस दौरान गणेश गोदियाल बीकेटीसी के अध्यक्ष बने. साल 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में उन्हें श्रीनगर विधानसभा से हार का सामना करना पड़ा. इस बार यहां धन सिंह रावत ने बाजी मारी.

पढ़ें- LAC पर चीनी सेना, उत्तराखंड पुलिस ने ITBP-SSB के अफसरों संग की बैठक

कांग्रेस का युवा चेहरा हैं गोदियाल: कांग्रेस ने श्रीनगर विधानसभा से राजनीति का ककहरा सीखने वाले गणेश गोदियाल को कांग्रेस खेवनहार के रूप में चुना है. गणेश गोदियाल को कांग्रेस में एक युवा चेहरे के रूप में देखा जाता है. विधानसभा चुनावों से पहले मिली ये बड़ी जिम्मेदारी गणेश गोदियाल के काम और कद की पुष्टि करती है. कांग्रेस में गणेश गोदियाल को दी गई इस जिम्मेदारी के बाद श्रीनगर विधानसभा अपने आप में खास हो गई है. यहीं से कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत आते हैं.

पढ़ें- पुलिस ग्रेड पे मामलाः DGP और मंत्री सुबोध के बीच हुई वार्ता, जल्द हो सकता है फैसला!

दिलचस्प होगी श्रीनगर की लड़ाई: गणेश गोदियाल को कांग्रेस की जिम्मेदारी मिलने के बाद आने वाले चुनावों में श्रीनगर विधानसभा की जंग और भी दिलचस्प हो जाएगी. यहां एक ओर बीजेपी के कद्दावर मंत्री धन सिंह रावत होंगे तो उन्हें चुनौती देने के लिए दूसरी तरफ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल होंगे. अब तक दोनों के बीच हुई चुनावी जंग में राजानीति के ये दोनों माहिर खिलाड़ी एक दूसरे को एक-एक बार मात दे चुके हैं. ऐसे में आने वाली सियासी लड़ाई दोनों के कद के लिहाज से अपने आप में बेहद खास हो जाती है.

पढ़ें- उत्तराखंड में कांवड़ियों की ENTRY BAN, पड़ोसी राज्यों को पहुंचाया जाएगा गंगाजल

श्रीनगर के लिए दोनों ही खास: कुल मिलाकर कहा जाए तो आने वाले दिनों में श्रीनगर गढ़वाल प्रदेश की राजनीति का केंद्र होने वाला है. इस विधानसभा से दोनों दलों के हैवीवेट नेता अपनी रणनीतियों से एक दूसरे को चित करने का कोशिश करेंगे. साथ ही दोनों दलों में हैवीवेट नेताओं का होना श्रीनगर विधानसभा के लिए भी फायदेमंद होगा. जहां सत्ता में बैठी बीजेपी सरकार के मंत्री धन सिंह रावत यहां के विकास के लिए काम करेंगे. वहीं, यहां की कमियों को लेकर गणेश गोदियाल और भी पुरजोर तरीके से आवाज उठा सकेंगे.

श्रीनगर: बीते कुछ दिनों पहले हुए सियासी घटनाक्रम में भले ही श्रीनगर विधानसभा से आने वाले बीजेपी के दिग्ग्ज नेता धन सिंह रावत को मुख्य मंत्री की रेस में पिछड़ना पड़ा हो, मगर इस बार उनकी कमी पूर्व विधायक गणेश गोदियाल ने पूरी कर दी है. श्रीनगर विधासभा से आने वाले गणेश गोदियाल को कांग्रेस में अध्यक्ष पद की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है.

कांग्रेस में प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर गणेश गोदियाल का नाम फाइनल हो गया है. कांग्रेस आलाकमान प्रदेश में चुनाव से पहले अध्यक्ष पद पर किसी ऐसे मझे खिलाड़ी को बिठाना चाहता था जो राजनीति के चौसर की सभी चालो से वाकिफ हो, ऐसे में श्रीनगर विधानसभा सीट से पूर्व विधायक रहे गणेश गोदियाल का नाम इस रेस में आगे चल रहा था. गणेश गोदियाल हरीश रावत के करीबी माने जाते हैं. गणेश उत्तराखंड की राजनीति के गणित को भली भांति समझते हैं, इसके आलवा उनका हर मुद्दे पर मुखर होना, कार्यकर्ताओं के बीच पहुंच, सुगम उपलब्धता उन्हें इस दौड़ मै सबसे आगे ले गई. जिसका नतीजा ये रहा कि आज उन्हें कांग्रेस की कमान सौंपी गई.

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गणेश गोदियाल की राजनीतिक पारी: कांग्रेस के तेज-तर्रार नेता गणेश गोदियाल के गांव का नाम बहेड़ि है, जो कि थलासैंण में आता है. उन्होंने अपनी 12वीं की पढ़ाई पैठाणी इंटर कॉलेज से की. गणेश गोदियाल ने अपना पहला चुनाव 2002 में थलीसैंण विधानसभा से लड़ा. जिसमें गोदियाल ने बीजेपी के रमेश पोखरियाल निशंक को हराया. इसके बाद साल 2007 में हुए विधानसभा चुनाव में थलीसैंण विधानसभा से ही उन्हें निशंक के हाथों मुंह की खानी पड़ी. इसके बाद साल 2012 में उन्होंने श्रीनगर विधानसभा से चुनाव लड़ा. जिसमें उन्होंने धन सिंह रावत को हराया. इस दौरान गणेश गोदियाल बीकेटीसी के अध्यक्ष बने. साल 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में उन्हें श्रीनगर विधानसभा से हार का सामना करना पड़ा. इस बार यहां धन सिंह रावत ने बाजी मारी.

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कांग्रेस का युवा चेहरा हैं गोदियाल: कांग्रेस ने श्रीनगर विधानसभा से राजनीति का ककहरा सीखने वाले गणेश गोदियाल को कांग्रेस खेवनहार के रूप में चुना है. गणेश गोदियाल को कांग्रेस में एक युवा चेहरे के रूप में देखा जाता है. विधानसभा चुनावों से पहले मिली ये बड़ी जिम्मेदारी गणेश गोदियाल के काम और कद की पुष्टि करती है. कांग्रेस में गणेश गोदियाल को दी गई इस जिम्मेदारी के बाद श्रीनगर विधानसभा अपने आप में खास हो गई है. यहीं से कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत आते हैं.

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दिलचस्प होगी श्रीनगर की लड़ाई: गणेश गोदियाल को कांग्रेस की जिम्मेदारी मिलने के बाद आने वाले चुनावों में श्रीनगर विधानसभा की जंग और भी दिलचस्प हो जाएगी. यहां एक ओर बीजेपी के कद्दावर मंत्री धन सिंह रावत होंगे तो उन्हें चुनौती देने के लिए दूसरी तरफ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल होंगे. अब तक दोनों के बीच हुई चुनावी जंग में राजानीति के ये दोनों माहिर खिलाड़ी एक दूसरे को एक-एक बार मात दे चुके हैं. ऐसे में आने वाली सियासी लड़ाई दोनों के कद के लिहाज से अपने आप में बेहद खास हो जाती है.

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श्रीनगर के लिए दोनों ही खास: कुल मिलाकर कहा जाए तो आने वाले दिनों में श्रीनगर गढ़वाल प्रदेश की राजनीति का केंद्र होने वाला है. इस विधानसभा से दोनों दलों के हैवीवेट नेता अपनी रणनीतियों से एक दूसरे को चित करने का कोशिश करेंगे. साथ ही दोनों दलों में हैवीवेट नेताओं का होना श्रीनगर विधानसभा के लिए भी फायदेमंद होगा. जहां सत्ता में बैठी बीजेपी सरकार के मंत्री धन सिंह रावत यहां के विकास के लिए काम करेंगे. वहीं, यहां की कमियों को लेकर गणेश गोदियाल और भी पुरजोर तरीके से आवाज उठा सकेंगे.

Last Updated : Jul 22, 2021, 10:32 PM IST
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