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कोटद्वार: लॉकडाउन के बाद इन चार बेसहारा बच्चों का क्या होगा भविष्य?

कोरोना वायरस जैसी बीमारी के चलते पूरे देश में इस समय लॉकडाउन लागू है, जिसकी वजह से कोटद्वार के वार्ड नंबर 3 कोटरीढांग स्नेह में 4 बच्चे जिनके माता-पिता नहीं है, उनके सामने रोजी रोटी का संकट गहरा गया है.

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Published : Apr 19, 2020, 11:27 PM IST

Updated : May 25, 2020, 7:15 PM IST

Kotdwar
लॉकडाउन के बाद इन चार बेसहारा बच्चों का क्या होगा भविष्य?

कोटद्वार: कोरोना वायरस जैसी बीमारी के चलते पूरे देश में लॉकडाउन है. जिसकी वजह से कोटद्वार नगर निगम के वार्ड नंबर 3 कोटरीढांग स्नेह में 4 बच्चे जिनके माता-पिता नहीं हैं, उनके सामने रोजी रोटी का संकट गहरा गया है.

हालांकि कुछ समाजसेवी संस्थाओं ने इन्हें भोजन तो उपलब्ध कराया है, लेकिन लॉकडाउन समाप्त होने के बाद एक बार फिर से इन बेसहारा बच्चों के आगे रोजी रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा, ऐसे में सोचने वाली बात यह है कि आने वाले समय में इन बेसहारा बच्चों का भविष्य क्या होगा.

पढ़े- लॉकडाउन उल्लंघन में कुमाऊं का ये जिला अव्वल, 6 जिलों में 914 मामले दर्ज, 4337 गिरफ्तार

वहीं, चार भाई-बहनों के परिवार में से एक नाबालिक बहन जिसकी उम्र 13 साल है, उसने बताया कि हमारी स्थिति इस समय बहुत खराब है. हमारे पास न तो खाने को है और न ही पीने को. उसने बताया की हमारा न वोटर कार्ड है, न राशन कार्ड, न बैंक पासबुक और न ही श्रमिक कार्ड, जिसके लिए हमने पूर्व में पार्षद और प्रधान से भी कहा था लेकिन किसी ने भी कोई कागजात नहीं बनवाया.

उसने बताया कि उसके पिता का 10 साल पहले स्वर्गवास हो गया था, माता का भी पता नहीं है, जिसके चलते हम चारों भाई बहनों के आगे रोजी रोटी का संकट बना रहता है. हम कभी पड़ोस से मांग कर तो कभी मजदूरी कर हम अपना भरण-पोषण कर रहे हैं.

कोटद्वार: कोरोना वायरस जैसी बीमारी के चलते पूरे देश में लॉकडाउन है. जिसकी वजह से कोटद्वार नगर निगम के वार्ड नंबर 3 कोटरीढांग स्नेह में 4 बच्चे जिनके माता-पिता नहीं हैं, उनके सामने रोजी रोटी का संकट गहरा गया है.

हालांकि कुछ समाजसेवी संस्थाओं ने इन्हें भोजन तो उपलब्ध कराया है, लेकिन लॉकडाउन समाप्त होने के बाद एक बार फिर से इन बेसहारा बच्चों के आगे रोजी रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा, ऐसे में सोचने वाली बात यह है कि आने वाले समय में इन बेसहारा बच्चों का भविष्य क्या होगा.

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वहीं, चार भाई-बहनों के परिवार में से एक नाबालिक बहन जिसकी उम्र 13 साल है, उसने बताया कि हमारी स्थिति इस समय बहुत खराब है. हमारे पास न तो खाने को है और न ही पीने को. उसने बताया की हमारा न वोटर कार्ड है, न राशन कार्ड, न बैंक पासबुक और न ही श्रमिक कार्ड, जिसके लिए हमने पूर्व में पार्षद और प्रधान से भी कहा था लेकिन किसी ने भी कोई कागजात नहीं बनवाया.

उसने बताया कि उसके पिता का 10 साल पहले स्वर्गवास हो गया था, माता का भी पता नहीं है, जिसके चलते हम चारों भाई बहनों के आगे रोजी रोटी का संकट बना रहता है. हम कभी पड़ोस से मांग कर तो कभी मजदूरी कर हम अपना भरण-पोषण कर रहे हैं.

Last Updated : May 25, 2020, 7:15 PM IST
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