श्रीनगर: उरी और बालाकोट जैसी सर्जिकल स्ट्राइक की पटकथा लिखने वाले अनिल धस्माना आजकल अपने गांव (Anil Dhasmanas Uttarakhand tour) के दौरे पर हैं. आज अनिल धस्माना पौड़ी के इंटरमीडिएट कॉलेज दुधारखाल (Anil Dhasmana reached Dudharkhal) पहुंचे. जहां पर उनका पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ माल्यार्पण कर भव्य स्वागत किया गया. इस दौरान अनिल धस्माना ने विद्यालय में मौजूद छात्र-छात्राओं और शिक्षकों को भी संबोधित किया.
अनिल धस्माना(Former RAW chief Anil Dhasmana ) ने कहा वे इसी विद्यालय से पढ़े लिखे हैं. विषम परिस्थितियों से जूझते हुए वे आगे बढ़े हैं. उन्होंने सभी लोगों से मेहनत और लगन के साथ पढ़ाई करने की अपील की. उन्होंने अपने माता-पिता के नाम पर बनाए गए ट्रस्ट के माध्यम से हर साल विद्यालय के 10 उत्कृष्ट छात्र छात्राओं को 10 लाख रुपए की स्कॉलरशिप देने की भी घोषणा की. इसके साथ ही अनिल धस्माना ने बताया कि विद्यालय में 12वीं पास करने वाले दो प्रतिभावान बच्चों को मेडिकल, इंजीनियरिंग व अन्य प्रोफेशनल पढ़ाई का खर्चा उनके द्वारा उठाया जाएगा. जिससे उन बच्चों का भविष्य सुरक्षित हो सके.
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अनिल धस्माना उत्तराखंड के एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखते हैं. अनिल धस्माना तोली गांव के निवासी हैं. उनके पिता महेशानंद धस्माना सिविल एविएशन विभाग में काम करते थे. चार बेटे और तीन बेटियों के साथ बाद में वह दिल्ली बस गये. धस्माना ने आठवीं क्लास तक की पढ़ाई गांव के पास ही दुधारखाल से पास की. उसके बाद बाकी की शिक्षा दीक्षा दिल्ली में हुई.
बता दें अनिल धस्माना रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (R&AW) के अध्यक्ष रह चुके हैं. अब केंद्र सरकार ने अनिल धस्माना को नेशनल टेक्निकल रिसर्च ऑर्गनाइजेशन का अध्यक्ष बनाया है. एनटीआरओ एक टेक्निकल ऑर्गनाइजेशन है, जो कि भारत सरकार के अधीन काम करता है. अनिल धस्माना 1981 बैच के आईपीएस अफसर हैं. उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल का करीबी माना जाता है. धस्माना के नेतृत्व में ही बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक का पूरा प्लान और ऑपरेशन अंजाम दिया गया था.
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लंबे समय तक रॉ में काम कर चुके धस्माना को पाकिस्तान मामलों का एक्सपर्ट माना जाता है. 1993 में रॉ का हिस्सा बने धस्माना लंबे वक्त तक पाकिस्तान के फील्ड ऑपरेशंस का नेतृत्व किया. इसके अलावा वो सीमा सुरक्षा से जुड़े मामलों पर भी पैनी नजर रखते हैं.