कोटद्वार: क्षेत्र की नदियों और बरसाती गदेरे में रिवर ट्रेनिंग के नाम पर हो रहे खनन पर पूर्व स्वास्थ्य मंत्री ने आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा है कि सरकार द्वारा बार-बार रिवर ट्रेनिंग की समय अवधि बढ़ाई जा रही है. यदि अवधि को आगे बढ़ाया जाता है तो वे सड़क पर आंदोलन को बाध्य होंगे.
पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी ने नदियों और बरसाती गदेरे में रिवर ट्रेनिंग के नाम पर हो रहे खनन पर कहा कि अगर प्रशासन द्वारा दोबारा से रिवर ट्रेनिंग नीति की समय अवधि बढ़ाई गई तो, सड़कों पर आंदोलन करने को बाध्य होंगे. उन्होंने कहा कि सरकार रिवर ट्रेनिंग की अवधि को 31 अगस्त तक बढ़ाने की तैयारी कर रही है, जबकि रिवर ट्रेनिंग नीति के तहत नियमानुसार 30 जून को ही खनन कार्य बंद हो जाना चाहिए था. शासन-प्रशासन की शह पर रिवर ट्रेनिंग के नाम पर 31 जुलाई तक खनन किया गया है.
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पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि पूरे भारत के लिए एक व्यवस्था है. अगर कहीं पर भी रिवर ट्रेनिंग नीति के तहत खनन होता है, तो उसे 30 जून तक समाप्त करना होता है. 30 जून के बाद मॉनसून सत्र प्रारंभ हो जाता है. उसके बाद जलभराव या भूमि हानि होने की संभावना होती है. लेकिन वर्तमान स्थिति को देखते हुए लगता है कि स्थानीय विधायक और ठेकेदार इसके लिए जिम्मेदार हैं.
उन्होंने कहा कि अगर समय पर सही तरीके से रिवर ट्रेनिंग नीति के तहत नदियों को चैनेलाइज कर दिया जाता, तो शायद समय बढ़ाने की जरूरत नहीं पड़ती. पूर्व मंत्री ने क्षेत्र के वर्तमान विधायक को सिस्टम के तहत कार्य करने की नसीहत दी है.