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अग्निपथ योजना पर बोले पूर्व सीएम हरीश रावत, 'संविदा पर सैनिक' युवाओं के साथ धोखा

पूर्व सीएम हरीश रावत ने अग्निपथ योजना को युवाओं के साथ छलावा बताया है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की संविदा पर सैनिकों की भर्ती योजना अंधेरे में तीन मारने जैसा है. केंद्र सरकार एक बार फिर से देश के युवाओं के साथ छल करने जा रही है.

harish rawat
हरीश रावत
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Published : Jun 16, 2022, 7:52 PM IST

पौड़ीः पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने केंद्र सरकार की संविदा पर सैनिकों की भर्ती योजना पर सवाल उठाए हैं. हरीश रावत ने अग्निपथ योजना को युवाओं के साथ धोखा बताया है. पौड़ी में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि केंद्र सरकार एक बार फिर अंधेरे में तीर मारने का काम कर रही है.

मुख्यालय पौड़ी के सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत करते हुए पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि केंद्र सरकार एक बार फिर से देश के युवाओं के साथ छल करने जा रही है. उन्होंने कहा कि चार साल के बाद इस योजना से चयनित युवाओं का क्या होगा, इसका कहीं कोई जिक्र नहीं है. उन्होंने कहा कि भारतीय सेना के हर रेजीमेंट का अपना इतिहास है. रेजीमेंट सभी देशवासियों की शान है. लेकिन संविदा की योजना युवाओं पर कुठाराघात के सिवा कुछ नहीं है.

अग्निपथ योजना युवाओं के साथ छलावाः हरीश

क्या है अग्निपथ योजनाः केंद्र सरकार ने बीती 14 जून को एक बड़ी महत्वाकांक्षी योजना लॉन्च की. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय युवाओं के लिए सशस्त्र बलों में सेवा के लिए एक आकर्षक भर्ती योजना 'अग्निपथ' (Agnipath) को मंजूरी दी. इसमें अग्निवीर (Agniveer) युवाओं को कम उम्र में सैन्य प्रशिक्षण के साथ-साथ स्वरोजगार के काबिल भी बनाया जाएगा. इस दौरान उन्हें शानदार वेतन भी मिलेगा. पहले साल 46 हजार युवक-युवतियों की भर्ती जाएगी. यहां संख्या हर साल कम या ज्यादा हो सकती है. यह योजना सेना भर्ती रैलियों की जगह लेगी.
ये भी पढ़ेंः Protest Against Agnipath: देहरादून में BJP के पोस्टर फाड़े, कुमाऊं में जबरदस्त प्रदर्शन

अग्निपथ योजना के तहत अग्निवीर बनने के मानदंड? इच्छुक युवक-युवती का भारतीय नागरिक होना जरूरी है. आवेदक की उम्र साढ़े 17 साल से 21 साल के मध्य होना चाहिए. साथ ही आवेदक उम्मीदवार का 10वीं या 12वीं पास होना जरूरी है. जो 10वीं पास होंगे, उन्हें प्रशिक्षण के दौरान कक्षा 12वीं पढ़ाई भी कराई जाएगी. चार साल के कार्यकाल में पहले छह महीने ट्रेनिंग दी जाएगी. इसके बाद सेना के जवानों के साथ देश सेवा का मौका मिलेगा.

वहीं, अग्निवीरों का चार वर्षीय सेवाकाल खत्म होने के बाद वे इच्छानुसार रेगुलर काडर के लिए आवेदन कर सकेंगे. रेगुलर काडर में कुल अग्निवीरों में से अधिकतम 25 फीसदी को जगह मिलेगी. प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके बाकी 75 फीसदी अग्निवीरों को चार साल की सेवा के बाद घर भेज दिया जाएगा. जिन जवानों को सेवा से मुक्त किया जाएगा, उन्हें स्वरोजगार के काबिल बनाया जाएगा. साथ ही सशस्त्र बलों और अन्य सरकारी सेवाओं की भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी. इसके साथ ही अग्निवीर को पूर्व सैनिक कोटे का भी लाभ मिलेगा.

पौड़ीः पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने केंद्र सरकार की संविदा पर सैनिकों की भर्ती योजना पर सवाल उठाए हैं. हरीश रावत ने अग्निपथ योजना को युवाओं के साथ धोखा बताया है. पौड़ी में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि केंद्र सरकार एक बार फिर अंधेरे में तीर मारने का काम कर रही है.

मुख्यालय पौड़ी के सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत करते हुए पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि केंद्र सरकार एक बार फिर से देश के युवाओं के साथ छल करने जा रही है. उन्होंने कहा कि चार साल के बाद इस योजना से चयनित युवाओं का क्या होगा, इसका कहीं कोई जिक्र नहीं है. उन्होंने कहा कि भारतीय सेना के हर रेजीमेंट का अपना इतिहास है. रेजीमेंट सभी देशवासियों की शान है. लेकिन संविदा की योजना युवाओं पर कुठाराघात के सिवा कुछ नहीं है.

अग्निपथ योजना युवाओं के साथ छलावाः हरीश

क्या है अग्निपथ योजनाः केंद्र सरकार ने बीती 14 जून को एक बड़ी महत्वाकांक्षी योजना लॉन्च की. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय युवाओं के लिए सशस्त्र बलों में सेवा के लिए एक आकर्षक भर्ती योजना 'अग्निपथ' (Agnipath) को मंजूरी दी. इसमें अग्निवीर (Agniveer) युवाओं को कम उम्र में सैन्य प्रशिक्षण के साथ-साथ स्वरोजगार के काबिल भी बनाया जाएगा. इस दौरान उन्हें शानदार वेतन भी मिलेगा. पहले साल 46 हजार युवक-युवतियों की भर्ती जाएगी. यहां संख्या हर साल कम या ज्यादा हो सकती है. यह योजना सेना भर्ती रैलियों की जगह लेगी.
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अग्निपथ योजना के तहत अग्निवीर बनने के मानदंड? इच्छुक युवक-युवती का भारतीय नागरिक होना जरूरी है. आवेदक की उम्र साढ़े 17 साल से 21 साल के मध्य होना चाहिए. साथ ही आवेदक उम्मीदवार का 10वीं या 12वीं पास होना जरूरी है. जो 10वीं पास होंगे, उन्हें प्रशिक्षण के दौरान कक्षा 12वीं पढ़ाई भी कराई जाएगी. चार साल के कार्यकाल में पहले छह महीने ट्रेनिंग दी जाएगी. इसके बाद सेना के जवानों के साथ देश सेवा का मौका मिलेगा.

वहीं, अग्निवीरों का चार वर्षीय सेवाकाल खत्म होने के बाद वे इच्छानुसार रेगुलर काडर के लिए आवेदन कर सकेंगे. रेगुलर काडर में कुल अग्निवीरों में से अधिकतम 25 फीसदी को जगह मिलेगी. प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके बाकी 75 फीसदी अग्निवीरों को चार साल की सेवा के बाद घर भेज दिया जाएगा. जिन जवानों को सेवा से मुक्त किया जाएगा, उन्हें स्वरोजगार के काबिल बनाया जाएगा. साथ ही सशस्त्र बलों और अन्य सरकारी सेवाओं की भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी. इसके साथ ही अग्निवीर को पूर्व सैनिक कोटे का भी लाभ मिलेगा.

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