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NH-534 पर वन्यजीव और मानव संघर्ष को रोकने के लिए वन कर्मियों की होगी तैनाती

राष्ट्रीय राजमार्ग 534 पर आए दिन गजराजों के झुंड सड़क पर आ जाते है. जिसके चलते घंटों ट्रैफिक बाधित रहता है. जिसके चलते कोटद्वार-दुगड्डा राष्ट्रीय राजमार्ग के बीच गजराजों की सुरक्षा के लिए वन कर्मी तैनात किए जा रहे हैं.

राष्ट्रीय राजमार्ग 534 पर कोटद्वार-दुगड्डा के बीच वन्यजीव-मानव संघर्ष को रोकने के लिए वन कर्मियों की होगी तैनाती.
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Published : Oct 16, 2019, 5:44 PM IST

पौड़ी: दुगड्डा-कोटद्वार राष्ट्रीय राजमार्ग 534 के बीच में हाथी बाहुल्य क्षेत्र है. हाथियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए वन विभाग राष्ट्रीय राजमार्ग 534 में वन कर्मियों की तैनाती कराने जा रहा है.

राष्ट्रीय राजमार्ग 534.

बता दें कि राष्ट्रीय राजमार्ग 534 पर वन्यजीव-मानव संघर्ष कई वर्षों से जारी है. यहां से गुजरने वाले राहगीर विगत कई वर्षों से इस संघर्ष को रोकने के लिए विभाग द्वारा कोई कारगर कदम उठाए जाने कती मांग कर रहे थे. जिसे ध्यान में रखते हुए वन विभाग द्वारा यह कदम उठाया गया है.

कई बार हाथियों के झुंड कोटद्वार दुगड्डा के बीच कोरिडोर क्षेत्र में आ जाते हैं. जिसके चलते घंटों तक राष्ट्रीय राजमार्ग बाधित रहता है. जिसक चलते आकस्मिक सेवा, एंबुलेंस को भी घंटों तक प्रतीक्षा करनी पड़ती है. जिसके चलते गंभीर मरीजों पर भी इसका असर पड़ता है. वहीं अब वन विभाग की यह पहल जनता के लिए बहुत ही कारगर साबित होने जा रही है.

ये भी पढ़े: करवाचौथ को लेकर महिलाओं में दिख रहा उत्साह, 'हिना' से हाथों पर लिखवा रही पिया का नाम

वहीं, पूरे मामले पर लैंसडौन वन प्रभाग के डीएफओ अखिलेश तिवारी ने बताया कि कोटद्वार दुगड्डा के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग 534 पर हाथियों का कोरिडोर क्षेत्र है. जहां पर अक्सर हाथी आ धमकते हैं. सूचना मिलने पर वन कर्मी मौके पर पहुंच कर हाथियों के झुंडों को सुरक्षित जंगल की ओर भेज देते हैं. अब वन विभाग ने संज्ञान लेते हुए राजमार्ग से गुजरने वाले कॉरिडोर क्षेत्र पर परमानेंट वन कर्मियों की तैनाती की जा रही है. ताकि मानव वन्यजीव संघर्ष को रोका जा सके और हाथियों के झुंड को सुरक्षित जंगल की ओर वापस लौटाया जा सके.

पौड़ी: दुगड्डा-कोटद्वार राष्ट्रीय राजमार्ग 534 के बीच में हाथी बाहुल्य क्षेत्र है. हाथियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए वन विभाग राष्ट्रीय राजमार्ग 534 में वन कर्मियों की तैनाती कराने जा रहा है.

राष्ट्रीय राजमार्ग 534.

बता दें कि राष्ट्रीय राजमार्ग 534 पर वन्यजीव-मानव संघर्ष कई वर्षों से जारी है. यहां से गुजरने वाले राहगीर विगत कई वर्षों से इस संघर्ष को रोकने के लिए विभाग द्वारा कोई कारगर कदम उठाए जाने कती मांग कर रहे थे. जिसे ध्यान में रखते हुए वन विभाग द्वारा यह कदम उठाया गया है.

कई बार हाथियों के झुंड कोटद्वार दुगड्डा के बीच कोरिडोर क्षेत्र में आ जाते हैं. जिसके चलते घंटों तक राष्ट्रीय राजमार्ग बाधित रहता है. जिसक चलते आकस्मिक सेवा, एंबुलेंस को भी घंटों तक प्रतीक्षा करनी पड़ती है. जिसके चलते गंभीर मरीजों पर भी इसका असर पड़ता है. वहीं अब वन विभाग की यह पहल जनता के लिए बहुत ही कारगर साबित होने जा रही है.

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वहीं, पूरे मामले पर लैंसडौन वन प्रभाग के डीएफओ अखिलेश तिवारी ने बताया कि कोटद्वार दुगड्डा के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग 534 पर हाथियों का कोरिडोर क्षेत्र है. जहां पर अक्सर हाथी आ धमकते हैं. सूचना मिलने पर वन कर्मी मौके पर पहुंच कर हाथियों के झुंडों को सुरक्षित जंगल की ओर भेज देते हैं. अब वन विभाग ने संज्ञान लेते हुए राजमार्ग से गुजरने वाले कॉरिडोर क्षेत्र पर परमानेंट वन कर्मियों की तैनाती की जा रही है. ताकि मानव वन्यजीव संघर्ष को रोका जा सके और हाथियों के झुंड को सुरक्षित जंगल की ओर वापस लौटाया जा सके.

Intro:summary राष्ट्रीय राजमार्ग 534 पर कोटद्वार दुगड्डा के बीच गजराजो की सुरक्षा के लिए अब होंगे वन कर्मी तैनात, आए दिन गजराजो का झुंड सड़क पर आ जाने से घंटों ट्रैफिक बाधित रहता था जिस कारण वन्यजीव मानव संघर्ष का हरदम खतरा बना रहता था।


intro kotdwar दुगड्डा कोटद्वार के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग 534 में अब होंगे हाथियों की सुरक्षा के लिए वन कर्मियों की तैनाती, क नजीबाबाद पौडी राष्ट्रीय में 534 जो कि बहुत ही व्यस्ततम राज मार्ग है और इस मार्ग पर कोटद्वार दुगड्डा के बीच में हाथी बाहुल्य क्षेत्र है, यहां पर वन्यजीव मानव संघर्ष लगातार कई वर्षों से जारी है, आने-जाने वाले राहगीरों की विगत कई वर्षों से मांग थी, कि वन्यजीव मानव संघर्ष को रोकने के लिए कोई कारगर कदम उठाए जाएं, जिस को ध्यान में रखते हुए वन विभाग द्वारा यह कदम उठाया गया है कि दुगड्डा और कोटद्वार के बीच में हाथियों के कॉरिडोर छेत्र में वन कर्मी तैनात रहेंगे, जो कि मानव और गजराजों के बीच होने वाली और असुविधाओ व दुर्घटनाओं को रोक जा सके। ज्ञात हो कि कई बार हाथियों का भारी-भरकम झुंड कोटद्वार दुगड्डा के बीच कोरिडोर क्षेत्र में सड़क पर आकर धमक जाता था जिस कारण कई घंटों राष्ट्रीय राजमार्ग बाधित रहता है, जिसमें आकस्मिक सेवा एंबुलेंस को भी घंटों प्रतीक्षा करनी पड़ती थी जिस कारण गंभीर मरीजों पर भी इसका असर पड़ता था। वन विभाग की यह पहल जनता के लिए बहुत ही कारगर साबित होने जा रही है।


Body:वीओ1- वहीं पूरे मामले पर लैंसडौन वन प्रभाग के डीएफओ अखिलेश तिवारी ने कहा कि कोटद्वार दुगड्डा के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग 534 पर हाथियों का कोरिडोर क्षेत्र है, उस पर हाथी जंगल से आकर धमक जाते हैं, जैसे हमारे पास सूचना मिलती है वैसे हम वन कर्मियों को वहां पर भेज देते और हाथियो के झुंड सुरक्षित जंगल की ओर भेज देते हैं जिससे कि राजमार्ग और कोई अप्रिय घटना न घट सके, इसके अलावा अब सर्दियों का मौसम आ चुका है और हाथियों का कॉरिडोर क्षेत्र से गुजरना बहुत अधिक हो जाता है जिस पर वन विभाग ने संज्ञान लेते हुए राजमार्ग से गुजरने वाले कॉरिडोर क्षेत्र पर परमानेंट वन कर्मियों की तैनाती कर दी है जिससे कि मानव वन्यजीव संघर्ष को रोका जा सके और हाथियों के झुंड को सुरक्षित जंगल की ओर वापस लौटाया जा सके।

बाइट अखिलेश तिवारी डीएफओ।


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