श्रीनगर: पौड़ी जिले की श्रीनगर कोटद्वार नेशनल हाईवे का चौड़ीकरण (Widening of Srinagar Kotdwar National Highway) का कार्य हाल फिलहाल ठंडे बस्ते में जाता दिखाई दे रहा है. वन मंत्रालय से वन भूमि हस्तांतरण न होने के चलते रोड चौड़ीकरण में समस्याएं आ रही है. तीन बार वन मंत्रालय ने लोक निर्माण विभाग के प्रपोजल को रिजेक्ट (Forest Ministry canceled proposal of NH widening) कर दिया है. लेकिन हार ना मानते हुए विभाग चौथी बार फिर वन भूमि हस्तांतरण के लिए वन मंत्रालय से पत्राचार कर रहा है. अगर नेशनल हाईवे चौड़ीकरण का कार्य शुरू हो जाता है तो पौड़ी आने वाले पर्यटकों के लिए आवागमन का मार्ग सुगम और सरल हो जाएगा.
दरअसल भारत माला योजना के तहत नेशनल हाईवे-534 को डबल लेन किया जाना है. जिसके लिए सड़क परिवहन मंत्रालय ने तो अपनी वित्तीय स्वीकृति दे दी है. लेकिन वन मंत्रालय ने डेन्स फॉरेस्ट लेंड होने के कारण लोक निर्माण विभाग को वन भूमि हस्तांतरित नहीं की है. इस कारण विभाग रोड चौड़ीकरण कार्य शुरू नहीं कर पा रहा है. वन मंत्रालय ने तीन बार भूमि हस्तांतरण को बिना स्वीकृति के ही लोक निर्माण विभाग को वापस भेज दिया है. लोक निर्माण विभाग की एनएच डिवीजन श्रीनगर (NH Division of Public Works Department Srinagar) द्वारा श्रीनगर पेड्यूल तक 42 किमी की रोड को डबल लेन करना था. लेकिन विभाग के फिलहाल हाथ खाली हैं.
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42 किलोमीटर रोड को डबल लेन करने के लिए सड़क परिवहन मंत्रालय ने विभाग को 299 करोड़ का बजट भी अवमुक्त कर दिया है. जबकि इस पूरी सड़क के 110 किलोमीटर को चौड़ा करने का प्रस्ताव सड़क परिवहन मंत्रालय द्वारा किया गया है. लोक निर्माण विभाग के श्रीनगर डिवीजन के सहायक अधिशासी अभियंता बीएल द्विवेदी ने बताया कि वन मंत्रालय के द्वारा वन भूमि हस्तांतरित ना होने के कारण अभी तक सड़क चौड़ी करण का कार्य शुरू नहीं हो सका है. जबकि सड़क परिवहन मंत्रालय द्वारा बजट अवमुक्त कर दिया गया है. वन मंत्रालय की स्वीकृति ना मिलने के चलते सड़क चौड़ीकरण में देरी आ रही है.