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बीट वॉचर के परिजनों को दी आर्थिक सहायता, बाघ के हमले में हुई थी मौत

कोटद्वार में कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के जंगलों में बाघ के हमले में हुई बीट वॉचर की मौत के बाद परिजनों को वन विभाग की तरफ से आर्थिक सहायता दी गई. साथ ही मृतक के भाई को नौकरी देने की बात भी कही गई है.

मृतक के परिजनों को आर्थिक सहायता.
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Published : Aug 22, 2019, 7:02 AM IST

कोटद्वार: पौड़ी जिले के कोटद्वार में कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के जंगलों में बीते 15 जुलाई को दैनिक वन श्रमिक की बाघ के हमले में मौत हो गई थी. जिसके बाद वन कर्मी के परिजनों को आर्थिक सहायता के रूप में 3 लाख का मुआवजा दिया गया.

मृतक के परिजनों को आर्थिक सहायता.

कालागढ़ टाइगर रिजर्व वन प्रभाग में प्लैन रेंज के तातापानी क्षेत्र के जंगलों में गश्त के दौरान वॉचर को बाघ ने निवाला बनाया था. बाघ वन कर्मी को खींचकर घटनास्थल से करीब आधा किलोमीटर दूर पहाड़ी पर ले गया था, जहां बाघ ने वनकर्मी का एक पैर खा लिया. घटना के बाद से ही वन विभाग में हड़कंप मचा हुआ है.

वन विभाग के अधिकारियों ने वन श्रमिक के परिजनों को मुआवजे के रूप में 3 लाख की आर्थिक सहायता दी. साथ ही मृतक के भाई को नौकरी देने की बात कही है.

रेंजर धर्मानंद ध्यानी ने बताया कि मृतक के परिवार को 3 लाख आर्थिक सहायता के रूप में दिए गए हैं. साथ ही 20 हजार कार्बेट फाउंडेशन से भी परिजनों को दिए गए हैं. वहीं, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ और डब्लूटीआई से भी आर्थिक सहायता की मांग की गई है.

कोटद्वार: पौड़ी जिले के कोटद्वार में कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के जंगलों में बीते 15 जुलाई को दैनिक वन श्रमिक की बाघ के हमले में मौत हो गई थी. जिसके बाद वन कर्मी के परिजनों को आर्थिक सहायता के रूप में 3 लाख का मुआवजा दिया गया.

मृतक के परिजनों को आर्थिक सहायता.

कालागढ़ टाइगर रिजर्व वन प्रभाग में प्लैन रेंज के तातापानी क्षेत्र के जंगलों में गश्त के दौरान वॉचर को बाघ ने निवाला बनाया था. बाघ वन कर्मी को खींचकर घटनास्थल से करीब आधा किलोमीटर दूर पहाड़ी पर ले गया था, जहां बाघ ने वनकर्मी का एक पैर खा लिया. घटना के बाद से ही वन विभाग में हड़कंप मचा हुआ है.

वन विभाग के अधिकारियों ने वन श्रमिक के परिजनों को मुआवजे के रूप में 3 लाख की आर्थिक सहायता दी. साथ ही मृतक के भाई को नौकरी देने की बात कही है.

रेंजर धर्मानंद ध्यानी ने बताया कि मृतक के परिवार को 3 लाख आर्थिक सहायता के रूप में दिए गए हैं. साथ ही 20 हजार कार्बेट फाउंडेशन से भी परिजनों को दिए गए हैं. वहीं, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ और डब्लूटीआई से भी आर्थिक सहायता की मांग की गई है.

Intro:summary विगत 15 जुलाई को कालागढ़ टाइगर रिजर्व वन प्रभाग की प्लेन रेंज के तातापानी क्षेत्र में जंगल में गश्त कर रहे दैनिक श्रमिक को बाघ ने निवाला बना दिया था, वन विभाग के अधिकारियों ने दैनिक वन श्रमिक के परिजनों को मुआवजा दिया व परिजनों को नौकरी देने की बात कही।


intro कार्बेट टाइगर रिजर्व के कालागढ़ टाइगर वन प्रभाग के प्लेन रेंज के तातापानी क्षेत्र के अंतर्गत जंगल में गश्त कर रहे दैनिक वन श्रमिक को विगत 15 जुलाई को बाघ ने निवाला बना दिया था, घटना के बाद वन विभाग में हड़कंप मच गया था, बाघ वन कर्मी को खींचकर घटनास्थल से करीब आधा किलोमीटर दूर पहाड़ी पर ले गया था, उसने उसका एक पैर खा लिया था, उस दौरान सूचना मिलते ही रेंज अधिकारी की अगुआई में वन कर्मियों ने पूरे इलाके में काबिंग की और देर शाम तक वन कर्मी के शव को बरामद कर लिया था, वन कर्मी के शव का पोस्टमार्टम कर उसके परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया था, और रिपोर्ट कालागढ़ टाइगर रिजर्व के उच्च अधिकारियों को भेज दी गई थी जिस पर कालागढ़ टाइगर रिजर्व के अधिकारियों के द्वारा वन कर्मी के परिजनों परिवार को आर्थिक सहायता के रूप में ₹3 लाख का मुआवजा दिया गया, दैनिक सलमान पर मृतक के भाई को नौकरी देने की बात भी कही।


Body:वीओ1- वहीं पूरे मामले पर प्लेन रेंज के रेंजर धर्मानंद ध्यानी ने कहा कि मृतक के परिवार को ₹3 लाख आर्थिक सहायता के रूप में दे दिए गए हैं और दो 20 हजार कार्बेट फाउंडेशन से भी दिए गए हैं, इससे आगे डब्ल्यूडब्ल्यूएफ और डब्लू टी आई से भी मांग की गई है कि उसके परिजनों को कुछ आर्थिक सहायता दी जाए उसके लिए डब्ल्यूडब्ल्यूएफ और डब्लू टीआई को प्रपत्र भेज दिए गए हैं, साथ ही दैनिक श्रमिक के भाई को दैनिक श्रमिक के रूप में प्लेन रेंज में कार्य करने के लिए कहा गया है लेकिन अभी तक उनके द्वारा किसी प्रकार का भी रेंज में पत्राचार नहीं किया गया है।

बाइट धर्मा नंद ध्यानी रेंजर।


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