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लैंसडाउन में गुलदार का आतंक बरकरार, शाम होते ही घरों में दुबक जाते हैं लोग

लैंसडाउन और यमकेश्वर विधानसभा के कई गांवों में इन दिनों गुलदार का आतंक छाया हुआ है. जिसको लेकर वन विभाग ने रात्रि गश्त का बढ़ाने की बात कही है.

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Published : Nov 14, 2019, 4:31 PM IST

Updated : Nov 14, 2019, 5:05 PM IST

कांसेप्ट इमेज.

पौड़ी: लैंसडाउन विधानसभा और यमकेश्वर विधानसभा के दर्जनों गांवों में इन दिनों गुलदार का आतंक है. गुलदार के डर से ग्रामीण शाम होते ही घरों में दुबकने को मजबूर हैं. ग्रामीण कई बार वन विभाग से पिंजरा लगाने और गश्त बढ़ाने की मांग कर चुके हैं. वहीं, लैंसडाउन वन प्रभाग के डीएफओ का कहना है कि मामला संज्ञान में है और ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए देर रात सड़कों और गांव के रास्तों पर वन कर्मियों के द्वारा रात्रि गश्त की जाएगी.

डीएफओ अखिलेश तिवारी ने बताया कि मामले को संज्ञान में ले लिया गया है. लैंसडाउन रेंज के रेंजर और वन कर्मियों को निर्देशित कर दिया गया है कि गांव और आसपास के क्षेत्रों में गश्त बढ़ाई जाए. वहीं, ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए देर रात को सड़कों और गांव के रास्तों पर वन कर्मियों के द्वारा गश्त की जाएगी.

वहीं मामले में विधायक दलीप रावत ने बताया कि लैंसडाउन विधानसभा चारों ओर से वनाराक्षित है. उनका कहना है कि इस समय क्षेत्र के लोग गुलदार से आतंकित हैं. वन विभाग को इन क्षेत्रों में बहुत एहतिहात बरतनी चाहिए और ग्रामीणों के सुरक्षा की उचित व्यवस्था करनी चाहिए.

पौड़ी: लैंसडाउन विधानसभा और यमकेश्वर विधानसभा के दर्जनों गांवों में इन दिनों गुलदार का आतंक है. गुलदार के डर से ग्रामीण शाम होते ही घरों में दुबकने को मजबूर हैं. ग्रामीण कई बार वन विभाग से पिंजरा लगाने और गश्त बढ़ाने की मांग कर चुके हैं. वहीं, लैंसडाउन वन प्रभाग के डीएफओ का कहना है कि मामला संज्ञान में है और ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए देर रात सड़कों और गांव के रास्तों पर वन कर्मियों के द्वारा रात्रि गश्त की जाएगी.

डीएफओ अखिलेश तिवारी ने बताया कि मामले को संज्ञान में ले लिया गया है. लैंसडाउन रेंज के रेंजर और वन कर्मियों को निर्देशित कर दिया गया है कि गांव और आसपास के क्षेत्रों में गश्त बढ़ाई जाए. वहीं, ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए देर रात को सड़कों और गांव के रास्तों पर वन कर्मियों के द्वारा गश्त की जाएगी.

वहीं मामले में विधायक दलीप रावत ने बताया कि लैंसडाउन विधानसभा चारों ओर से वनाराक्षित है. उनका कहना है कि इस समय क्षेत्र के लोग गुलदार से आतंकित हैं. वन विभाग को इन क्षेत्रों में बहुत एहतिहात बरतनी चाहिए और ग्रामीणों के सुरक्षा की उचित व्यवस्था करनी चाहिए.

Intro:summary लैंसडौन विधानसभा व यमकेस्वर विधानसभा के दर्जनों गांव में गुलदार की दहशत से लोग घरों में कैद होने को मजबूर, वन विभाग से लगाई सुरक्षा की गुहार , वन विभाग के अधिकारियों ने क्षेत्र में कहीं गश्त बढ़ाई जाने की बात।

intro kotdwar लैंसडौन विधानसभा के चुंडाई मार्ग पर स्थित गांवो में गुलदार की सक्रियता से लोग दहशत के साए में जीने को मजबूर हैं पिछले 1 सप्ताह से गुलदार ने कई मवेशियों पर हमला कर मोतियों को अपना निवाला बनाया गांव में के आंगन और घरों के आसपास घात लगाकर बैठे कई ग्रामीणों के कुत्तों को भी अपना निवाला बना चुका है जिसके चलते ही ग्रामीण शाम ढलते ही दहशत के साए में घरों में कैद होने को मजबूर हो रहे हैं सुबह के समय बच्चों को स्कूल भेजने में भी ग्रामीण अब कतराने लगे है। संकेश्वर ब्लॉक के दर्जनों गांव में जुलेड़ी, पाईंया, बिंजाखेत, धोसेण, भीलडूंगा आदि गांव में गुलदार की दहशत बनी हुई है।



Body:विओ1- वही लैंसडान वन प्रभाग के डीएफओ अखिलेश तिवारी ने जब फोन पर बात की गई तो उन्होंने कहा कि मामला संज्ञान में है लैंसडौन रेंज के रेंजर और वन कर्मियों को निर्देशित कर दिया गया है कि गांव और आसपास के क्षेत्रों में गश्त बढ़ाई जाए गुलदार के मोमेंट पर निगरानी रखी जाय। ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए देर रात को सड़कों और गांव के रास्तों पर वन कर्मियों के द्वारा गस्त की जाएगी।

वीओ2- विधायक दिलीप रावत का कहना है कि लैंसडौन विधानसभा चारों ओर से वनाराक्षित है एक और कार्बेट नेशनल पार्क का हिस्सा है तो एक तरफ लैंसडौन वन प्रभाग का वनराक्षित क्षेत्र है इस समय क्षेत्र के लोग गुलदार से बड़े आतंकित हैं वन विभाग को इन क्षेत्रों में बहुत एतिहाद बरतनी चाहिए और ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए उचित व्यवस्था करनी चाहिए

बाइट दलीप रावत विधायक लैंसडौन।


फीड फाइल कॉफी


Conclusion:
Last Updated : Nov 14, 2019, 5:05 PM IST
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