पौड़ीः उत्तराखंड के पारंपरिक लोक संगीत के ज्ञाता और राष्ट्रपति से संगीत नाटक अकादमी से सम्मानित जाने माने लोक कलाकार रामलाल आज बिस्तर पर पड़े हैं. स्थिति ये है कि इस वक्त वो अपने जिंदगी जीने की जद्दोजहद में हैं. लोक कलाकार रामलाल की एक किडनी फेल हो चुकी है, जबकि दूसरी किडनी भी बीमारी से प्रभावित हो चुकी है, लेकिन आर्थिक तंगी के चलते लोक कलाकार की स्थित दयनीय बनी हुई है. वहीं, लोक कलाकार की सहायता के लिए पौड़ी में जीआईसी क्यार्क और राजकीय नर्सिंग कॉलेज के प्रधानाचार्य मदद के लिए आगे आए हैं.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से नवाजा थाः दरअसल, चमोली जिले के विकासखंड देवाल के सुय्या गांव के निवासी रामलाल लंबी बीमारी के चलते आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. परिवार की आजीविका लोक कला और दर्जी के काम पर निर्भर है, लेकिन बीते डेढ़ साल से बीमार होने के चलते रामलाल और उनके परिवार के सामने आजीविका का संकट खड़ा हो गया है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की ओर से बीते साल नवंबर 2022 में रामलाल को संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
जगरी के रूप में फेमस हैं रामलालः लोक कलाकार रामलाल ने 19 वर्ष की आयु से उत्तराखंड की पारंपरिक लोक संगीत की विधा में काम करना शुरू किया. जो कि समय के साथ उनका पेशा भी बन गया. इतना ही नहीं रामलाल लोक कलाकार के अलावा जाने माने जगरी भी हैं. जिनको चमोली के थराली और देवाल ब्लॉकों के 45 से ज्यादा गांव में जगरी के रूप में ख्याति प्राप्त है.
एक किडनी फेल तो दूसरे को नुकसानः बीते डेढ़ साल पहले रामलाल को अचानक पेट में तेज दर्द की शिकायत हुई. इसके अलावा बदन में सूजन और सांस लेने में दिक्कत होनी शुरू हुई. इस पर वो परिजनों के साथ इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज अस्पताल शिमला गए. जहां उपचार के दौरान उन्हें बताया गया कि उनकी एक किडनी फेल हो चुकी है. जबकि, दूसरी किडनी को भी नुकसान पहुंचा है.
श्रीनगर बेस अस्पताल से चल रहा किडनी डायलिसिसः वहीं, किडनी डायलिसिस के लिए उन्हें हफ्ते में दो बार अस्पताल जाना पड़ता है. इसके लिए वो श्रीनगर के राजकीय मेडिकल कॉलेज से संबद्ध बेस अस्पताल श्रीकोट पहुंचे. जहां उनका लगातार डायलिसिस चल रहा है. बीमारी के चलते उनकी आजीविका के मुख्य स्रोत लोक कला और टेलरिंग दोनों छूट गए हैं. पत्नी सीता देवी गृहणी हैं, जो कि पति की तीमारदारी में उन्हीं के साथ है. जबकि बेटी लक्ष्मी और दो बेटे देवेंद्र व गजेंद्र पढ़ाई कर रहे हैं.
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रामलाल को आर्थिक मदद की दरकारः ऐसे में लोक कलाकार रामलाल के समक्ष परिवार की आजीविका का संकट खड़ा हो गया है. डायलिसिस कराने के लिए उन्हें चमोली से श्रीनगर आना जाना पड़ता है. जिसके लिए रामलाल ने श्रीनगर में ही कमरा किराये पर लिया है. रामलाल ने बताया कि डायलिसिस तो निशुल्क हो रहा है, लेकिन प्रत्येक महीने दवा का खर्च 9 हजार और श्रीकोट में कमरे का किराया 4 हजार रुपए के अलावा अन्य खर्च हैं. जबकि, आजीविका का कोई स्रोत नहीं रहा.
प्रधानाचार्य कमलेश मिश्रा और मनीषा ध्यानी ने बढ़ाए मदद के हाथः उन्होंने कहा कि परिवार के पास जो भी जमा पूंजी थी, सब समाप्त हो चुकी है. परिवार के सामने अब उपचार के साथ ही भरण-पोषण का संकट भी खड़ा हो गया है. वहीं, लोक कलाकार रामलाल की स्थिति को देखते हुए राजकीय इंटर कॉलेज क्यार्क के प्रधानाचार्य कमलेश मिश्रा और पौड़ी राजकीय नर्सिंग कॉलेज की प्रधानाचार्य मनीषा ध्यानी ने मदद के लिए हाथ बढ़ाए हैं.
रामलाल की बेटी का खर्च उठाएंगे कमलेश मिश्राः प्रधानाचार्य कमलेश मिश्रा ने कहा कि वो लोक कलाकार की बेटी का शिक्षा के सालभर का खर्च उठाएंगे. इसके अलावा जो भी मदद होगी की जाएगी. वहीं, प्रधानाचार्य ध्यानी ने कहा कि रामलाल के बेटों की शिक्षा में कोई रुकावट न आए, इसके लिए हर संभव मदद की जाएगी.