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अभी से सताने लगा बाढ़ का डर, 2018 में यहां लोगों ने देखा था तबाही का खौफनाक मंजर - तटबंध

साल 2017 और 2018 में मालन नदी में भयकर बाढ़ आई थी. कोटद्वार के वार्ड 30 और 31  इलाके में बाढ़ अपने साथ तबाही का खौफनाक मंजर लेकर आई थी. इस बाढ़ में  मकान, दुकान, दुधारू पशु और किसानों की बेशकीमती फसलें पानी की तेज धार में बह गई थीं.

kotdwar
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Published : May 7, 2019, 1:01 PM IST

कोटद्वार: प्रचंड गर्मी का कहर जारी है, लेकिन लोगों को बारिश और बाढ़ की चिंता अभी भी सताने लगी है. कारण, साफ है, क्योंकि मालन नदी के किनारे बाढ़ सुरक्षा के नाम कुछ भी काम नहीं हुआ है. यह और बात है कि पहले बाढ़ से बचाव के नाम पर करोड़ों रुपये का बजट पानी की तरह बहाया गया.

पढ़ें- चारधाम यात्रा का 'श्रीगणेश', आज खुलेंगे गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट

बता दें कि साल 2017 और 2018 में मालन नदी में भयकर बाढ़ आई थी. कोटद्वार के वार्ड 30 और 31 इलाके में मकान, दुकान, दुधारू पशु और किसानों की बेशकीमती फसलें पानी की तेज धार में बह गई थीं. उस दौरान स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों ने आपदा पीड़ितों को भरोसा दिया था कि नदी के दोनों और सुरक्षा दीवार बनाई जाएगी. लेकिन एक साल बाद भी यहां धरातल पर कुछ काम नहीं हुआ. ऐसे में नदी के आसपास बसे लोगों को अभी से बारिश और बाढ़ की चिंता भी सताने लगी है.

बाढ़ पीड़ित निर्मला देवी निवासी नंदपुर का कहना है कि एक साल बीत गया है लेकिन उनकी सुध लेने कोई नहीं आया है. नंदपुर गांव के ग्रामीण कई बार तहसील में जाकर अधिकारी से भी मिल चुके हैं, लेकिन किसी ने उनकी ओर ध्यान नहीं दिया. 2018 की बाढ़ में उनके कई मवेशी बह गए थे. अब मालन नदी उनके घर के बिल्कुल पास से गुजर रही है. ऐसे में उन्हें बारिश के दिनों में आने वाली बाढ़ का डर सताने लगा है.

सताने लगा बाढ़ का डर

पढ़ें- शिव की जटाओं से निकलते ही गंगा ने यहां धरती को किया था स्पर्श, जानें गंगोत्री धाम की मान्यता

सीएम से भी लगा चुके है गुहार
स्थानीय निवासी मदन मोहन जोशी ने बताया कि बीते दो सालों से मालन नदी की बाढ़ उन पर कहर बनकर टूट रही है. जोशी के मुताबिक क्षेत्रवासी इस बारे में एक बार मुख्यमंत्री आवास पर मिलने गए थे. उन्होंने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट से भी मुलाकात की थी. उन्होंने आश्वन दिया गया था कि नदी के किनारे करोड़ों रुपए की लागत से तटबंध बनाए जायेंगे, लेकिन अभीतक कुछ नहीं हुआ. आने वाली बरसात से सभी क्षेत्रवासी बहुत चिंतित हैं.

क्या कहते है अधिकारी?
जब इस बारे में कोटद्वार के उप जिलाधिकारी मनीष कुमार से बात की गई तो उन्होंने बाताय कि बाढ़ सुरक्षा क्षेत्रों का मुआयना कर लिया गया है. साथ ही एस्टीमेट बनाकर सरकार को भेज दिया गया है. बजट स्वीकृत होते ही बाढ़ सुरक्षा कार्य शुरू कर दिए जाएंगे. जिन-जिन विभागों का आपदा से संबंध है उनमें से प्रमुख सिंचाई विभाग है. सिंचाई विभाग को पहले ही पत्र भी लिख दिया गया है. साथ ही उनके अभियंताओं के साथ क्षेत्र का दौरा भी कर लिया है.

कोटद्वार: प्रचंड गर्मी का कहर जारी है, लेकिन लोगों को बारिश और बाढ़ की चिंता अभी भी सताने लगी है. कारण, साफ है, क्योंकि मालन नदी के किनारे बाढ़ सुरक्षा के नाम कुछ भी काम नहीं हुआ है. यह और बात है कि पहले बाढ़ से बचाव के नाम पर करोड़ों रुपये का बजट पानी की तरह बहाया गया.

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बता दें कि साल 2017 और 2018 में मालन नदी में भयकर बाढ़ आई थी. कोटद्वार के वार्ड 30 और 31 इलाके में मकान, दुकान, दुधारू पशु और किसानों की बेशकीमती फसलें पानी की तेज धार में बह गई थीं. उस दौरान स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों ने आपदा पीड़ितों को भरोसा दिया था कि नदी के दोनों और सुरक्षा दीवार बनाई जाएगी. लेकिन एक साल बाद भी यहां धरातल पर कुछ काम नहीं हुआ. ऐसे में नदी के आसपास बसे लोगों को अभी से बारिश और बाढ़ की चिंता भी सताने लगी है.

बाढ़ पीड़ित निर्मला देवी निवासी नंदपुर का कहना है कि एक साल बीत गया है लेकिन उनकी सुध लेने कोई नहीं आया है. नंदपुर गांव के ग्रामीण कई बार तहसील में जाकर अधिकारी से भी मिल चुके हैं, लेकिन किसी ने उनकी ओर ध्यान नहीं दिया. 2018 की बाढ़ में उनके कई मवेशी बह गए थे. अब मालन नदी उनके घर के बिल्कुल पास से गुजर रही है. ऐसे में उन्हें बारिश के दिनों में आने वाली बाढ़ का डर सताने लगा है.

सताने लगा बाढ़ का डर

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सीएम से भी लगा चुके है गुहार
स्थानीय निवासी मदन मोहन जोशी ने बताया कि बीते दो सालों से मालन नदी की बाढ़ उन पर कहर बनकर टूट रही है. जोशी के मुताबिक क्षेत्रवासी इस बारे में एक बार मुख्यमंत्री आवास पर मिलने गए थे. उन्होंने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट से भी मुलाकात की थी. उन्होंने आश्वन दिया गया था कि नदी के किनारे करोड़ों रुपए की लागत से तटबंध बनाए जायेंगे, लेकिन अभीतक कुछ नहीं हुआ. आने वाली बरसात से सभी क्षेत्रवासी बहुत चिंतित हैं.

क्या कहते है अधिकारी?
जब इस बारे में कोटद्वार के उप जिलाधिकारी मनीष कुमार से बात की गई तो उन्होंने बाताय कि बाढ़ सुरक्षा क्षेत्रों का मुआयना कर लिया गया है. साथ ही एस्टीमेट बनाकर सरकार को भेज दिया गया है. बजट स्वीकृत होते ही बाढ़ सुरक्षा कार्य शुरू कर दिए जाएंगे. जिन-जिन विभागों का आपदा से संबंध है उनमें से प्रमुख सिंचाई विभाग है. सिंचाई विभाग को पहले ही पत्र भी लिख दिया गया है. साथ ही उनके अभियंताओं के साथ क्षेत्र का दौरा भी कर लिया है.

Intro:एंकर- कोटद्वार में बहने वाली मालन नदी में आई आपदा के कारण मालन नदी के आसपास स्थित 30 और 31 नंबर वार्ड के लोगों की कई हेक्टर भूमि वर्ष 2017 और 18 की आपदा में बह गयी थी, कई लोगों के मवेशी और आशियाना भी नदी के तेज बहाव में बह गए थे, उस दौरान स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधि ने आपदा पीड़ितों को डासना बांधने के लिए कहा कि करोड़ों रुपए की योजना मालन नदी पर बाढ़ सुरक्षा के लिए बनाई जाएगी, लेकिन 2018 की आपदा के बाद 2019 का मानसून सत्र शुरू होने जाने वाला है लेकिन मालन नदी के किनारे पर बाढ़ सुरक्षा के नाम पर धरातल पर कुछ भी काम नहीं हुआ जिससे स्थानीय लोगों में जनप्रतिनिधि और सरकार के खिलाफ भारी आक्रोश देखने बना हुआ है, वही उप जिला अधिकारी का कहना है कि जल्दी धन की स्वीकृति होने के बाद मालन नदी के तट पर बाढ़ सुरक्षा का कार्य शुरू कर दिया जाएगा


Body:वीओ- बता दें कि कोटद्वार भाबर क्षेत्र में बहने वाली मालन नदी में वर्ष 2017- 18 के मानसून सत्र में बाढ़ आने के कारण मालन नदी किनारे मवाकोट, कोठला, नंदपुर देवरामपुर में स्थानीय निवासियों की कई हेक्टेयर भूमि बह गई थी, उस दौरान कई लोगों के आशियाने और मवेशी भी मालन नदी की चपेट में आकर बह गए थे, उस दौरान जनप्रतिनिधियों और स्थानीय प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर स्थानीय लोगों को धैर्य रखने को कहा और करोड़ों रुपए की योजना मालन नदी पर बाढ़ सुरक्षा के लिए बनाने का भरोसा दिलाया, लेकिन 2 साल बीत जाने के बाद भी मालन नदी के किनारे लोगों की सुरक्षा के लिए किसी भी तरह से बाढ़ सुरक्षा का कार्य नहीं किया गया ,
बहराल उपजिलाधिकारी कोटद्वार का कहना है की बाढ़ सुरक्षा क्षेत्रों का मुआयना कर लिया गया है एस्टीमेट बनाकर सरकार को भेज दिया गया है जैसे धन की स्वीकृति होती है बाढ़ सुरक्षा कार्य शुरू कर दिए जाएंगे लेकिन सवाल यहां पर यह है कि 1 महीने के बाद मानसून सत्र शुरू होने जा रहा है ऐसे में क्या अब सरकार और स्थानीय प्रशासन लोगों की सुरक्षा के लिए मालन नदी के किनारे बाढ़ सुरक्षा का कार्य करवा सकेगी या फिर से लोगों को बरगलाने की कोशिश की जा रही है,

वीओ2- बाढ़ से पीड़ित निर्मला देवी नंदपुर निवासी का कहना है कि 1 साल बीत गया है लेकिन हमारी सुध लेने कोई नहीं आया हम कई बार नंदपुर निवासियों को लेकर तहसील परिसर में गए लेकिन किसी ने हमारी नहीं सुनी वर्ष 2018 में आई बाढ़ के कारण कई लोगों के मवेशी बह गए थे मकान बह गए थे, अब मालन नदी बिल्कुल हमारे मकान के किनारे पर पहुंच चुकी है लेकिन कोई सुध लेने वाला नहीं है पिछली बार नदी बीच में थी अब की बार किनारे हो गई अगर अबकी बरसात में नदी में बाढ़ आती है तो हमारे मकान भी बह जाएगा

बाइट निर्मला देवी


वीओ3- वहीं स्थानीय निवासी मदन मोहन जोशी का कहना है कि आने वाली बरसात के लिए हम बहुत चिंतित हैं पिछली बार की आई बाढ़ के बाद हम क्षेत्रवासियों की एक टीम बनाकर मुख्यमंत्री आवास पर मिलने गए थे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट से भी मुलाकात की थी उन्होंने उस समय हमें आश्वासन दिया था कि मालन नदी के किनारे पर करोड़ों रुपए की लागत से तटबंध बनाए जायेंगे लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ आने वाली बरसात से हम सभी क्षेत्रवासी बहुत चिंतित हैं कि अगर मालन नदी में बाढ़ आती तो क्या होता है हम ने उपजिलाधिकारी से भी वार्ता की थी पूर्व में तत्कालीन उप जिलाधिकारी से भी वार्ता की थी लेकिन कुछ नहीं हुआ विगत 2018 में आई आपदा में जमीन के किनारे जो दीवार लगी थी वह भी बह गई थी अभी स्थिति है कि दोबारा से बाढ़ आती है तो कई हेक्टियर भूमि फिर से नदी की भेंट चढ़ जाएगी

बाइट मदन मोहन जोशी



Conclusion:वीओ4- वहीं स्थानीय निवासी आर एल कुकरेती का कहना है कि पहले तो में ईटीवी भारत परिवार का शुक्रिया अदा करता हूँ कि उन्होंने हमारी सुध लेने के लिए मालन नदी में पहुंचे कहा कि 2017 और 18 में भीषण बाढ़ मालन नदी माहिती उस संबंध में हमने कई माध्यम से सरकार और प्रशासन को अवगत कराता की माला नदी के किनारे पर पक्की दीवार बनाई जाए लेकिन कोई कारण नहीं हुआ गरिमा में हम क्षेत्रवासी का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री आवास पर मुख्यमंत्री जी से मिलने गए थे तब उन्होंने आश्वासन दिया था कि मालन नदी के किनारे पर सुरक्षा दीवार बनाई जाएगी लेकिन बरसात शुरू होने वाली है अभी तक कोई कार्य नहीं हुआ

बाइट आर एल कुकरेती

वीओ5- वहीं आपदा पीड़ित देवकीनंदन का कहना है कि वर्ष 2018 में आई बाढ़ में हमारी 6 बीघा खेत बह गया था एक सुरक्षा दीवार भी रखी थी वह भी बह गई , 2018 में आई बाढ़ के समय प्रशासन ने बचाव के लिए कुछ जाल नदी में लगाए थे लेकिन जिस जगह पर नदी का अधिक कटाव है वहां पर प्रशासन ने जाल नहीं लगाए अगर इस बार नदी में बाढ़ आती तो हमारा आवासीय भवन भी बहने की कगार में है उसके साथ ही मोटाढांग स्थित इंटर कॉलेज भी इसकी चपेट में आ सकता है उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि जो स्थानीय विधायक और उनके द्वारा कोई कार्य नहीं किया गया है, 2018 की बाढ़ के दौरान उन्हें आश्वासन दिया था कि मालन नदी के किनारे पर बाढ़ सुरक्षा कार्य किए जाएंगे लेकिन कोई कार्य नहीं हुआ अब बरसात सर पर खड़ी है

बाइट देवकी नंनद


one to one विकाश वर्मा to सौरभ नोटियाल


वीओ6- वही पूरे मामले पर जिला अधिकारी का कहना है कि मेरे द्वारा पहले ही जिन जिन विभागों का आपदा से संबंध है उनमें से प्रमुख विभाग सिंचाई विभाग है मैंने सिंचाई विभाग को पहले ही पत्र भी लिख दिया है साथ ही उनके अभियंताओं के साथ क्षेत्र का दौरा भी कर लिया है साथियों ने निर्देशित किया है कि जिन क्षेत्रों में आपदा आने की संभावना है आ सकती है उन क्षेत्रों का एस्टीमेट तैयार कर उसकी स्वीकृति लेकर समय से पूर्व उन पर कार्य पूर्ण कर ले

बाइट मनीष कुमार उपजिलाधिकारी
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