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पौड़ी के विकास भवन में लगे अग्निशमन यंत्र एक्सपायर, कैसे होगी आग से सुरक्षा?

पौड़ी के विकास भवन में लगभग 24 से अधिक विभाग हैं. इन विभागों में सुरक्षा के लिए यहां अग्निशमन यंत्र लगाए गए थे. जब इन अग्निशमन यन्त्रों की समय समाप्ति की तिथि देखी गई तो पता चला की ये एक्सपायर हो चुके हैं. इतना ही नहीं कुछ पर तो एक्सपायर डेट भी नहीं लिखी हुई है.

अग्निशमन यंत्र एक्सपायर
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Published : Feb 19, 2019, 3:30 PM IST

पौड़ी: जिले के सरकारी कार्यालयों में आग लग जाए तो क्या होगा, इसका अनुमान सरकारी कार्यालय में लगे अग्निशमन यंत्र से लगाया जा सकता है. यहां अग्निशमन यंत्र तो है, लेकिन वो किसी काम के नहीं, क्योंकि वो एक्सपायर हो चुके हैं. सबसे बड़ी बात यह है इसकी जानकारी अधिकारियों को भी नहीं है.

पौड़ी विकास भवन की सुरक्षा में बड़ी चूक.
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पढ़े- दून में पढ़ने वाली कश्मीरी छात्राएं बोलीं- हम सब सुरक्षित हैं, पुलिस ने हॉस्टल के बाहर बढ़ाई गश्त

पौड़ी के विकास भवन में लगभग 24 से अधिक विभाग हैं. इन विभागों में सुरक्षा के लिए यहां अग्निशमन यंत्र लगाए गए थे. जब इन अग्निशमन यन्त्रों की समय समाप्ति की तिथि देखी गई तो पता चला की ये एक्सपायर हो चुके है. इतना ही नहीं कुछ पर तो एक्सपायर डेट भी नहीं लिखी हुई है.

इसके अलावा यहां कुछ बल्लियों पर रेत की बाल्टियां भी रखी हुई है, ताकि आग बुझाने के लिए रेत का उपयोग किया जा सके, लेकिन इन बाल्टियों में रेत की जगह कूड़ा भरा हुआ मिला. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि यदि कभी विकास भवन में आग लग जाए तो उस पर कैसे काबू पाया जाएगा.

वहीं जब इस बारे में मुख्य विकास अधिकारी दीप्ति सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि 6 माह पूर्व जब इनकी जानकारी ली गयी थी तो उन्हें बताया गया था की यह यह सब सही है. ईटीवी भारत की ओर से मामला संज्ञान में आने के बाद सुरक्षा दृष्टि से यंत्रों के नवीनीकरण करने की बात कही गयी है.

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पौड़ी: जिले के सरकारी कार्यालयों में आग लग जाए तो क्या होगा, इसका अनुमान सरकारी कार्यालय में लगे अग्निशमन यंत्र से लगाया जा सकता है. यहां अग्निशमन यंत्र तो है, लेकिन वो किसी काम के नहीं, क्योंकि वो एक्सपायर हो चुके हैं. सबसे बड़ी बात यह है इसकी जानकारी अधिकारियों को भी नहीं है.

पौड़ी विकास भवन की सुरक्षा में बड़ी चूक.
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पौड़ी के विकास भवन में लगभग 24 से अधिक विभाग हैं. इन विभागों में सुरक्षा के लिए यहां अग्निशमन यंत्र लगाए गए थे. जब इन अग्निशमन यन्त्रों की समय समाप्ति की तिथि देखी गई तो पता चला की ये एक्सपायर हो चुके है. इतना ही नहीं कुछ पर तो एक्सपायर डेट भी नहीं लिखी हुई है.

इसके अलावा यहां कुछ बल्लियों पर रेत की बाल्टियां भी रखी हुई है, ताकि आग बुझाने के लिए रेत का उपयोग किया जा सके, लेकिन इन बाल्टियों में रेत की जगह कूड़ा भरा हुआ मिला. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि यदि कभी विकास भवन में आग लग जाए तो उस पर कैसे काबू पाया जाएगा.

वहीं जब इस बारे में मुख्य विकास अधिकारी दीप्ति सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि 6 माह पूर्व जब इनकी जानकारी ली गयी थी तो उन्हें बताया गया था की यह यह सब सही है. ईटीवी भारत की ओर से मामला संज्ञान में आने के बाद सुरक्षा दृष्टि से यंत्रों के नवीनीकरण करने की बात कही गयी है.

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पौड़ी में सभी सरकारी विभागों को आग से बचाने के लिए अग्निशमन यंत्र लगाया गया है ताकि कभी भी आग लगने की स्थिति पर इस यंत्र से आग पर काबू पाया जा सके। इसके साथ ही छोटी बाल्टियों में रखा बालू आदि सामग्री भी आग बुझाने में काफी हद तक मदद करती है। लेकिन इन दिनों पौड़ी के विकास भवन में जहां की लगभग 24 से अधिक विभाग काम करते हैं इनकी सुरक्षा के लिए लगाए गए अधिकतर अग्निशमन यंत्रों की समय अवधि समाप्त हो गयी है और अधिकतर यंत्रो में समय अवधि ही मिट गयी है। आग लगने जैसे घटना में इनकी जरूरत पड़ने पर यह काम करेंगे या नहीं यह कह पाना भी मुश्किल है वहीं मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि 6 माह पूर्व जब इनकी जानकारी ली गयी थी तो उन्हें बताया गया था की यह यह सब सही है। वहीं ईटीवी भारत की ओर से मामला संज्ञान मैं आने के बाद सुरक्षा दृष्टि से यंत्रो की नवीनीकरण करने की बात कही गयी है।


Body:पौड़ी का विकास भवन जहां मुख्य विकास अधिकारी पौड़ी का कार्यालय होने के साथ ही पौड़ी के अधिकतर विभाग यही से संचालित हो रहे हैं। विकास भवन में लगे अग्निशमन यन्त्रों की समय समाप्ति की तिथि देखी गई तो अधिकतर यंत्रों की तिथि समाप्त हो गयी है और कुछ में अंतिम तिथि का जिक्र ही नहीं था जो कि विभागों की बहुत बड़ी लापरवाही का सबूत है। आग लगने के दौरान अग्निशमन यंत्र की मदद से आग पर काबू पाया जाता है और साथी बाल्टियों में रखी रेत व अन्य सामग्री से भी काफी मदद मिलती है लेकिन यहां पर रखी बाल्टियों को लोगों ने कूड़ेदान समझकर कूड़ा इकट्ठा किया हुआ है। अब सवाल यह उठता है कि यदि किसी कारणवश आग लग जाती है तो इन अग्निशमन यंत्र जो कि जिनकी समय अवधि समाप्त हो गई है वह आग बुझाने में कैसे मदद करेंगे।


Conclusion:अग्निशमन यंत्रों की समय अवधि समाप्त होने के बाद भी उनका यूं ही प्रयोग किया जा रहा है जब उसकी जानकारी मुख्य विकास अधिकारी दीप्ति सिंह को दी गई तो उन्होंने बताया कि अभी 6 माह पूर्व उन्होंने इन की विधिवत जानकारी ली थी और उन्हें बताया गया था कि सब सही है लेकिन उसके बाद किसी ने इनकी देखरेख नहीं की उन्होंने कहा कि यह जानकारी उनको ईटीवी भारत की ओर से मिली है और इसका तुरंत संज्ञान लेकर जिन भी अग्निशमन यंत्र की समय अवधि समाप्त हो गई है उनका नवीनीकरण किया जाएगा और जो अधिक समय से पड़े है उनको तुरंत बदला जाएगा कहा कि सुरक्षा की दृष्टि से किसी भी प्रकार की ढिलाई नहीं बरती जाएगी।

बाईट- दीप्ति सिंह(मुख्य विकास अधिकारी पौड़ी)
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