श्रीनगर: ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल प्रोजेक्ट से प्रभावित किसानों ने अपनी मांगों के लेकर सरकार, प्रशासन और रेलवे को चुनौती दी है. ग्रामीणों ने कहा कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुई तो वे सामूहिक आत्मदाह कर लेंगे.
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे दो साल से रोजगार की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन सरकार उन्हें रोजगार नहीं दे रही है. अपनी मांगों के लेकर ग्रामीण शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे हैं. लेकिन पुलिस उन्हें जबरन उठा रही है. उनके खिलाफ मुकदमे लिखे जा रहे है. ग्रामीण अनिश्चितकाल के लिए अनशन पर बैठ गए हैं.
पढ़ें- नाम बड़े-दर्शन छोटे: हर मौसम में ठप हो रही ऑलवेदर रोड, दरकते पहाड़ और लैंडस्लाइड ने बढ़ाई मुश्किलें
ग्रामीणों का कहना है कि ऋषिकेष कर्णप्रयाग रेल लाइन निर्माण के लिए उनकी जमीन का अधिग्रहण किया गया था. तब रेलवे के अधिकारियों ने नैथाणा और रानीहाट गांव को लोगों को कहा था कि उन्होंने निर्माण कार्य में अस्थाई रोजगार दिया जाएगा. रेलवे प्रोजेक्ट को शुरू हुए दो साल से ज्यादा का वक्त हो चुका है, लेकिन आजतक उन्हें काम नहीं मिला है. यहीं कारण है कि ग्रामीण अब आंदोलन करने की मजबूर हुए है.
नैथाणा की ग्राम प्रधान आशा देवी ने कहा कि जब तक ग्रामीणों को रोजगार नहीं दिया जाता, तब तक ग्रामीण क्रमिक अनशन पर रहेंगे. अगर फिर भी मांगें नहीं मानी गई तो भूख हड़ताल करते हुए ग्रामीण सामूहिक आत्मदाह करेंगे.