ऋषिकेश: उत्तराखंड में पिछले 3 दिनों से लगातार हो रही झमाझम बारिश से ऋषिकेश के ग्रामीण इलाकों में धान की फसल खराब होने की कगार पर है. धान खराब होने से काश्तकारों की चिंता बढ़ गई है. किसानों ने सरकार से बर्बाद फसल के एवज में मुआवजा राशि की मांग की है.
ऋषिकेश के ग्रामीण क्षेत्र रायवाला, प्रतीतनगर, हरिपुरकलां, गौहरीमाफी में इन दिनों धान की फसल की कटाई का काम चल रहा था. कुछ काश्तकारों ने फसल काटकर खेत में छोड़ रखी है, तो कुछ काश्तकार फसल मंढाई की तैयारी में थे. लेकिन पिछले तीन दिन से हुई लगातार बारिश ने उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया. रुक-रुककर हो रही बारिश से बड़े पैमाने पर धान की फसल खराब होने लगी है.
काश्तकारों का कहना है कि बारिश से चावल काला और कमजोर पड़ना व पराली का सड़ना तय है. गौहरीमाफी, रायवाला गांव, छिद्दरवाला क्षेत्र में बड़े पैमाने पर खेत-खलिहानों में फसल पड़ी हुई है. काश्तकारों का कहना है कि कोरोना के कारण वह पहले से बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं. खेती कर किसी तरह से जीवन यापन कर रहे थे, लेकिन बारिश ने उनकी महीनों की मेहनत पर पानी फेर दिया है. काश्तकारों ने फसल खराब होने की सूचना तहसीलदार ऋषिकेश को दी है.
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कोटद्वार में फसलों को भारी नुकसानः पौड़ी के कोटद्वार में लगातार दो दिनों से हो रही बारिश के कारण किसानों की धान, उड़द व सोयाबीन की फसल को भारी नुकसान हुआ है. धान, उड़द व सोयाबीन की फसल खेतों में काट कर रखी गई थी जो अब सड़ने लगी है. वहीं, उड़द पर अंकुर निकलने शुरू हो गए हैं.
कोटद्वार के लछमपुर हल्दुखता क्षेत्र के बोक्सा जनजाति के किसान जगत सिंह ने अपनी खेती के नुकसान के आकलन के लिए तहसीलदार व पटवारी से संपर्क किया तो उन्होंने भी उन्हें कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया. इसके बाद किसान जगत सिंह ने सीएम हेल्पलाइन में अपनी शिकायत दर्ज कराई है.