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कोटद्वार: आज से शुरू हुआ तीन दिवसीय प्रसिद्ध सिद्धबली महोत्सव - सिद्धबली अनुष्ठान कोटद्वार

कोटद्वार में शुक्रवार को विधि-विधान के साथ श्री सिद्धबली अनुष्ठान का शुभारंभ किया गया. इस बार कोरोना के चलते मेले में केवल धार्मिक अनुष्ठान ही होंगे. साथ ही मंदिर के प्रवेश द्वार पर थर्मल स्क्रीनिंग और सैनेटाइजर की व्यवस्था की गई है.

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कोटद्वार खबर
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Published : Dec 4, 2020, 11:05 AM IST

कोटद्वार: हर साल की तरह इस साल भी चार दिसंबर यानी आज से मंत्रोचार के साथ 20वां तीन दिवसीय श्री सिद्धबली अनुष्ठान का शुभारंभ हो गया है. शुक्रवार सुबह चार बजे से पुजारियों ने सिद्धबली बाबा की पूजा-अर्चना का कार्य शुरू कर दिया है. इस मौके पर कोविड-19 की गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. भक्तजनों के लिए प्रवेश द्वार पर थर्मल स्क्रीनिंग और सैनेटाइजर की व्यवस्था की गई है.

बता दें कि, सुबह चार बजे मंदिर परिसर में पुजारियों ने सिद्धबली बाबा की मंत्रोचार के उपरांत पूजा-अर्चना की. हर वर्ष सिद्धबली बाबा अनुष्ठान मेले के रूप में होता था. हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहां पर आते थे. लेकिन, इस वर्ष कोविड-19 के कारण मेले में केवल धार्मिक अनुष्ठान ही होंगे. इस बार कोरोना के कारण सांस्कृतिक भजन संध्या और झांकियों की आयोजन नहीं किया जाएगा. एक समय पर मंदिर परिसर में अधिक लोगों के प्रवेश पर भी रोक लगाई गई है.

पढ़ें- मसूरी में पर्यटकों को भा रही हैं कचरे से बनीं 'रिसाइकल्ड प्लास्टिक बेंच'

उप जिलाधिकारी कोटद्वार ने बताया कि सिद्धबली मेले में हर साल भारी संख्या में श्रद्धालु आते हैं. इस बार कोरोना महामारी को देखते हुए लोगों की संख्या में कमी देखी जा रही है. साथ ही कोरोना का ध्यान में रखते हुए सभी तरह के इंतजाम किए गए हैं. उन्होंने बताया कि सिद्धबली मंदिर वन क्षेत्र से लगा है. इसलिए यहां हाथियों का आवागमन अधिक है. जिसके चलते वन विभाग को हाथियों से श्रद्धालुओं की सुरक्षा के खास निर्देश दिए गए हैं.

कोटद्वार: हर साल की तरह इस साल भी चार दिसंबर यानी आज से मंत्रोचार के साथ 20वां तीन दिवसीय श्री सिद्धबली अनुष्ठान का शुभारंभ हो गया है. शुक्रवार सुबह चार बजे से पुजारियों ने सिद्धबली बाबा की पूजा-अर्चना का कार्य शुरू कर दिया है. इस मौके पर कोविड-19 की गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. भक्तजनों के लिए प्रवेश द्वार पर थर्मल स्क्रीनिंग और सैनेटाइजर की व्यवस्था की गई है.

बता दें कि, सुबह चार बजे मंदिर परिसर में पुजारियों ने सिद्धबली बाबा की मंत्रोचार के उपरांत पूजा-अर्चना की. हर वर्ष सिद्धबली बाबा अनुष्ठान मेले के रूप में होता था. हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहां पर आते थे. लेकिन, इस वर्ष कोविड-19 के कारण मेले में केवल धार्मिक अनुष्ठान ही होंगे. इस बार कोरोना के कारण सांस्कृतिक भजन संध्या और झांकियों की आयोजन नहीं किया जाएगा. एक समय पर मंदिर परिसर में अधिक लोगों के प्रवेश पर भी रोक लगाई गई है.

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उप जिलाधिकारी कोटद्वार ने बताया कि सिद्धबली मेले में हर साल भारी संख्या में श्रद्धालु आते हैं. इस बार कोरोना महामारी को देखते हुए लोगों की संख्या में कमी देखी जा रही है. साथ ही कोरोना का ध्यान में रखते हुए सभी तरह के इंतजाम किए गए हैं. उन्होंने बताया कि सिद्धबली मंदिर वन क्षेत्र से लगा है. इसलिए यहां हाथियों का आवागमन अधिक है. जिसके चलते वन विभाग को हाथियों से श्रद्धालुओं की सुरक्षा के खास निर्देश दिए गए हैं.

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