ऋषिकेश: पौड़ी जिले के यमकेश्वर ब्लॉक में राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क (Rajaji Tiger Reserve Park) के भीतर कुनाऊं गांव में फर्जी इंटरनेशनल कॉल सेंटर (Fake International Call Center in Kunaun Village) संचालित किया जा रहा था. जिसमें असम की एक युवती समेत तीन लोगों को बंधक बनाकर सात समंदर पर बैठे लोगों से ठगी कराई जा रही थी. धोखाधड़ी की भनक लगने पर असम के कर्मचारियों ने भागने की कोशिश की, लेकिन संचालकों ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी और उनके साथ मारपीट भी की.
फर्जी इंटरनेशनल कॉल सेंटर का खुलासा: आज सुबह कर्मचारी अरुप कॉल सेंटर संचालकों को चकमा देकर भाग निकला, लेकिन रास्ते में ही उसे संचालकों ने दबोच लिया. चीला-बैराज मार्ग पर संचालकों ने असम निवासी अरुप से मारपीट की. आरोप है कि संचालक ने उसका मोबाइल भी छीनकर गंगा में फेंक दिया. इसी बीच आसपास ग्रामीण और मॉर्निंग वॉक पर निकले लोगों ने उन्हें देख लिया. लोगों की अपनी तरफ आता देख संचालक फरार हो गए. मामला पुलिस तक पहुंचा, तो पुलिस की जांच में फर्जी इंटरनेशनल कॉल सेंटर का खुलासा हुआ.
अमेरिकी नागरिकों बनाते थे निशाना: पुलिस ने कुनाऊं गांव में कॉल सेंटर से सात लैपटॉप, इंटरनेशनल कॉल करने के उपकरण, चार वाईफाई राउटर और हेडफोन बरामद किए. पीड़ितों ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि इस फर्जी इंटरनेशन कॉल सेंटर से खासकर अमेरिका के नागरिकों को निशाना बनाया जाता था. इस फर्जी कॉल सेंटर को चलाने के लिए संचालकों ने असम निवासी अरुप और रिचर्ड के साथ लिंडा का ऑनलाइन इंटरव्यू लिया था. इसके बाद वह उन्हें फ्लाइट से लेने गुवाहाटी गए.
विदेशी नागरिकों से ठगी: कुनाऊं गांव में सेंटर पहुंचने के बाद उन्हें इंटरनेट कॉल के जरिए विदेशी नागरिकों से ठगी के लिए मजबूर किया गया. मना करने पर करीब 21 दिनों तक अरुप, रिचर्ड और लिंडा को बंधक बनाकर रखा गया. लक्ष्मणझूला पुलिस ने मामले में मुकदमा दर्ज कर आरोपी गौरव, वसीम और गुलाम की तलाश में जुट गई है. मौके से लैपटॉप और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को जांच के लिए लैब भेजा गया है.
पुलिस को भी नहीं लगी भनक: राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क के भीतर कुनाऊं गांव में ठगी का अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर संचालित किया जा रहा था, लेकिन लक्ष्मण झूला पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी. सिर्फ पुलिस ही नहीं लोकल इंटेलीजेंस यूनिट (एलआईयू) को भी इस धोखधड़ी के ऑनलाइन कारोबार का पता नहीं चला. जिससे पुलिस और एलआईयू की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं.
इतनी एजेंसियां फिर भी विदेशियों से ठगी: कुनाऊं गांव में ठगी के इंटरनेशनल कॉल सेंटर का मामला सामने आने के बाद एक सवाल यह भी खड़ा हुआ है कि हाल ही में अंकिता हत्याकांड को लेकर साइबर सेल से लेकर कई तरह की एजेंसियां इसी क्षेत्र में तहकीकात के लिए जुटी हैं. हजारों मोबाइल नंबरों को इस बीच पुलिस की विभिन्न एक्सपर्ट एजेंसियों ने ट्रेस किया है. बावजूद, उनकी पकड़ में घटना स्थल से महज कुछ किलोमीटर की दूरी पर ही संचालित इंटरनेट कॉल के जरिए विदेशी नागरिकों से ठगी करने वाले पकड़ में नहीं आए.