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NIT के अस्थायी परिसर के विस्तार का रास्ता साफ, हाई कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद हरकत में आई सरकार

एनआईटी (राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान) के अस्थायी परिसर के विस्तार का रास्ता साफ हो गया है. शासन की ओर से उक्त भूमि का स्थायी हस्तांतरण न होने की वजह से निर्माण कार्य अटका हुआ था.

shrinagar
एनआईटी अस्थायी परिसर मामला
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Published : Feb 18, 2020, 9:02 PM IST

Updated : Feb 18, 2020, 11:25 PM IST

श्रीनगर: एनआईटी (राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान) अस्थायी परिसर के विस्तार का रास्ता साफ हो गया है. परिसर के विस्तार में भूमी का उपयोग आईटीआई और रेशम फार्म के रूप में होगा. शासन द्वारा यह भूमि तकनीकी शिक्षा विभाग को हस्तांतरित भी कर दी गई है. अब तकनीकी शिक्षा विभाग के माध्यम से यह भूमि एनआईटी को हस्तातंरित हो जाएगी. बीजेपी के जिला मीडिया प्रभारी गणपति भट्ट ने बताया कि शासन द्वारा 17 फरवरी को भूमि तकनीकी शिक्षा विभाग को हस्तातंरित करने का आदेश जारी किया गया है.

एनआईटी अस्थायी परिसर मामला

बता दें कि शासन की ओर से उक्त भूमि का स्थायी हस्तांतरण न होने की वजह से निर्माण कार्य अटका हुआ था. वर्तमान में एनआईटी का अस्थायी परिसर श्रीनगर में पॉलीटेक्निक, आईटीआई और एनआईटी जयुपर में बनाए गए सेटेलाइट परिसर में संचालित हो रहा है. स्थायी परिसर सुमाड़ी में बनना है. जहां बीते साल अक्तूबर में प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत और एचआरडी मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक शिलान्यास भी कर चुके हैं. उस वक्त सरकार ने घोषणा की थी कि जब तक स्थायी परिसर का निर्माण नहीं होता, तब तक अस्थायी परिसर का विस्तार रेशम विभाग और आईटीआई की खाली भूमि में किया जाएगा.

ये भी पढ़े: सीएचसी के बल्ड बैंक में कई दिनों से लटका ताला, इधर-उधर भटकने को मजबूर मरीज

गौर हो कि एनआईटी उत्तराखंड के स्थायी परिसर के निर्माण और सुविधाओं के मामले में प्रदेश और केंद्र सरकार की काफी किरकिरी हो चुकी है. मामले में एनआईटी के एक पूर्व छात्र द्वारा नैनीताल उच्च न्यायालय में जनहित याचिका भी दायर की गई है. बीते 12 फरवरी को हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार से इस संबंध में एक हफ्ते में जवाब देने के आदेश दिए थे. कोर्ट ने सरकार से स्थायी कैंपस की स्थापना और छात्रों को मूलभूत सुविधाओं के संबंध में कई सवाल भी किए. मामले में 20 फरवरी को सुनवाई होनी तय है. ऐसा माना जा रहा है कि कोर्ट के आदेश के बाद शासन के काम में तेजी आई है.

श्रीनगर: एनआईटी (राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान) अस्थायी परिसर के विस्तार का रास्ता साफ हो गया है. परिसर के विस्तार में भूमी का उपयोग आईटीआई और रेशम फार्म के रूप में होगा. शासन द्वारा यह भूमि तकनीकी शिक्षा विभाग को हस्तांतरित भी कर दी गई है. अब तकनीकी शिक्षा विभाग के माध्यम से यह भूमि एनआईटी को हस्तातंरित हो जाएगी. बीजेपी के जिला मीडिया प्रभारी गणपति भट्ट ने बताया कि शासन द्वारा 17 फरवरी को भूमि तकनीकी शिक्षा विभाग को हस्तातंरित करने का आदेश जारी किया गया है.

एनआईटी अस्थायी परिसर मामला

बता दें कि शासन की ओर से उक्त भूमि का स्थायी हस्तांतरण न होने की वजह से निर्माण कार्य अटका हुआ था. वर्तमान में एनआईटी का अस्थायी परिसर श्रीनगर में पॉलीटेक्निक, आईटीआई और एनआईटी जयुपर में बनाए गए सेटेलाइट परिसर में संचालित हो रहा है. स्थायी परिसर सुमाड़ी में बनना है. जहां बीते साल अक्तूबर में प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत और एचआरडी मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक शिलान्यास भी कर चुके हैं. उस वक्त सरकार ने घोषणा की थी कि जब तक स्थायी परिसर का निर्माण नहीं होता, तब तक अस्थायी परिसर का विस्तार रेशम विभाग और आईटीआई की खाली भूमि में किया जाएगा.

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गौर हो कि एनआईटी उत्तराखंड के स्थायी परिसर के निर्माण और सुविधाओं के मामले में प्रदेश और केंद्र सरकार की काफी किरकिरी हो चुकी है. मामले में एनआईटी के एक पूर्व छात्र द्वारा नैनीताल उच्च न्यायालय में जनहित याचिका भी दायर की गई है. बीते 12 फरवरी को हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार से इस संबंध में एक हफ्ते में जवाब देने के आदेश दिए थे. कोर्ट ने सरकार से स्थायी कैंपस की स्थापना और छात्रों को मूलभूत सुविधाओं के संबंध में कई सवाल भी किए. मामले में 20 फरवरी को सुनवाई होनी तय है. ऐसा माना जा रहा है कि कोर्ट के आदेश के बाद शासन के काम में तेजी आई है.

Last Updated : Feb 18, 2020, 11:25 PM IST
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