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पूर्व सैनिकों ने बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर तानी मुठ्ठी, स्वास्थ्य मंत्री से इस्तीफे की मांग - मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत

पूर्व सैनिक सेवा परिषद की कोटद्वार इकाई के सैनिकों ने बेस अस्पताल में बीते लंबे समय से रेबीज के इंजेक्शन ना होने के कारण स्वास्थ्य मंत्री के इस्तीफे की मांग की.

kotdwar base hospital
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Published : Jul 19, 2019, 5:58 PM IST

कोटद्वारः उत्तराखंड में स्वास्थ्य महकमे की बदहाल हालत किसी से छिपी नहीं है. आलम ये है कि सूबे के कई अस्पतालों में डॉक्टर ही नहीं है, जहां पर डॉक्टर तैनात भी हैं, तो वहां पर दवाईयां और अन्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं है. इसकी बानगी कोटद्वार के सरकारी अस्पतालों में देखने को मिल रहा है. यहां पर रेबीज के इंजेक्शन भी नहीं मिल रहे हैं. इसी कड़ी में लचर स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर पूर्व सैनिकों ने तहसील परिसर में धरना दिया. साथ ही जमकर प्रदर्शन करते हुए स्वास्थ्य मंत्री से इस्तीफे की मांग की.

पूर्व सैनिकों ने बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर तानी मुठ्ठी.

बता दें कि स्वास्थ्य विभाग का जिम्मा सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के पास है. ऐसे में प्रदेश की लचर स्वास्थ्य सरकार के दावों की पोल खोल रही है. इसी कड़ी में पूर्व सैनिक सेवा परिषद की कोटद्वार इकाई ने तहसील परिसर में धरना दिया.

इस दौरान उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग संभाल रहे मुख्यमंत्री पर जनता ने भरोसा जताया था कि स्वास्थ्य व्यवस्था पटरी पर आएगी, लेकिन वो जनता की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरे हैं. इतना ही नहीं प्रदेश में रेबीज के इंजेक्शन भी नहीं मिल रहे हैं.

ये भी पढ़ेंः पंतनगर एयरपोर्ट होने जा रहा है हाईटेक, 20 लाख की लागत से बनेगा बम डिफ्यूज यार्ड

पूर्व सैनिक गोपाल कृष्ण बड़थ्वाल ने कहा कि रेबीज के इंजेक्शन पूरे उत्तराखंड में नहीं मिल रहे हैं. बेस अस्पताल और प्रदेश के अन्य चिकित्सालयों में बीते छह महीने से रेबीज के इंजेक्शन उपलब्ध नहीं है. ऐसे में किसी को बंदर और कुत्ता काट दे, तो उसे इंजेक्शन लगाने के लिए दूसरे शहर की ओर रूख करना पड़ रहा है.

वहीं, सुभाष कुकरेती का कहना है कि पहले भी बेस अस्पताल में रेबीज के टीके के लिए वो सरकार से भी अवगत करा चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है. साथ ही चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार जल्द ही बेस समेत अन्य अस्पतालों में रेबीज के टीके की उपलब्ध नहीं कराती है तो उग्र आंदोलन किया जाएगा. साथ ही कहा कि पूर्व सैनिक सेवा परिषद की मांग है कि प्रदेश में रेबीज के इंजेक्शन उपलब्ध नहीं होने पर स्वास्थ्य मंत्री तत्काल इस्तीफा दें.

कोटद्वारः उत्तराखंड में स्वास्थ्य महकमे की बदहाल हालत किसी से छिपी नहीं है. आलम ये है कि सूबे के कई अस्पतालों में डॉक्टर ही नहीं है, जहां पर डॉक्टर तैनात भी हैं, तो वहां पर दवाईयां और अन्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं है. इसकी बानगी कोटद्वार के सरकारी अस्पतालों में देखने को मिल रहा है. यहां पर रेबीज के इंजेक्शन भी नहीं मिल रहे हैं. इसी कड़ी में लचर स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर पूर्व सैनिकों ने तहसील परिसर में धरना दिया. साथ ही जमकर प्रदर्शन करते हुए स्वास्थ्य मंत्री से इस्तीफे की मांग की.

पूर्व सैनिकों ने बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर तानी मुठ्ठी.

बता दें कि स्वास्थ्य विभाग का जिम्मा सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के पास है. ऐसे में प्रदेश की लचर स्वास्थ्य सरकार के दावों की पोल खोल रही है. इसी कड़ी में पूर्व सैनिक सेवा परिषद की कोटद्वार इकाई ने तहसील परिसर में धरना दिया.

इस दौरान उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग संभाल रहे मुख्यमंत्री पर जनता ने भरोसा जताया था कि स्वास्थ्य व्यवस्था पटरी पर आएगी, लेकिन वो जनता की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरे हैं. इतना ही नहीं प्रदेश में रेबीज के इंजेक्शन भी नहीं मिल रहे हैं.

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पूर्व सैनिक गोपाल कृष्ण बड़थ्वाल ने कहा कि रेबीज के इंजेक्शन पूरे उत्तराखंड में नहीं मिल रहे हैं. बेस अस्पताल और प्रदेश के अन्य चिकित्सालयों में बीते छह महीने से रेबीज के इंजेक्शन उपलब्ध नहीं है. ऐसे में किसी को बंदर और कुत्ता काट दे, तो उसे इंजेक्शन लगाने के लिए दूसरे शहर की ओर रूख करना पड़ रहा है.

वहीं, सुभाष कुकरेती का कहना है कि पहले भी बेस अस्पताल में रेबीज के टीके के लिए वो सरकार से भी अवगत करा चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है. साथ ही चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार जल्द ही बेस समेत अन्य अस्पतालों में रेबीज के टीके की उपलब्ध नहीं कराती है तो उग्र आंदोलन किया जाएगा. साथ ही कहा कि पूर्व सैनिक सेवा परिषद की मांग है कि प्रदेश में रेबीज के इंजेक्शन उपलब्ध नहीं होने पर स्वास्थ्य मंत्री तत्काल इस्तीफा दें.

Intro:summary पूर्व सैनिक सेवा परिषद की कोटद्वार इकाई के द्वारा कोटद्वार बेस चिकित्सालय मैं लंबे समय से रेबीज के इंजेक्शन ना होने के कारण स्वास्थ्य मंत्री के इस्तीफे की मांग की।

intro पूर्व सैनिक सेवा परिषद की कोटद्वार इकाई के द्वारा तहसील परिसर में धरना प्रदर्शन कर स्वास्थ्य मंत्री के इस्तीफे की मांग की उन्होंने प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री पर आरोप लगाया कि जनता ने सरकार पर भरोसा जताया था कि वह जनता की उम्मीदों पर खरे उतरे लेकिन यहां तो हाल उल्टे होते जा रहे हैं प्रदेश में रेबीज का इंजेक्शन नहीं मिल रहे हैं अगर किसी को कुत्ता बिल्ली बंदर ने काट दिया तो उसे प्रदेश और शहर छोड़ने को मजबूर होना पड़ेगा ऐसी हालत में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री को शीघ्र इस्तीफा देना चाहिए।


Body:वीओ1- गोपाल कृष्ण बड़थ्वाल का कहना है कि इस उत्तराखंड का यह बड़ा दुर्भाग्य है कि रेबीज के इंजेक्शन पूरे उत्तराखंड में नहीं है इस बात का कोई सवाल पैदा होता है कि सीमा पर जवान है उसको बोलेंगे गोली अभी बन रही है तो वह मरता है यह सवाल जनता के बीच पैदा हो रहा है यह बहुत बड़ा दुर्भाग्य है, 4 महीने से अधिक का समय बीत चुका है बेस चिकित्सालय में और प्रदेश के चिकित्सालय में रैबीज के इंजेक्शन नहीं है अगर आपको बंदर और कुत्ता काट दे तो आपको कोटद्वार शहर छोड़ना पड़ेगा उत्तराखंड सरकार सो रही है सरकार को हम जगाने का काम कर रहे हैं

वहीं सुभाष कुकरेती का कहना है कि 6 महीने से कोटद्वार के अंतर्गत बेस चिकित्सालय में रेबीज के टीके नहीं है हम लोगों ने पहले भी सरकार को चेताया था कि अगर सरकार शीघ्र चिकित्सालय में रेबीज के टीके की आपूर्ति बहाल नहीं करती तो हम आंदोलन करेंगे लेकिन सरकार ने नहीं सुना इसलिए हम स्वास्थ्य मंत्री के इस्तीफे की मांग करते हैं पूर्व सैनिक सेवा परिषद का यही विचार है कि अगर प्रदेश में रैबीज के इंजेक्शन सरकार उपलब्ध नहीं करा सकती है तो स्वास्थ्य मंत्री तुरंत इस्तीफा दें

बाइट -गोपाल कृष्ण बड़थ्वाल - सुभाष कुकरेती


Conclusion:
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