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पिरूल से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की पहल, इस योजना पर चल रहा कार्य

पिरूल को इकट्ठा कर उससे कोयला, बिजली और तेल जैसी वस्तुओं का निर्माण किया जाना है. पौड़ी जिले के पाबौ ब्लॉक में पहला प्रोडक्शन हाउस जल्द तैयार होने जा रहा है.

pauri
पिरूल
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Published : Jun 13, 2020, 4:58 PM IST

पौड़ी: पहाड़ी इलाकों के जंगलों में चीड़ के पेड़ों से गिरने वाला पिरूल आग लगने का मुख्य कारण माना जाता है. इसकी मदद से जंगलों में बहुत तेजी से आग फैलती है.जिसको देखते हुए प्रदेश सरकार की ओर से पिरूल को रोजगार के क्षेत्र में जोड़ने की शुरूआत की गई है. जनपद के कुछ ब्लॉकों से इसकी शुरूआत की जा रही है. ग्रामीण महिलाओं को रोजगार देने के लिए जंगलों से पिरूल इकट्ठा करने को कहा गया है, ताकि जंगलों से पिरूल साफ हो जाए और आग लगने की संभावनाएं कम हो सके. वहीं, ग्रामीण महिलाओं ने बताया कि सरकार की ओर से चलाई जा रही योजना के तहत उन्हें लाभ मिलेगा.

गौर हो कि पिरूल को इकट्ठा कर उससे कोयला, बिजली और तेल जैसी वस्तुओं का निर्माण किया जाना है. पौड़ी जिले के पाबौ ब्लॉक में पहला प्रोडक्शन हाउस जल्द तैयार होने जा रहा है. जिसके बाद पिरूल के माध्यम से कई वस्तुएं बनाई जाएंगी.

ग्रामीणों ने बताया कि जंगलों से पिरूल को इक्कट्ठा करने के लिए ग्राम प्रधान द्वारा एक समूह को भी इसकी जिम्मेदारियां दे दी है. इस समूह में 16 महिलाएं हैं, जो आजकल जंगलों से पिरूल को इक्कट्ठा कर रही है.

महिलाओं ने बताया कि प्रदेश सरकार की यह योजना बहुत अच्छी है. जिससे बिजली उत्पादन के साथ-साथ कोयला, चादर जैसी चीजों का उत्पादन भी जिले में आसानी से किया जा सकेगा. जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा.

पढ़ें: विधायक रितु खंडूड़ी ने किया पंपिंग योजना का शुभारंभ, नहीं होगी पानी की किल्लत

ग्राम प्रधान रूप चंद ने बताया कि यह जिले में पहला पिरूल से बनने वाली वस्तुओं का पहला प्रोडक्शन हाउस है. उन्होंने बताया कि ट्रायल के तौर पर एक समूह को अभी इसकी जिम्मेदारी दी गई है. जिस हिसाब से प्रोडक्शन का कार्य आगे बढ़ेगा, तो अन्य समूहों को भी इसके माध्यम से रोजगार से जोड़ा जाएगा.

पौड़ी: पहाड़ी इलाकों के जंगलों में चीड़ के पेड़ों से गिरने वाला पिरूल आग लगने का मुख्य कारण माना जाता है. इसकी मदद से जंगलों में बहुत तेजी से आग फैलती है.जिसको देखते हुए प्रदेश सरकार की ओर से पिरूल को रोजगार के क्षेत्र में जोड़ने की शुरूआत की गई है. जनपद के कुछ ब्लॉकों से इसकी शुरूआत की जा रही है. ग्रामीण महिलाओं को रोजगार देने के लिए जंगलों से पिरूल इकट्ठा करने को कहा गया है, ताकि जंगलों से पिरूल साफ हो जाए और आग लगने की संभावनाएं कम हो सके. वहीं, ग्रामीण महिलाओं ने बताया कि सरकार की ओर से चलाई जा रही योजना के तहत उन्हें लाभ मिलेगा.

गौर हो कि पिरूल को इकट्ठा कर उससे कोयला, बिजली और तेल जैसी वस्तुओं का निर्माण किया जाना है. पौड़ी जिले के पाबौ ब्लॉक में पहला प्रोडक्शन हाउस जल्द तैयार होने जा रहा है. जिसके बाद पिरूल के माध्यम से कई वस्तुएं बनाई जाएंगी.

ग्रामीणों ने बताया कि जंगलों से पिरूल को इक्कट्ठा करने के लिए ग्राम प्रधान द्वारा एक समूह को भी इसकी जिम्मेदारियां दे दी है. इस समूह में 16 महिलाएं हैं, जो आजकल जंगलों से पिरूल को इक्कट्ठा कर रही है.

महिलाओं ने बताया कि प्रदेश सरकार की यह योजना बहुत अच्छी है. जिससे बिजली उत्पादन के साथ-साथ कोयला, चादर जैसी चीजों का उत्पादन भी जिले में आसानी से किया जा सकेगा. जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा.

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ग्राम प्रधान रूप चंद ने बताया कि यह जिले में पहला पिरूल से बनने वाली वस्तुओं का पहला प्रोडक्शन हाउस है. उन्होंने बताया कि ट्रायल के तौर पर एक समूह को अभी इसकी जिम्मेदारी दी गई है. जिस हिसाब से प्रोडक्शन का कार्य आगे बढ़ेगा, तो अन्य समूहों को भी इसके माध्यम से रोजगार से जोड़ा जाएगा.

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