कोटद्वार: लैंसडाउन वन प्रभाग की कोटद्वार रेंज में इन दिनों हाथियों के आतंक से लोग परेशान हैं. हाथियों का झुंड कभी किसानों की फसलों को रौंद रहे है, तो कभी आबादी वाले क्षेत्रों में आ धमक रहे हैं. इतना ही नहीं ये हाथी संपर्क मार्गो से लेकर राष्ट्रीय राजमार्ग तक बाधित कर रहे हैं. ऐसे में हाथियों ने वन कर्मियों की नाक में दम किया हुआ है.
स्नेह क्षेत्र में हाथियों के झुंड किसानों की फसल को रौंद रहे हैं. इवनिंग और मॉर्निंग वॉक करने वाले लोगों में भी हाथियों की दहशत देखी जा रही है. कुछ दिन पूर्व एनएच-534 पर सिद्धबली मंदिर के समीप एक हाथी ने इवनिंग वॉक कर रहे लोगों को दौड़ाया था. वहीं, फुलिंडा रोड पर एक हाथी मदमस्त होकर सड़क पर खड़ा रहा, जिसकी वजह से सड़क पर गुजरने वाले लोगों की डर के मारे हालत खराब हो गयी. सूचना पर पहुंची वन विभाग की टीम ने पटाखे फोड़ कर हाथी को सड़क से जंगल की ओर खदेड़ा.
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स्थानीय निवासी सूरज कुकरेती का कहना है कि वन विभाग अपनी जिम्मेदारियों से बचने की पूरी कोशिश कर रहा है. हाथियों के लिए जंगल में पर्याप्त भोजन नहीं है. वन विभाग पिछले 10 से 15 सालों में हाथियों के भोजन की पर्याप्त व्यवस्था जंगलों के बीच में नहीं कर सका. सूरज ने बताया कि लैंसडाउन वन प्रभाग हाथियों का कोरिडोर क्षेत्र है और कोरिडोर क्षेत्रों में जहां भी आवागमन के लिए सड़कें बनाई गई हैं, उन पर फ्लाईओवर नहीं बनाए गए हैं. राष्ट्रीय मार्ग हो या राज्य मार्ग सरकार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया, जिस कारण हाथियों के आने पर सड़कें घंटों बाधित होती हैं.
वन विभाग के एसडीओ गिरीश चंद्र वेदवाल ने बताया कि जंगलों में झाड़ियां अधिक हो गयी हैं. झाड़ियों में मच्छर अधिक होते हैं. मच्छर से बचने के लिए हाथियों का झुंड झाड़ियों से निकलकर सड़कों पर आ जाते हैं. उन्होंने लोगों से अपील की कि जिन स्थानों पर वन विभाग ने हाथी कॉरिडोर क्षेत्र का बोर्ड लगाया है उन क्षेत्रों में दिन ढलने के बाद प्रवेश ना करें.