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फिर चर्चाओं में नगर पालिका दुगड्डा, निजी भूमि पर बना दिया शौचालय

दुगड्डा नगर पालिका पर एक बार फिर गंभीर आरोप लगे हैं. आरटीआई के जरिए बड़ा खुसाला हुआ है कि नगर पालिका ने 6 लाख रुपये से ज्यादा कीमत के शौचालय निजी जमीन पर बना दिया.

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कोटद्वार
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Published : Oct 13, 2020, 10:57 AM IST

कोटद्वार: दुगड्डा नगर पालिका अपने कारनामों के चलते इन दिनों चाचाओं में है. बीते दिनों बिना जांच के ठेकेदार को लाखों का भुगतान और अब बिना अनुमति के निजी भूमि पर 6 लाख 67 हजार रुपये का शौचालय बना डाला.

निजी भूमि पर बना दिया शौचालय.

इस मामले का खुलासा तब हुआ, जब दुगड्डा निवासी गिरीश चंद्र गौड़ ने नगर पालिका से शौचालय के संबंध में जानकारी मांगी. सूचना के अधिकार में गोलमोल जवाब दिया गया. आरटीआई कार्यकर्ता को शक होने पर उसने तहसील प्रशासन से शौचालय वाली भूमि की सूचना मांगी. मिली जानकारी में मालूम हुआ कि उक्त भूमि ग्राम गहेड़ी पट्टी शीला-2 तहसील कोटद्वार गढ़वाल के खाता खतौनी संख्या 011 में महेश कुमार पुत्र गोविंद राम आदि के नाम दर्ज है.

ऐसे में आरटीआई कार्यकर्ता गिरीश चंद्र गौड़ का कहना है कि नगर पालिका के द्वारा सरकारी धन का दुरुपयोग किया जा रहा है, जिसके खिलाफ में माननीय न्यायालय की शरण में जाएंगे.

पढ़ें- भारत-नेपाल बॉर्डर पर फंसे अमेरिकी भाई-बहन, जानिए वजह

उनका कहना है कि इस मामले के सामने आने के बाद नगरपालिका दुगड्डा पर उठने लगे हैं. यहां सवाल यह उठता है कि आखिर नगर पालिका ने निजी भूमि पर किसकी अनुमति से सरकारी धन से शौचालय बनाया ? क्या नगरपालिका की मंशा सरकारी धन को ठिकाने लगाना था?

कोटद्वार: दुगड्डा नगर पालिका अपने कारनामों के चलते इन दिनों चाचाओं में है. बीते दिनों बिना जांच के ठेकेदार को लाखों का भुगतान और अब बिना अनुमति के निजी भूमि पर 6 लाख 67 हजार रुपये का शौचालय बना डाला.

निजी भूमि पर बना दिया शौचालय.

इस मामले का खुलासा तब हुआ, जब दुगड्डा निवासी गिरीश चंद्र गौड़ ने नगर पालिका से शौचालय के संबंध में जानकारी मांगी. सूचना के अधिकार में गोलमोल जवाब दिया गया. आरटीआई कार्यकर्ता को शक होने पर उसने तहसील प्रशासन से शौचालय वाली भूमि की सूचना मांगी. मिली जानकारी में मालूम हुआ कि उक्त भूमि ग्राम गहेड़ी पट्टी शीला-2 तहसील कोटद्वार गढ़वाल के खाता खतौनी संख्या 011 में महेश कुमार पुत्र गोविंद राम आदि के नाम दर्ज है.

ऐसे में आरटीआई कार्यकर्ता गिरीश चंद्र गौड़ का कहना है कि नगर पालिका के द्वारा सरकारी धन का दुरुपयोग किया जा रहा है, जिसके खिलाफ में माननीय न्यायालय की शरण में जाएंगे.

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उनका कहना है कि इस मामले के सामने आने के बाद नगरपालिका दुगड्डा पर उठने लगे हैं. यहां सवाल यह उठता है कि आखिर नगर पालिका ने निजी भूमि पर किसकी अनुमति से सरकारी धन से शौचालय बनाया ? क्या नगरपालिका की मंशा सरकारी धन को ठिकाने लगाना था?

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