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शिक्षा मंत्री के आदेशों के बाद भी कॉलेज में लागू नहीं हुआ ड्रेस कोड

कोटद्वार के राजकीय स्नाकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य से बात की गई तो उन्होंने कहा कि ड्रेस कोड के लिए वे छात्र संगठनों के साथ बैठक करने जा रहे हैं. इसके साथ ही पीटीएम के माध्यम से भी अभिभावकों को इसके बारे में  जानकारी दी जाएगी.

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Published : Aug 2, 2019, 5:12 PM IST

शिक्षा मंत्री के आदेशों के बाद भी महाविद्यालय में लागू नहीं हुआ ड्रेस कोड.

कोटद्वार: उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने विगत वर्षों में उत्तराखंड के सभी डिग्री कॉलेजों में ड्रेस कोड लागू करने की बात कही थी. जिसके बाद सभी कॉलेजों में निर्देश दिए गए थे कि सभी छात्र-छात्राएं कॉलेज परिसर में ड्रेस कोड में ही आएं, साथ ही कहा गया कि जिन छात्रों की 75% अटेंडेंस हो उन्हें ही परीक्षा में बैठने दिया जाएगा. बावजूद इसके कोटद्वार के राजकीय स्नाकोत्तर महाविद्यालय में बीए, बीकॉम व बीएससी के छात्र-छात्राएं आज भी ड्रेस कोड का पालन नहीं कर रहे हैं.

वहीं जब इस बारे में कोटद्वार के राजकीय स्नाकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य से बात की गई तो उन्होंने कहा कि ड्रेस कोड के लिए वे छात्र संगठनों के साथ बैठक करने जा रहे हैं. इसके साथ ही पीटीएम के माध्यम से भी अभिभावकों को इसके बारे में जानकारी दी जाएगी. महाविद्यालय के प्राचार्य ने कहा कि अगर कॉलेज में ड्रेस कोड रहेगा तो महाविद्यालय में अनुशासन बना रहेगा. ड्रेस कोड से विद्यार्थी कॉलेज परिसर में आसानी से पहचाने जाएंगे.

शिक्षा मंत्री के आदेशों के बाद भी महाविद्यालय में लागू नहीं हुआ ड्रेस कोड.

पढ़ें-तेलंगाना में भीषण सड़क हादसा, एक ही परिवार के पांच लोगों की मौत

बीकॉम द्वितीय वर्ष की छात्रा सुरभि कंडारी का कहना है कि हर कॉलेज में ड्रेस कोड कंपलसरी होना चाहिए. उन्होंने कहा अगर कॉलेज में ड्रेस कोड लागू होता है तो छात्र-छात्राओं का ही फायदा होगा. इससे कॉलेज में बाहर से आने वाले शरारती तत्वों पर आसानी से रोक लगाई जा सकती है. विश्वविद्यालय प्रतिनिधि सौरभ पांडे का कहना है कि महाविद्यालय प्रशासन ने पहले ही ड्रेस कोड लागू कर दिया है.

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पहाड़ी क्षेत्रों के महाविद्यालयों में भी ड्रेस कोड इस साल से लागू हो गया है, लेकिन कोटद्वार महाविद्यालय के हालात देख कर नहीं लगता कि यहां पर ड्रेस कोड लागू किया जा सकेगा. उन्होंने कहा कि यहां पर जो प्रोफेसर हैं वह छात्र-छात्राओं पर प्रेशर बनाए कि उसी छात्र को क्लास में बैठने दिया जाएगा जो ड्रेस कोड में आएगा.

पढ़ें-नैनीताल हाई कोर्ट के आदेश पर PCS मनीष बिष्ट नौकरी से बर्खास्त

वहीं इस सारे मामले में उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत का कहना है कि उत्तराखंड के ज्यादातर कॉलेजों में ड्रेस कोड लागू हो गया है. उन्होंने कहा इसे लेकर छात्रों की अच्छी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. धन सिंह रावत ने कहा कि ड्रेस कोड के कारण कालेजों में उपस्थिति भी काफी हद तक बढ़ी है.

कोटद्वार: उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने विगत वर्षों में उत्तराखंड के सभी डिग्री कॉलेजों में ड्रेस कोड लागू करने की बात कही थी. जिसके बाद सभी कॉलेजों में निर्देश दिए गए थे कि सभी छात्र-छात्राएं कॉलेज परिसर में ड्रेस कोड में ही आएं, साथ ही कहा गया कि जिन छात्रों की 75% अटेंडेंस हो उन्हें ही परीक्षा में बैठने दिया जाएगा. बावजूद इसके कोटद्वार के राजकीय स्नाकोत्तर महाविद्यालय में बीए, बीकॉम व बीएससी के छात्र-छात्राएं आज भी ड्रेस कोड का पालन नहीं कर रहे हैं.

वहीं जब इस बारे में कोटद्वार के राजकीय स्नाकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य से बात की गई तो उन्होंने कहा कि ड्रेस कोड के लिए वे छात्र संगठनों के साथ बैठक करने जा रहे हैं. इसके साथ ही पीटीएम के माध्यम से भी अभिभावकों को इसके बारे में जानकारी दी जाएगी. महाविद्यालय के प्राचार्य ने कहा कि अगर कॉलेज में ड्रेस कोड रहेगा तो महाविद्यालय में अनुशासन बना रहेगा. ड्रेस कोड से विद्यार्थी कॉलेज परिसर में आसानी से पहचाने जाएंगे.

शिक्षा मंत्री के आदेशों के बाद भी महाविद्यालय में लागू नहीं हुआ ड्रेस कोड.

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बीकॉम द्वितीय वर्ष की छात्रा सुरभि कंडारी का कहना है कि हर कॉलेज में ड्रेस कोड कंपलसरी होना चाहिए. उन्होंने कहा अगर कॉलेज में ड्रेस कोड लागू होता है तो छात्र-छात्राओं का ही फायदा होगा. इससे कॉलेज में बाहर से आने वाले शरारती तत्वों पर आसानी से रोक लगाई जा सकती है. विश्वविद्यालय प्रतिनिधि सौरभ पांडे का कहना है कि महाविद्यालय प्रशासन ने पहले ही ड्रेस कोड लागू कर दिया है.

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पहाड़ी क्षेत्रों के महाविद्यालयों में भी ड्रेस कोड इस साल से लागू हो गया है, लेकिन कोटद्वार महाविद्यालय के हालात देख कर नहीं लगता कि यहां पर ड्रेस कोड लागू किया जा सकेगा. उन्होंने कहा कि यहां पर जो प्रोफेसर हैं वह छात्र-छात्राओं पर प्रेशर बनाए कि उसी छात्र को क्लास में बैठने दिया जाएगा जो ड्रेस कोड में आएगा.

पढ़ें-नैनीताल हाई कोर्ट के आदेश पर PCS मनीष बिष्ट नौकरी से बर्खास्त

वहीं इस सारे मामले में उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत का कहना है कि उत्तराखंड के ज्यादातर कॉलेजों में ड्रेस कोड लागू हो गया है. उन्होंने कहा इसे लेकर छात्रों की अच्छी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. धन सिंह रावत ने कहा कि ड्रेस कोड के कारण कालेजों में उपस्थिति भी काफी हद तक बढ़ी है.

Intro:summary उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने विगत वर्ष में कहा था कि उत्तराखंड के सभी डिग्री कॉलेजों में ड्रेस कोड के आदेश जारी कर दिए गए है, लेकिन मंत्री के आदेशों की छात्र -छात्राएं किस तरह माखोल उड़ा रहे है यह राजकीय स्नाकोत्तर महाविद्यालय कोटद्वार दर्शाता है।


intro उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने विगत वर्षों में उत्तराखंड के सभी डिग्री कॉलेजों में ड्रेस कोड की बात कही थी और सभी कॉलेजों के प्राचार्यो को निर्देश दिए थे, कि सभी छात्र-छात्राएं कॉलेज परिसर में ड्रेस कोड में हो, 75% तक अटेंडेंस हो, उसके बाद ही उन्हें परीक्षा में बैठने दिया जाएगा, कोटद्वार के राजकीय स्नाकोत्तर महाविद्यालय में बीए, बीकॉम व बीएससी कि छात्र-छात्राएं आज भी ड्रेस कोड का पालन नहीं कर रहे हैं।


Body:वीओ1- वहीं राजकीय स्नाकोत्तर महाविद्यालय कोटद्वार के प्राचार्य का कहना है कि ड्रेस कोड के लिए हम छात्र संगठनों की बैठक करने जा रहे हैं, पीटीए के माध्यम से हम अभिभावकों को भी कॉलेज परिसर में बुलायेगे, मैं इस समय इस चीज को देख रहा हूं कि ड्रेस कोड रहेगा तो महाविद्यालय में अनुशासन भी रहेगा और हमारे विद्यार्थी अलग से कॉलेज परिसर में पहचाने जाएंगे, इसके लिए हम प्रयास कर रहे हैं, छात्रों से भी सहयोग मिलेगा, बहुत जल्दी मुझे आशा है कि हम पूरे महाविद्यालय में ड्रेस कोड को लागू कर देंगे।

बाइट - सोहन लाल भट्ट प्राचार्य


वीओ2- वहीं उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत का कहना है कि ड्रेस कोड हमारे उत्तराखंड के मैक्सिमम कॉलेज में लागू हो गया है छात्रों ने इसको बहुत अच्छे ढंग से लिया है उसके कारण कालेजों में उपस्थिति भी काफी हद तक बढ़ी है।

बाइट - धन सिंह रावत

वीओ3- वहीं बीकॉम द्वितीय वर्ष की छात्रा सुरभि कंडारी का कहना है कि कॉलेज में ड्रेस कोड होना चाहिए और हर कॉलेज में कंपलसरी होना चाहिए, ड्रेस अगर लागू होता है तो छात्र-छात्राओं का ही फायदा है उससे कॉलेज परिसर में चोरी नहीं होगी। एग्जाम के समय कॉलेज परिसर से स्कूटीओं से फोन चोरी हो जाते हैं रुपए चोरी हो जाते है, कॉलेज वाला तो चोरी करेगा नहीं, अगर ड्रेस कोड रहेगा तो चोरिया नही होगी, और छात्र-छात्राओं को इससे फायदा होगा तो मेरा तो यही मानना है कि हर कॉलेज में ड्रेस कोड लागू होना चाहिए।

बाइट सुरभी कंडारी

वीओ4- विश्वविद्यालय प्रतिनिधि सौरभ पांडे का कहना है कि विश्वविद्यालय द्वारा तो ड्रेस कोड लागू कर दिया गया है, पहाड़ी क्षेत्रों के महाविद्यालय में भी मैक्स में ड्रेस कोड इस साल से ज्यादा से ज्यादा लागू हो गया है , लेकिन कोटद्वार महाविद्यालय के हालात देख कर नही लगता कि यहां पर ड्रेस कोड लागू किया जा सकेगा। यहां पर जो प्रोफेसर है वह छात्र-छात्राओं पर प्रेशर बनाए की क्लास में उसी छात्र छात्रा को बैठने दिया जाएगा जो ड्रेस कोड में आएगा, क्योंकि ड्रेस कोड लागू होने से छात्र-छात्राएं कैंपस के अंदर आकर पढ़ाई करेंगे, छात्र-छात्राएं कहीं जाकर घूमने लग जाते हैं घर से कॉलेज के नाम से आते हैं लेकिन प्रॉपर कॉलेज नहीं पहुंचते, फालतू छात्र-छात्राएं महाविद्यालय आते हैं घूमते रहते, जो कि गलत घटनाएं महाविद्यालय परिसर में हो रही है जैसे परीक्षा के दौरान चोरी होना अन्य गतिविधियां इन्हीं कारणों से होती है, महाविद्यालय प्रॉपर तरीके से ड्रेस कोड लागू हो जाएगा तो महाविद्यालय में होने वाले अप्रिय घटनाएं सब बंद हो जाएंगी।

बाइट सौरभ पांडे विश्वविद्यालय प्रतिनिधि ।



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