कोटद्वार: उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने विगत वर्षों में उत्तराखंड के सभी डिग्री कॉलेजों में ड्रेस कोड लागू करने की बात कही थी. जिसके बाद सभी कॉलेजों में निर्देश दिए गए थे कि सभी छात्र-छात्राएं कॉलेज परिसर में ड्रेस कोड में ही आएं, साथ ही कहा गया कि जिन छात्रों की 75% अटेंडेंस हो उन्हें ही परीक्षा में बैठने दिया जाएगा. बावजूद इसके कोटद्वार के राजकीय स्नाकोत्तर महाविद्यालय में बीए, बीकॉम व बीएससी के छात्र-छात्राएं आज भी ड्रेस कोड का पालन नहीं कर रहे हैं.
वहीं जब इस बारे में कोटद्वार के राजकीय स्नाकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य से बात की गई तो उन्होंने कहा कि ड्रेस कोड के लिए वे छात्र संगठनों के साथ बैठक करने जा रहे हैं. इसके साथ ही पीटीएम के माध्यम से भी अभिभावकों को इसके बारे में जानकारी दी जाएगी. महाविद्यालय के प्राचार्य ने कहा कि अगर कॉलेज में ड्रेस कोड रहेगा तो महाविद्यालय में अनुशासन बना रहेगा. ड्रेस कोड से विद्यार्थी कॉलेज परिसर में आसानी से पहचाने जाएंगे.
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बीकॉम द्वितीय वर्ष की छात्रा सुरभि कंडारी का कहना है कि हर कॉलेज में ड्रेस कोड कंपलसरी होना चाहिए. उन्होंने कहा अगर कॉलेज में ड्रेस कोड लागू होता है तो छात्र-छात्राओं का ही फायदा होगा. इससे कॉलेज में बाहर से आने वाले शरारती तत्वों पर आसानी से रोक लगाई जा सकती है. विश्वविद्यालय प्रतिनिधि सौरभ पांडे का कहना है कि महाविद्यालय प्रशासन ने पहले ही ड्रेस कोड लागू कर दिया है.
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पहाड़ी क्षेत्रों के महाविद्यालयों में भी ड्रेस कोड इस साल से लागू हो गया है, लेकिन कोटद्वार महाविद्यालय के हालात देख कर नहीं लगता कि यहां पर ड्रेस कोड लागू किया जा सकेगा. उन्होंने कहा कि यहां पर जो प्रोफेसर हैं वह छात्र-छात्राओं पर प्रेशर बनाए कि उसी छात्र को क्लास में बैठने दिया जाएगा जो ड्रेस कोड में आएगा.
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वहीं इस सारे मामले में उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत का कहना है कि उत्तराखंड के ज्यादातर कॉलेजों में ड्रेस कोड लागू हो गया है. उन्होंने कहा इसे लेकर छात्रों की अच्छी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. धन सिंह रावत ने कहा कि ड्रेस कोड के कारण कालेजों में उपस्थिति भी काफी हद तक बढ़ी है.